दौसा. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को पीसीसी चीफ और उप मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त करने के बाद प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. ऐसे में पायलट के समर्थकों में आक्रोश को देखते हुए गुर्जर बाहुल्य इलाकों में पुलिस के आला अफसरों की तैनाती की गई है. दौसा, सवाईमाधोपुर, टोंक, भीलवाड़ा समेत कई जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है. इसके लिए ADG लॉ एंड ऑर्डर सौरभ श्रीवास्तव ने आदेश जारी किए हैं.
दरअसल, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके साथी मंत्रियों की बर्खास्तगी के बाद प्रदेश के गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका बनी हुई है. जिसको मद्देनजर रखते हुए प्रदेश के गुर्जर बाहुल्य जिलों में एक-एक डीआईजी स्तर के पुलिस अधिकारी और आरपीएस अधिकारी को लगाया गया है.
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दौसा, भरतपुर, करौली सहित अन्य कई जिलों में भी पुलिस की डीआईजी स्तर के अधिकारियों को तैनात गया है. दौसा जिले में पूर्व पुलिस अधीक्षक और वर्तमान में डीआईजी अंशुमन भौमिया को लगाया गया है. अंशुमन भौमिया दबंग छवि के पुलिस ऑफिसर माने जाते हैं.
'दौसा में लगाए गए अंशुमन भौमिया'
अंशुमन भौमिया पहले भी 2 साल तक जिले में पुलिस अधीक्षक के पद पर रह चुके हैं. इस दौरान गुर्जर आंदोलन सहित जिले की बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था को कंट्रोल करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने उन्हें दौसा जिले में वापस से नियुक्त किया है. इन अधिकारियों को तत्काल संबंधित जिलों में कैम्प करने के आदेश दिए गए हैं.
अतिरिक्त महानिदेशक सौरभ श्रीवास्तव ने जारी किए आदेश
- दौसा में DIG अंशुमान भौमिया और RPS आशाराम तैनात.
- करौली में DIG सत्येंद्र और RPS हनुमान मीणा तैनात.
- भरतपुर में DIG विकास कुमार और IPS पुष्पेंद्र सोलंकी तैनात.
'पायलट परिवार का गहरा रिश्ता'
गौरतलब है कि सचिन पायलट के परिवार का दौसा से गहरा संबंध रहा है. पायलट के पिता स्वर्गीय राजेश पायलट दौसा से 5 बार सांसद रहे हैं. वहीं सचिन पायलट की मां रमा पायलट भी यहां से चुनाव लड़ कर सांसद रहीं है और खुद सचिन पायलट भी दौसा से सांसद रहे हैं. साफ जाहिर है कि दौसा पायलट परिवार की कर्मभूमि रही है. जिसके चलते दौसा वासियों का पायलट परिवार से रिश्ता गहरा है.
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पूर्व में भी जब विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री की दौड़ में आगे होने के बावजूद भी सचिन पायलट को मुख्यमंत्री न बनाकर उप मुख्यमंत्री बनाया गया, तो दौसा में कई जगहों पर तोड़फोड़ और नेशनल हाईवे जाम कर दिया गया था. वहीं हाईवे पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया गया था. ऐसे में अब पायलट को बर्खास्त किए जाने से गहलोत सरकार को हालात बिगड़ने का डर सता रहा है.