दौसा. अपने-अपने क्षेत्र के विकास का दावा करने वाले जनप्रतिनिधियों के विकास के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं. मामला जिले के कुंडल ग्राम पंचायत के जामा गांव का है. जहां के बाशिंदों का कहना है कि देश को आजाद हुए इतने साल हो गए, लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि ने उनके गांव की सुध नहीं ली.
जिसके चलते जामा गांव आज भी परिवहन सुविधा से मोहताज है. आने-जाने के लिए बस की सुविधा तो बहुत दूर की बात है गांव में जाने के लिए सड़क भी नहीं बनी है. जिससे कि ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम जामा को कुंडल ग्रामपंचायत मुख्यालय से जोड़ने वाली मुख्य सड़क जामा से कोलवा रेलवे स्टेशन होते हुए कुंडल जाती है, लेकिन इस सड़क को आजादी के बाद अभी तक भी नहीं बनाया गया.
ऐसे में ग्रामीण परिवहन सुविधा के लिए परेशान होते नजर आते हैं. स्कूल आने जाने वाले बच्चे भी इसी रास्ते से स्कूल आते हैं, लेकिन बारिश के दिनों में यह रास्ता और भी खराब हो जाता है. इस कच्ची सड़क पर जगह-जगह गड्ढों में पानी भर जाता है. जिससे कि आवागमन पूरी तरह बाधित हो जाता है. ऐसे में सांसद या विधायक कोई भी जामा गांव की सुध नहीं ले रहा.
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तकरीबन 5 किलोमीटर लंबी सड़क का रास्ता आजादी के बाद से अब तक भी पक्की सड़क बनने का इंतजार कर रहा है. जिसके चलते गुरुवार को ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने सड़क पर जाम लगाते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मीडिया के माध्यम से सरकार को और अधिकारियों को चेतावनी दी कि 15 दिन में अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो आगे उग्र आंदोलन करेंगे.