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लॉकडाउन की दोहरी मारः आमदनी घटती गई...महंगाई के पारे में आया उछाल...आमजन परेशान

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Published : May 24, 2020, 8:44 PM IST

वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में एक ओर जहां रोजगार में कमी आई है, तो वहीं महंगाई और घरेलू राशन सामग्री की वस्तुओं के दामों में भी वृद्धि हो गई है. बता दें कि लॉकडाउन के बाद राशन साम्रगियों के कीमतों में करीब 20 से 25 फीसदी तक वृद्धि हुई है.

राशन साम्रगी के कीमतों में वृद्धि, COVID-19, Corona epidemic, Lockdown in Dausa
लॉकडाउन का असर

दौसा. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन चल रहा है. इस लॉकडाउन से हर कोई प्रभावित है, लेकिन इसके दौरान सबसे अधिक कोई प्रभावित हुआ है तो वह आम आदमी या मजदूर वर्ग है. लॉकडाउन के कारण एक ओर जहां रोजगार में कमी आई है, तो वहीं महंगाई और घरेलू राशन सामग्री की वस्तुओं के दामों में भी वृद्धि हो गई है.

लॉकडाउन के बाद बढ़ी राशन साम्रगियों की कीमत

बता दें कि घरेलू राशन साम्रगियों में वृद्धि होने से आम आदमी के ऊपर सीधी चोट पर रही है. लॉकडाउन के बाद अब आम आदमी रोजगार और महंगाई की दोहरी मार के बीच पिस रहा है. राशन सामग्री या रोज काम आने वाली खाने-पीने की जरूरत की चीजें के दामों में भी वृद्धि हो गई, जिसके चलते आम आदमी के ऊपर और संकट आ गया है.

राशन साम्रगी के कीमतों में वृद्धि, COVID-19, Corona epidemic, Lockdown in Dausa
ग्राहक के इंतजार में दुकानदार

होलसेलर विक्रेताओं ने बढ़ाई रेट

इस महंगाई की मार को लेकर व्यापारियों का कहना है कि कुछ बड़े व्यापारियों और होलसेलर विक्रेताओं ने राशन सामग्री की रेट बढ़ा दी है, जिसके चलते आम आदमी को अब जरूरत के सामान भी महंगे दामों में मिल रहै हैं. उनका कहना है कि मल्टीनेशनल कंपनियों ने भी आम आदमी की जरूरत के सभी उत्पादों पर अपने निर्धारित मूल्यों में वृद्धि की है.

राशन साम्रगी के कीमतों में वृद्धि, COVID-19, Corona epidemic, Lockdown in Dausa
घरेलू उत्पादों के दामों में वृद्धि

पढ़ें- कोरोना की मार, मजदूर बेहाल...सीमेंट फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों पर रोजी-रोटी का संकट

व्यापारियों ने कहा कि पहले कई स्कीम और छूट योजना के तहत ग्राहक को छूट देकर सस्ती दर पर माल उपलब्ध करवाया जाता था, लेकिन वह सभी स्कीमें और छूटों को बंद करके आम उपभोक्ता पर प्रहार किया है. उनका कहना है कि ऐसे में अब आम आदमी रोजगार और महंगाई के बीच पीसता हुआ नजर आ रहा है. साथ ही व्यापारियों ने ट्रांसपोर्टेशन नहीं मिलने और सामान महंगे दामों पर मिलने जैसे बातों का बहाना कर जरूरत की चीजों के दामों में वृद्धि कर दी है.

राशन साम्रगी के कीमतों में वृद्धि, COVID-19, Corona epidemic, Lockdown in Dausa
लॉकडाउन में महंगाई की मार

20-25 फीसदी तक हुई वृद्धि

आम आदमी के जरूरतों के सामान पर लॉकडाउन से पहले और बाद के कीमत पर नजर डालें तो जरूरत की सभी खाने-पीने की वस्तुओं के दामों में पहले से अधिक वृद्धि नजर आ रही है. आम जरूरत के राशन सामग्री हो या रोज काम आने वाले उत्पाद सभी के कीमतों में करीब 20 से 25 फीसदी तक वृद्धि की गई है.

लॉकडाउन से पहले और बाद सामानों की कीमतः

सामानपहलेअब
चावल3540
चीनी3438
रिफाइंड8595
नमकीन160195
मूंग दाल छिलका90110
मोहर दाल95120
अरहर दाल7090
चना दाल5565
सैनेटरी नैपकिन3036
बेबी शॉप4852
हेयर ऑयल5055
मास्क13
सैनेटाइजर6075

व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन से पहले और लॉकडाउन के बाद खाने-पीने के सामान और राशन सामग्री का जिन क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में उपयोग होता था, वह सब बंद हो गए हैं. उनका कहना है कि होटल्स, शादी समारोह, सामाजिक समारोह, जन्म एवं मृत्यु भोज, रेस्टोरेंट, ढाबों में राशन सामग्री और अन्य जरूरत के समान बहुतायत में उपयोग में आते हैं. ऐसे में इनकी डिमांड मार्केट से कम होने के चलते इन सभी वस्तुओं के दामों में गिरावट आनी चाहिए, लेकिन बावजूद दुकानदारों की मनमर्जी या लूट के चलते आम जनता को राशन सामग्री महंगे दामों में मिल रही है.

दौसा. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन चल रहा है. इस लॉकडाउन से हर कोई प्रभावित है, लेकिन इसके दौरान सबसे अधिक कोई प्रभावित हुआ है तो वह आम आदमी या मजदूर वर्ग है. लॉकडाउन के कारण एक ओर जहां रोजगार में कमी आई है, तो वहीं महंगाई और घरेलू राशन सामग्री की वस्तुओं के दामों में भी वृद्धि हो गई है.

लॉकडाउन के बाद बढ़ी राशन साम्रगियों की कीमत

बता दें कि घरेलू राशन साम्रगियों में वृद्धि होने से आम आदमी के ऊपर सीधी चोट पर रही है. लॉकडाउन के बाद अब आम आदमी रोजगार और महंगाई की दोहरी मार के बीच पिस रहा है. राशन सामग्री या रोज काम आने वाली खाने-पीने की जरूरत की चीजें के दामों में भी वृद्धि हो गई, जिसके चलते आम आदमी के ऊपर और संकट आ गया है.

राशन साम्रगी के कीमतों में वृद्धि, COVID-19, Corona epidemic, Lockdown in Dausa
ग्राहक के इंतजार में दुकानदार

होलसेलर विक्रेताओं ने बढ़ाई रेट

इस महंगाई की मार को लेकर व्यापारियों का कहना है कि कुछ बड़े व्यापारियों और होलसेलर विक्रेताओं ने राशन सामग्री की रेट बढ़ा दी है, जिसके चलते आम आदमी को अब जरूरत के सामान भी महंगे दामों में मिल रहै हैं. उनका कहना है कि मल्टीनेशनल कंपनियों ने भी आम आदमी की जरूरत के सभी उत्पादों पर अपने निर्धारित मूल्यों में वृद्धि की है.

राशन साम्रगी के कीमतों में वृद्धि, COVID-19, Corona epidemic, Lockdown in Dausa
घरेलू उत्पादों के दामों में वृद्धि

पढ़ें- कोरोना की मार, मजदूर बेहाल...सीमेंट फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों पर रोजी-रोटी का संकट

व्यापारियों ने कहा कि पहले कई स्कीम और छूट योजना के तहत ग्राहक को छूट देकर सस्ती दर पर माल उपलब्ध करवाया जाता था, लेकिन वह सभी स्कीमें और छूटों को बंद करके आम उपभोक्ता पर प्रहार किया है. उनका कहना है कि ऐसे में अब आम आदमी रोजगार और महंगाई के बीच पीसता हुआ नजर आ रहा है. साथ ही व्यापारियों ने ट्रांसपोर्टेशन नहीं मिलने और सामान महंगे दामों पर मिलने जैसे बातों का बहाना कर जरूरत की चीजों के दामों में वृद्धि कर दी है.

राशन साम्रगी के कीमतों में वृद्धि, COVID-19, Corona epidemic, Lockdown in Dausa
लॉकडाउन में महंगाई की मार

20-25 फीसदी तक हुई वृद्धि

आम आदमी के जरूरतों के सामान पर लॉकडाउन से पहले और बाद के कीमत पर नजर डालें तो जरूरत की सभी खाने-पीने की वस्तुओं के दामों में पहले से अधिक वृद्धि नजर आ रही है. आम जरूरत के राशन सामग्री हो या रोज काम आने वाले उत्पाद सभी के कीमतों में करीब 20 से 25 फीसदी तक वृद्धि की गई है.

लॉकडाउन से पहले और बाद सामानों की कीमतः

सामानपहलेअब
चावल3540
चीनी3438
रिफाइंड8595
नमकीन160195
मूंग दाल छिलका90110
मोहर दाल95120
अरहर दाल7090
चना दाल5565
सैनेटरी नैपकिन3036
बेबी शॉप4852
हेयर ऑयल5055
मास्क13
सैनेटाइजर6075

व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन से पहले और लॉकडाउन के बाद खाने-पीने के सामान और राशन सामग्री का जिन क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में उपयोग होता था, वह सब बंद हो गए हैं. उनका कहना है कि होटल्स, शादी समारोह, सामाजिक समारोह, जन्म एवं मृत्यु भोज, रेस्टोरेंट, ढाबों में राशन सामग्री और अन्य जरूरत के समान बहुतायत में उपयोग में आते हैं. ऐसे में इनकी डिमांड मार्केट से कम होने के चलते इन सभी वस्तुओं के दामों में गिरावट आनी चाहिए, लेकिन बावजूद दुकानदारों की मनमर्जी या लूट के चलते आम जनता को राशन सामग्री महंगे दामों में मिल रही है.

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