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माकन को मिला किरोड़ी का साथ, कांग्रेस के दो दिग्गजों को बताया 'सांड' - सरदारशहर उपचुनाव

कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने बुधवार को राजस्थान प्रभारी का पद छोड़ दिया. माकन के इस फैसले का भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा ने स्वागत (Kirodi Lal Meena on ajay Maken resignation) किया. उन्होंने कहा कि माकन ने बुद्धिमानी का काम किया है.

Rajasthan Political News
माकन को मिला किरोड़ी का साथ
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Published : Nov 17, 2022, 10:00 AM IST

दौसा. दो साल पहले 2020 में पायलट समर्थकों की नाराजगी के (Ajay maken resigns from rajasthan in charge) चलते अविनाश पांडे को प्रदेश के प्रभारी पद से हटाया गया था और अब गहलोत समर्थक विधायकों के रवैए से आहत अजय माकन ने स्वेच्छा से प्रभारी का पद छोड़ दिया है. उन्होंने पद छोड़ने के (Rajasthan political crisis) पीछे की वजहों को अपने पत्र में स्पष्ट (Ajay Maken wrote letter to Kharge) किया. वहीं, इसको लेकर राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भी बड़ा बयान दिया है.

अजय माकन द्वारा अपने आप को राजस्थान से अलग किए जाने के फैसले के बाद राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा (Kirodi Lal Meena on ajay Maken resignation) कि उन्होंने बुद्धिमानी का काम किया है, जो समय रहते राजस्थान से हट गए. उन्होंने कहा कि मैं अजय माकन के निर्णय का स्वागत करता हूं.

माकन को मिला किरोड़ी का साथ

पढ़ें- अजय माकन ने छोड़ा राजस्थान प्रभारी का पद

राजस्थान में लड़ रहे दो सांड- मीणा ने कहा कि राजस्थान में दो सांड लड़ रहे हैं, ऐसे में माकन जैसे इनोसेंट व्यक्ति कुछ नहीं कर सकते. ऐसे में लड़ाई इतनी ज्यादा है कि अजय माकन बीच बचाव भी नहीं कर सकते थे. इस मामले में खुद पीस जाते इसलिए समय रहते हट गए. सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत और अजय माकन क्या कदम उठाएंगे यह तो वही जाने, लेकिन जैसे-जैसे राजस्थान में चुनाव (Rajasthan Vidhansabha Election 2023) नजदीक आएंगे तो यह जंग और ज्यादा होने वाली है. ऐसे में अजय माकन ने जो निर्णय लिया है वह बुद्धिमानी का कार्य है.

पढ़ें- राजस्थान: विद्रोह के चलते इस्तीफा देने को मजबूर हुए अजय माकन, अब खड़गे करेंगे नेतृत्व का परीक्षण

माकन ने छोड़ा राजस्थान प्रभारी का पद- बता दें, 25 सितंबर को राजस्थान में विधायक दल की बैठक नहीं होने और राजस्थान के नए हालातों के चलते राजस्थान का प्रभारी का पद छोड़ने की इच्छा जता दी थी. माकन ने अपने लेटर में 4 दिसंबर को भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश करने और सरदारशहर उपचुनाव को देखते हुए खड़गे से अपील की है कि वह जल्द से जल्द नया प्रभारी नियुक्त कर दें. इन दिनों माकन का एक लेटर भी वायरल हो रहा है.

माकन का जो लेटर वायरल हो रहा है, उसके अनुसार वह अब दिल्ली के मामलों पर एनजीओ और ट्रेड यूनियन के साथ मिलकर प्रदूषण और अन्य मुद्दों पर काम करना चाहते हैं. माकन ने राजस्थान प्रभारी का पद छोड़ने के साथ ही यह भी कहा है कि वह 40 साल से कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हैं और राहुल गांधी के समर्थक हैं जिनके भरोसे को मैं हमेशा पूरा करूंगा.

दौसा. दो साल पहले 2020 में पायलट समर्थकों की नाराजगी के (Ajay maken resigns from rajasthan in charge) चलते अविनाश पांडे को प्रदेश के प्रभारी पद से हटाया गया था और अब गहलोत समर्थक विधायकों के रवैए से आहत अजय माकन ने स्वेच्छा से प्रभारी का पद छोड़ दिया है. उन्होंने पद छोड़ने के (Rajasthan political crisis) पीछे की वजहों को अपने पत्र में स्पष्ट (Ajay Maken wrote letter to Kharge) किया. वहीं, इसको लेकर राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भी बड़ा बयान दिया है.

अजय माकन द्वारा अपने आप को राजस्थान से अलग किए जाने के फैसले के बाद राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा (Kirodi Lal Meena on ajay Maken resignation) कि उन्होंने बुद्धिमानी का काम किया है, जो समय रहते राजस्थान से हट गए. उन्होंने कहा कि मैं अजय माकन के निर्णय का स्वागत करता हूं.

माकन को मिला किरोड़ी का साथ

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राजस्थान में लड़ रहे दो सांड- मीणा ने कहा कि राजस्थान में दो सांड लड़ रहे हैं, ऐसे में माकन जैसे इनोसेंट व्यक्ति कुछ नहीं कर सकते. ऐसे में लड़ाई इतनी ज्यादा है कि अजय माकन बीच बचाव भी नहीं कर सकते थे. इस मामले में खुद पीस जाते इसलिए समय रहते हट गए. सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत और अजय माकन क्या कदम उठाएंगे यह तो वही जाने, लेकिन जैसे-जैसे राजस्थान में चुनाव (Rajasthan Vidhansabha Election 2023) नजदीक आएंगे तो यह जंग और ज्यादा होने वाली है. ऐसे में अजय माकन ने जो निर्णय लिया है वह बुद्धिमानी का कार्य है.

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माकन ने छोड़ा राजस्थान प्रभारी का पद- बता दें, 25 सितंबर को राजस्थान में विधायक दल की बैठक नहीं होने और राजस्थान के नए हालातों के चलते राजस्थान का प्रभारी का पद छोड़ने की इच्छा जता दी थी. माकन ने अपने लेटर में 4 दिसंबर को भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश करने और सरदारशहर उपचुनाव को देखते हुए खड़गे से अपील की है कि वह जल्द से जल्द नया प्रभारी नियुक्त कर दें. इन दिनों माकन का एक लेटर भी वायरल हो रहा है.

माकन का जो लेटर वायरल हो रहा है, उसके अनुसार वह अब दिल्ली के मामलों पर एनजीओ और ट्रेड यूनियन के साथ मिलकर प्रदूषण और अन्य मुद्दों पर काम करना चाहते हैं. माकन ने राजस्थान प्रभारी का पद छोड़ने के साथ ही यह भी कहा है कि वह 40 साल से कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हैं और राहुल गांधी के समर्थक हैं जिनके भरोसे को मैं हमेशा पूरा करूंगा.

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