दौसा. निजी स्कूल संचालक संचालकों ने शिक्षा विभाग पर दोहरा रवैया अपनाते हुए निजी स्कूलों के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए जिला कलेक्टर को 12 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा है. शिक्षा विभाग के पक्षपातपूर्ण व्यवहार के खिलाफ निजी स्कूल संचालकों ने शनिवार को शिक्षा बचाओ संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष सुभाष चंद बोहरा के नेतृत्व में 12 सूत्री मांगों से जिला कलेक्टर को अवगत करवाया. जिला अध्यक्ष सुभाष बोहरा ने बताया कि जिले में सरकारी स्कूलों को कोरोना काल में मार्गदर्शन के नाम पर कक्षा संचालन की छूट दे रखी है.
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उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के बचाव में शिक्षा अधिकारी झूठ बोलकर निजी स्कूलों के खिलाफ प्रशासन को गुमराह कर रहे हैं, जबकि सरकारी स्कूलों में बच्चों को बुलाकर मार्गदर्शन के नाम पर कक्षाएं चलाई जा रही है. निजी विद्यालय इस तरह की कोई मार्गदर्शन कक्षाएं भी चलाते हैं, तो उनके खिलाफ शिक्षा अधिकारी द्वारा कार्रवाई की जाती है, जबकि सरकारी विद्यालय जिले में धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं और ना ही वहां कोई कोरोना गाइडलाइन की पालना हो रही है. शिक्षा विभाग सरकारी विद्यालयों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा जिससे कि निजी विद्यालयों के संचालकों में विभाग के खिलाफ रोष व्याप्त है.
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वहीं निजी स्कूल संचालक संघ के जिला अध्यक्ष गंगा लहरी शर्मा ने बताया कि शिक्षा विभाग की दोहरी कार्रवाई से निजी स्कूल संचालक परेशान हैं. एक तो कोरोना काल के चलते निजी स्कूल वैसे ही बंद है. वे उन्हें अभिभावकों द्वारा कहीं से कोई फीस भी नहीं दी जा रही है. ऐसे में निजी स्कूल मार्गदर्शन के नाम पर भी कक्षाएं संचालित करते हैं, तो विभाग द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है. जबकि सरकारी विद्यालय जिले में धड़ल्ले से संचालित है, लेकिन शिक्षा विभाग उनके लिए आंखें मूंदे बैठा है.