नई दिल्ली: हिजबुल्लाह ने शनिवार को पुष्टि की कि उसके शीर्ष नेता हसन नसरल्लाह लेबनान के बेरूत में ईरान समर्थित आतंकवादी समूह के मुख्यालय पर इजराइली हमले के दौरान मारे गए. नसरल्लाह की मौत के बाद अब सवाल यह उठ रहा है कि हिजबुल्लाह का अगला प्रमुख कौन होगा.
ईरान की मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, हिजबुल्लाह ने शनिवार दोपहर को पुष्टि की कि उसके महासचिव सैयद हसन नसरल्लाह इजराइली हमले में शहीद हो गए. रिपोर्ट में कहा गया है कि हिजबुल्लाह ने फिर से दोहराया है कि वह दुश्मन के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगा. गाजा और फिलिस्तीन का समर्थन करेगा और लेबनान की रक्षा करेगा.
1960 में बेरूत के उपनगरीय इलाके में एक शिया परिवार में जन्मे नसरल्लाह ने सूर शहर (Tyre City) में अपनी शिक्षा पूरी की, फिर कुछ समय के लिए अमल मूवमेंट में शामिल हो गए, जो कि लेबनान की एक राजनीतिक पार्टी और पूर्व मिलिशिया है, जो मुख्य रूप से लेबनान के शिया समुदाय से जुड़ी हुई है. इसके बाद नसरल्लाह बालबेक में एक शिया मदरसा से जुड़े. बाद में उन्होंने अमल स्कूल में अध्ययन और अध्यापन किया.
नसरल्लाह हिजबुल्लाह में शामिल हो गए, जिसका गठन 1982 में लेबनान पर इजराइली आक्रमण से लड़ने के लिए किया गया था. कुछ समय के लिए ईरान में धार्मिक अध्ययन के बाद नसरल्लाह लेबनान लौट आए और 1992 में इजराइल के हवाई हमले में हिजबुल्लाह के तत्कालीन प्रमुख अब्बास अल-मुसावी की हत्या के बाद समूह के नेता बन गए.
अब बेरूत में इजराइली हवाई हमले में नसरल्लाह के मारे जाने के बाद इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि हिजबुल्लाह का नेतृत्व कौन संभालेगा.
पश्चिम एशिया के एक विशेषज्ञ (जिन्होंने नाम न उगाजर करने की शर्त पर ईटीवी भारत से बात की) ने कहा कि नसरल्लाह की मौत इजराइल के लिए बड़ी जीत और ईरान के लिए बड़ी क्षति है.
सूत्र ने बताया, "आमतौर पर, ऐसे मामलों में, जो कोई भी शीर्ष नेता के अंतिम संस्कार का नेतृत्व करता है, वह आमतौर पर उत्तराधिकारी बनता है."
नईम कासिम हिजबुल्लाह के दूसरे नंबर के नेता
इससे नईम कासिम की ओर ध्यान आकर्षित होता है, जो एक शिया लेबनानी मौलवी और राजनीतिज्ञ हैं. वर्तमान में वह उप-महासचिव के पद के साथ हिजबुल्लाह के दूसरे नंबर के नेता हैं.
कासिम, नसरल्लाह के उत्तराधिकारी के लिए पहले विकल्प हैं. वह 1991 से हिजबुल्लाह के उप-महासचिव के रूप में काम कर रहे हैं और नसरल्लाह के दाहिने हाथ हैं. कासिम एक विचारक और अनुभवी राजनीतिक नेता हैं, जिन्हें हिजबुल्लाह के आंतरिक कामकाज की अच्छी समझ है. उन्होंने वर्षों से समूह के राजनीतिक और वैचारिक ट्रजेक्टरी को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
कासिम लेबनानी मुस्लिम छात्र संघ के संस्थापकों में से एक थे, जिसकी स्थापना 1970 के दशक में हुई थी. वह अमल आंदोलन में शामिल हुए, जब इसका नेतृत्व इमाम मूसा सद्र कर रहे थे. कासिम 1974 से 1988 तक इस्लामिक धार्मिक शिक्षा संघ के प्रमुख थे. उन्होंने अल-मुस्तफा स्कूलों के सलाहकार के रूप में भी काम किया. फिर कासिम ने हिजबुल्लाह की स्थापना की गतिविधियों में भाग लिया और 1992 में हिजबुल्लाह के उप-महासचिव नियुक्त किए गए.
नसरुल्लाह के डिप्टी के रूप में कासिम का लंबा कार्यकाल यह सुनिश्चित करता है कि वह संगठन की शीर्ष संरचना को गहराई से समझते हैं. वह सैन्य और राजनीतिक दोनों तरह के महत्वपूर्ण निर्णयों में शामिल रहे हैं.
इब्राहिम अकील के अंतिम संस्कार का नेतृत्व किया...
कासिम हाल ही में तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने हिजबुल्लाह की विशेष अभियान इकाई, रेडवान फोर्स (Redwan Force) के कमांडर-इन-चीफ इब्राहिम अकील के अंतिम संस्कार में भाग लिया था, जो 20 सितंबर को बेरूत में इजराइली हवाई हमले में मारे गए थे.
अंतिम संस्कार को संबोधित करते हुए कासिम ने कहा कि हिजबुल्लाह ने इजराइल के साथ अपनी लड़ाई के नए चरण में प्रवेश किया है और वह सभी सैन्य संभावनाओं का सामना करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि इजराइल के साथ लड़ाई अब 'एक खुली लड़ाई' है.
उन्होंने कहा कि इस चरण में हम गाजा के लिए समर्थन मोर्चा और इजराइल के खिलाफ संघर्ष को रचनात्मक तरीके से जारी रखेंगे. उन्होंने कहा, "समय-समय पर हम उन्हें मारेंगे और उनसे लड़ेंगे - जहां वे इसकी उम्मीद करते हैं और जहां वे नहीं करते."
कासिम ने कसम खाई कि गाजा के लिए लेबनान का समर्थन जारी रहेगा, चाहे इसमें कितना भी समय लगे, जब तक गाजा में युद्ध समाप्त नहीं हो जाता.
उन्होंने कहा, "उत्तर (इजराइल) के निवासी वापस नहीं लौटेंगे; ज्यादातर निवासियों को अपने घर छोड़ने पड़ेंगे और गाजा के लिए समर्थन बढ़ेगा. इजराइल का 'सैन्य समाधान' इजराइल और उत्तर के निवासियों के लिए हालात को और भी बदतर बना देगा."
पिछले साल 7 अक्टूबर को इजराइल पर फिलिस्तीनी संगठन हमास के हमले के कारण गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद से हिजबुल्लाह ने इजराइली सेना के साथ लगभग रोजाना सीमा पार से गोलीबारी की है. ये हमला हमास के समर्थन में किए गए. हमास के हमले में इजराइल में लगभग 1,200 नागरिक मारे गए थे और आतंकवादियों ने 251 लोगों का अपहरण कर लिया था. इजराइल और हमास के बीच गाजा में चल रहे युद्ध में अब तक 41,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं.
कासिम ने लेबनान के भीतर हिजबुल्लाह की राजनीतिक पहुंच और वार्ता का नेतृत्व किया है. ईसाई और सुन्नी समूहों सहित विभिन्न राजनीतिक गुटों के साथ संबंध बनाए हैं. उनके कूटनीतिक कौशल लेबनान के भीतर हिजबुल्लाह के राजनीतिक प्रभाव को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं.
संभावित उत्तराधिकारियों में ये भी शामिल
कासिम के अलावा, कुछ अन्य लोग भी हैं जो हिजबुल्लाह के नेतृत्व की भूमिका के लिए दावेदार हो सकते हैं. इनमें मुस्तफा मुगनीह, हाशिम सफीद्दीन और तलाल हमियाह शामिल हैं.
मुस्तफा मुगनीह हिजबुल्लाह के सैन्य कमांडर इमाद मुगनीह के बेटे हैं, जो हिजबुल्लाह के संभावित उत्तराधिकारियों में शामिल हैं. इमाद मुगनीह की 2008 में हत्या कर दी गई थी, जो हिजबुल्लाह के सैन्य अभियानों के आर्किटेक्ट थे और समूह के ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) से अच्छे संबंध थे. मुस्तफा अपने पिता की तरह हिजबुल्लाह के सैन्य रैंक में ऊपर उठे हैं और हिजबुल्लाह की सैन्य शाखा में सम्मान पाने के लिए जाने जाते हैं.
एक अन्य संभावित दावेदार हाशिम सफीद्दीन हो सकते हैं. लेबनान के शिया मौलवी, हिजबुल्लाह के वरिष्ठ अधिकारी और नसरल्लाह के मामा सफीद्दीन हिजबुल्लाह की कार्यकारी परिषद के प्रमुख हैं. हालांकि ऐसी खबरें सामने आई हैं कि वह नसरल्लाह के साथ इजराइल के हमले में मारे गए. फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
तलाल हमियाह एक और नाम है, जो चर्चा में हो सकता है. वह हिजबुल्लाह के विदेशी सैन्य अभियानों में एक अनुभवी व्यक्ति हैं. 2008 में इमाद मुगनीह की मृत्यु के बाद हमियाह ने हिजबुल्लाह के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में उनकी जगह ली, और वह हिजबुल्लाह के विदेशी संचालन शाखा, बाहरी सुरक्षा संगठन का नेतृत्व करने की अपनी जिम्मेदारियों के साथ-साथ जिहाद परिषद में शामिल हो गए.
हालांकि, अभी नसरल्लाह के अंतिम संस्कार का इंतजार करना होगा. विशेषज्ञ के अनुसार जब यह पता चलेगा कि नसरल्लाह के अंतिम संस्कार का नेतृत्व किसने किया, तो हिजबुल्लाह के अलगे प्रमुख को लेकर संदेह काफी हद तक दूर हो जाएगा.
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