दौसा. पेट्रोल पंप संचालकों ने दी राजस्थान सरकार को चेतावनी यदि डीजल पेट्रोल पर लगने वाला वैट कम नहीं किया तो आगामी समय में पेट्रोल पंप को बंद कर हड़ताल की जाएगी, जिसके चलते बुधवार को जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर डीजल पेट्रोल पंप पर अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में अधिक वेट लगने से नाराज पेट्रोल पंप कर्मियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. साथ ही ज्ञापन सौंपकर वेट कम करवाने की मांग की.
पेट्रोल पंप एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष लोकेश शर्मा ने बताया कि राजस्थान के सीमावर्ती राज्यों में डीजल पेट्रोल पर लगने वाला वेट राजस्थान से कम है, जबकि राजस्थान में वेट अधिक होने के चलते यहां पेट्रोल और डीजल के दाम भी बढ़े हुए हैं. ऐसे में सीमावर्ती राज्य में पेट्रोल पंप की बिक्री बढ़ी हुई है और राजस्थान के सीमावर्ती पेट्रोल पंप ड्राई आउट हो चुके हैं. सीमावर्ती पेट्रोल पंप अपना खर्चा भी नहीं निकाल पा रहे वह बंद होने की कगार पर आ गए हैं. सरकार ने कोरोना काल के बाद डीजल पेट्रोल पर और वेट बढ़ा दिया है.
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हालांकि इस वेट बढ़ोतरी से सरकार की आय में तो वृद्धि हुई है, लेकिन वेट से राजस्थान सरकार को महज 2500 करोड़ रुपए की इनकम हुई है, जबकि सरकार को 5200 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है, जो कि वैट वसूली से दोगुना से भी अधिक है. ऐसे में सरकार को डीजल पेट्रोल की बिक्री वे सीमावर्ती पेट्रोल पंप के हालात को ध्यान में रखते हुए वेट को कम करना चाहिए, जिससे कि प्रदेश की जनता पर पड़ने वाला भार भी कम हो सके और पम्प संचालाकों के साथ साथ सरकार की आय में वृद्धि हो. जिला अध्यक्ष लोकेश शर्मा ने कहा कि सरकार ने यदि जल्दी डीजल पेट्रोल पर लगने वाला वेट कम नहीं किया तो आगामी समय में पंप को बंद कर प्रदेश व्यापी हड़ताल की जाएगा.