दौसा. जिले के बांदीकुई में शुक्रवार को न्यायालय में मजिस्ट्रेट ने एक महिला को अपने पति की हत्या के मामले में 7 साल बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं मामले में लिप्त अन्य तीन आरोपियों को भी आजीवन कारावास दिया गया है. आरोपियों पर 10-10 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है.
दरअसल, 17 सितंबर 2016 को ओमप्रकाश उर्फ भोमा पुत्र गोकुलराम मीना निवासी ध्यावना की ढाणी बसवा ने बसवा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में बताया गया कि उसका भाई सुखराम 16 सितंबर को शाम 4 बजे कहीं चला गया था. ढूंढ़ने पर पता चला कि रास्ते में एनिकट के पास एक युवक का शव पड़ा हुआ मिला. भतीजे ने घर आकर इसकी सूचना दी. मौके पर जाकर देखा, तो वहां सुखराम मृत अवस्था में पड़ा था.
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पुलिस जांच में पत्नी और रिश्तेदार निकले हत्यारे: इस दौरान दर्ज मामले की पुलिस ने जांच की, तो मामले में मृतक की पत्नी और अन्य कुछ रिश्तेदारों की भूमिका संदिग्ध नजर आई. मामले की जांच करने पर मृतक की पत्नी रशाल देवी, अजय उर्फ अजीत, आशीष कुमार, अमित कुमार को सुखराम की हत्या के मामले में दोषी पाया गया. इस दौरान पुलिस ने 4 आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 120 बी में अपराध प्रमाणित मानकर न्यायालय में चालान पेश किया.
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आजीवन कारावास और 10 हजार अर्थदंड की सजा: अपर लोक अभियोजक राजेश भड़ाना ने बताया कि इस मामले में 25 गवाह और 90 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए. जिसमें न्यायालय अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 2 के मजिस्ट्रेट सुनील कुमार गुप्ता ने मामले की सुनवाई करते हुए मृतक की पत्नी रशाल देवी सहित सभी आरोपियों के खिलाफ दोष साबित होने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं 10-10 हजार के अर्थदंड से भी आरोपियों को दंडित किया गया है.