दौसा. राजस्थान सरकार की ओर से ग्राम पंचायतों के लिए पीडी आदेश लागू करने के बाद सरपंच सरकार के खिलाफ हो गए. ऐसे में बुधवार को जिले के दर्जनों सरपंच जिला कलेक्ट्रेट पर एकत्रित होकर मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बाद में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर पीडी आदेश को वापस करवाने की मांग की.
हाल ही में राज्य सरकार ने केंद्र से मिलने वाली राशि को ग्राम पंचायतों के खातों के बजाय पीडी खाते में जमा कराने के आदेश के बाद सरपंचों में आक्रोश व्याप्त हो गया है. बुधवार को दौसा कलेक्ट्रेट के बाहर जिले भर के सरपंच एकत्रित हुए और राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए यह आदेश वापस लेने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा.
सरपंचों का कहना था कि गांव के विकास के लिए ग्राम पंचायत के खाते में पैसा होने से वे समय पर और ठीक ढंग से कार्य करा पाते थे, लेकिन अब केंद्र से मिलने वाली राशि पीडी खाते में आने से वित्त विभाग के चक्कर लगाने होंगे और समय पर विकास कार्य नहीं हो सकेंगे. इस दौरान सरपंच संघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने यह आदेश वापस नहीं लिया, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
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सिकंदरा सरपंच संघ के अध्यक्ष श्रवण सूबेदार ने कहा कि सरकार ग्राम पंचायत विकास के पहियों को रोकने के लिए इस तरह के आदेश निकाल रही है. जिस तरह विधायक और सांसद चुनकर आते हैं, उसी तरह ग्राम पंचायतों में सरपंच भी चुनाव लड़ कर चुने जाते हैं, लेकिन केंद्र के पैसे को सरकार पीडी खाते में डाल कर विकास कार्यों को जाम करने की साजिश कर रही है, यदि इस आदेश को वापस नहीं लिया गया तो पूरे प्रदेश के सरपंच सभी ग्राम पंचायतों पंचायतों के ताले लगाकर हड़ताल करेंगे.