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मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती आज, मोक्ष प्राप्ति के लिए ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा - MOKSHADA EKADASHI 2024

आज मोक्षदा एकादशी है. शास्त्रों में आज के दिन मोक्ष प्राप्ति के लिए व्रत, तप करने का जिक्र है.

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मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती आज (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 11, 2024, 8:01 AM IST

बीकानेर : हिंदू पंचांग के अनुसार साल में कुल 24 बार आने वाली एकादशी तिथि का अलग-अलग महत्व है. मान्यता है कि श्रीहरि विष्णु के शरीर से माता एकादशी उत्पन्न हुई थीं. एक माह में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में दो एकादशी तिथि होती है. मार्ग शीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी के रूप में मनाया जाता है. वहीं, आज मोक्षदा एकादशी है. शास्त्रों के अनुसार आज के दिन मोक्ष प्राप्ति के लिए व्रत, तप करना श्रेष्ठ है. साथ ही आज गीता जयंती भी है.

सर्वोत्तम फल की होगी प्राप्ति : बीकानेर के पंचांगकर्ता पं. राजेंद्र किराडू ने बताया कि मोक्षदा एकादशी पर विधि अनुसार पूजा पाठ करने से सर्वोत्तम फल की प्राप्ति होती है. आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का विधान है. कई जातक व्रत भी रखते हैं. मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी पर व्रत रखने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन गीता पाठ करने से भी कई जन्मों के पापों से मुक्ति मिल जाती है और शुभ फल प्राप्त होते हैं.

इसे भी पढ़ें - मोक्षदा एकादशी पर करें विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ, पहाड़ जैसे पाप होंगे नष्ट

आज होती है विष्णु भगवान के इस स्वरूप की पूजा : शंख, चक्र गदाधारी भगवान विष्णु के चतुर्भुज स्वरूप की आज के दिन पूजा होती है. मान्यता है कि आज के दिन भगवान के इस स्वरुप की पूजा करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसी भी मान्यता है कि जितना पुण्य हजारों वर्षों की तपस्या करने से मिलता है, उतना ही फल सच्चे मन से आज के दिन व्रत रखने से प्राप्त होता है. आज विष्णु सहस्त्रनाम और नारायण कवच का पाठ करना चाहिए.

ऐसे करें पूजा : भगवान विष्णु के चतुर्भुज स्वरूप की तस्वीर या मूर्ति के सामने घी का दीपक और धूप जलाएं. फिर व्रत का संकल्प लें. भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक कर उन्हें फूलों की माला पहनाएं. इसके बाद विधि-विधान से पूजा में रोली, चंदन, धूप, सिंदूर, तुलसी के पत्ते और मिठाई और फलों का भोग लगाएं. एकादशी की कथा सुनने के बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ कर आरती करें. पूरे दिन फलहार व्रत रखें और रात के समय जागरण करें. अगले दिन पूजा करने के बाद व्रत का पारण करें और दान-पुण्य करें.

इसे भी पढ़ें - आज का पंचांग: भगवान विष्णु की करें उपासना, मोक्षदा एकादशी पर मिलेगा वरदान

श्रीकृष्ण ने दिया गीता का ज्ञान : मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत में अर्जुन को कुरुक्षेत्र में गीता का ज्ञान दिया था. इसलिए इस दिन पर गीता जयंती भी मनाई जाती है. इसके साथ ही इस तिथि पर रवि नामक योग बन रहा है जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है. इस योग में पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

मां लक्ष्मी की पूजा : पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का भी वास होता है. इसलिए एकादशी के दिन पीपल के पेड़ पर जल जरूर अर्पित करें. ऐसा करने से भगवान विष्णु जल्द प्रसन्न होते हैं. धन लाभ के लिए मोक्षदा एकादशी पर पान का एक साफ पत्ता लेकर उसमें केसर से 'श्रीं' लिखें और इस पान के पत्तों को श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु के चरणों में चढ़ा दें. अगले दिन इसे लॉकर घर में रख लें. ऐसा करने से आपको पैसों की तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा.

बीकानेर : हिंदू पंचांग के अनुसार साल में कुल 24 बार आने वाली एकादशी तिथि का अलग-अलग महत्व है. मान्यता है कि श्रीहरि विष्णु के शरीर से माता एकादशी उत्पन्न हुई थीं. एक माह में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में दो एकादशी तिथि होती है. मार्ग शीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी के रूप में मनाया जाता है. वहीं, आज मोक्षदा एकादशी है. शास्त्रों के अनुसार आज के दिन मोक्ष प्राप्ति के लिए व्रत, तप करना श्रेष्ठ है. साथ ही आज गीता जयंती भी है.

सर्वोत्तम फल की होगी प्राप्ति : बीकानेर के पंचांगकर्ता पं. राजेंद्र किराडू ने बताया कि मोक्षदा एकादशी पर विधि अनुसार पूजा पाठ करने से सर्वोत्तम फल की प्राप्ति होती है. आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का विधान है. कई जातक व्रत भी रखते हैं. मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी पर व्रत रखने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन गीता पाठ करने से भी कई जन्मों के पापों से मुक्ति मिल जाती है और शुभ फल प्राप्त होते हैं.

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आज होती है विष्णु भगवान के इस स्वरूप की पूजा : शंख, चक्र गदाधारी भगवान विष्णु के चतुर्भुज स्वरूप की आज के दिन पूजा होती है. मान्यता है कि आज के दिन भगवान के इस स्वरुप की पूजा करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसी भी मान्यता है कि जितना पुण्य हजारों वर्षों की तपस्या करने से मिलता है, उतना ही फल सच्चे मन से आज के दिन व्रत रखने से प्राप्त होता है. आज विष्णु सहस्त्रनाम और नारायण कवच का पाठ करना चाहिए.

ऐसे करें पूजा : भगवान विष्णु के चतुर्भुज स्वरूप की तस्वीर या मूर्ति के सामने घी का दीपक और धूप जलाएं. फिर व्रत का संकल्प लें. भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक कर उन्हें फूलों की माला पहनाएं. इसके बाद विधि-विधान से पूजा में रोली, चंदन, धूप, सिंदूर, तुलसी के पत्ते और मिठाई और फलों का भोग लगाएं. एकादशी की कथा सुनने के बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ कर आरती करें. पूरे दिन फलहार व्रत रखें और रात के समय जागरण करें. अगले दिन पूजा करने के बाद व्रत का पारण करें और दान-पुण्य करें.

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श्रीकृष्ण ने दिया गीता का ज्ञान : मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत में अर्जुन को कुरुक्षेत्र में गीता का ज्ञान दिया था. इसलिए इस दिन पर गीता जयंती भी मनाई जाती है. इसके साथ ही इस तिथि पर रवि नामक योग बन रहा है जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है. इस योग में पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

मां लक्ष्मी की पूजा : पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का भी वास होता है. इसलिए एकादशी के दिन पीपल के पेड़ पर जल जरूर अर्पित करें. ऐसा करने से भगवान विष्णु जल्द प्रसन्न होते हैं. धन लाभ के लिए मोक्षदा एकादशी पर पान का एक साफ पत्ता लेकर उसमें केसर से 'श्रीं' लिखें और इस पान के पत्तों को श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु के चरणों में चढ़ा दें. अगले दिन इसे लॉकर घर में रख लें. ऐसा करने से आपको पैसों की तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा.

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