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पंचायती राज के इंजीनियरों ने मांगें नहीं मानने पर दी इस्तीफे की धमकी

दौसा में ग्रामीण विकास और पंचायती राज इंजीनियर्स एसोसिएशन सरकार को चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी 9 सूत्री मांगों को नहीं मानती तो 5 दिन तक हड़ताल करेंगे. उसके बाद अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.

engineers strike, दौसा न्यूज
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Published : Sep 16, 2019, 8:23 PM IST

दौसा. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज इंजीनियर ने अपने 5 दिन तक चलने वाली हड़ताल को लेकर जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर 9 सूत्री मांग को स्वीकार करने के लिए सरकार को साफ शब्दों में चेतावनी भी दे दी है. साथ ही कहा है कि यदि सरकार हमारी 9 सूत्री मांगों को नहीं मानती है तो 5 दिन के बाद सभी इंजीनियर अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.

पढ़ें- कोटा : नदियां उफान पर, कई गांवों का संपर्क टूटा, एसडीआरएफ ने 400 लोगों को किया रेस्क्यू

ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज इंजीनियर संघ के जिलाध्यक्ष चंदन लाल मीणा ने बताया कि एसोसिएशन की ओर से लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर सरकार के समक्ष रखा जा रहा है. लेकिन सरकार इंजिनियर्स की मांगों को लेकर बिल्कुल भी ध्यान देना नहीं चाहती है. जिसको लेकर सभी इंजीनियर्स प्रदेश के अंदर पांच दिवसीय हड़ताल पर हैं.

पंचायती राज के इंजीनियरों ने मांगें नहीं मानने पर दी इस्तीफे की धमकी

साथ ही चंदन लाल मीणा ने बताया कि वेतन वृद्धि व फिक्सेशन व प्रमोशन सहित विभिन्न मांगों को लेकर सभी इंजीनियर प्रदेश स्तरीय पांच दिवसीय धरने पर हैं. सभी ने प्रदेश अध्यक्ष को अपने इस्तीफे भेज दिए हैं. 5 दिन में सरकार मांगे नहीं मानती हो तो सब अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.

मीणा ने बताया कि विभागीय अभियंताओं द्वारा प्रति वर्ष 13 से 14 हजार करोड़ रुपए का निर्माण कार्य संपादन किया जाता है. लेकिन उसके परिपेक्ष में सरकार विभागीय अभियंताओं को स्थाई पद भी प्रदान नहीं कर रही है. वर्तमान में स्थाई अभियंताओं की संख्या नगण्य है.

दौसा. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज इंजीनियर ने अपने 5 दिन तक चलने वाली हड़ताल को लेकर जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर 9 सूत्री मांग को स्वीकार करने के लिए सरकार को साफ शब्दों में चेतावनी भी दे दी है. साथ ही कहा है कि यदि सरकार हमारी 9 सूत्री मांगों को नहीं मानती है तो 5 दिन के बाद सभी इंजीनियर अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.

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ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज इंजीनियर संघ के जिलाध्यक्ष चंदन लाल मीणा ने बताया कि एसोसिएशन की ओर से लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर सरकार के समक्ष रखा जा रहा है. लेकिन सरकार इंजिनियर्स की मांगों को लेकर बिल्कुल भी ध्यान देना नहीं चाहती है. जिसको लेकर सभी इंजीनियर्स प्रदेश के अंदर पांच दिवसीय हड़ताल पर हैं.

पंचायती राज के इंजीनियरों ने मांगें नहीं मानने पर दी इस्तीफे की धमकी

साथ ही चंदन लाल मीणा ने बताया कि वेतन वृद्धि व फिक्सेशन व प्रमोशन सहित विभिन्न मांगों को लेकर सभी इंजीनियर प्रदेश स्तरीय पांच दिवसीय धरने पर हैं. सभी ने प्रदेश अध्यक्ष को अपने इस्तीफे भेज दिए हैं. 5 दिन में सरकार मांगे नहीं मानती हो तो सब अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.

मीणा ने बताया कि विभागीय अभियंताओं द्वारा प्रति वर्ष 13 से 14 हजार करोड़ रुपए का निर्माण कार्य संपादन किया जाता है. लेकिन उसके परिपेक्ष में सरकार विभागीय अभियंताओं को स्थाई पद भी प्रदान नहीं कर रही है. वर्तमान में स्थाई अभियंताओं की संख्या नगण्य है.

Intro:ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज इंजिनियर्स एसोसिएशन सरकार को 7 शब्दों में चेतावनी दे दी है कि यदि सरकार उनकी 9 सूत्री मांगों को नहीं मानती है तो वह 5 दिन तक हड़ताल पर रहेंगे उसके बाद अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।


Body:दौसा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज इंजीनियर ने अपने 5 दिन तक चलने वाली हड़ताल को लेकर जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर 9 सूत्री मांग को स्वीकार करने के लिए सरकार को साफ शब्दों में चेतावनी भी दे दी और कहा कि यदि सरकार हमारी 9 सूत्री मांगों को नहीं मानती है तो 5 दिन के बाद सभी इंजीनियर अपने पद से इस्तीफा दे देंगे । ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज इंजीनियर संघ के जिलाध्यक्ष चंदन लाल मीणा ने बताया कि एसोसिएशन के द्वारा लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर सरकार के समक्ष रखा जा रहा है । लेकिन सरकार इंजिनियर्स की मांगों को लेकर बिल्कुल भी ध्यान देना नहीं चाहती । जिसको लेकर सभी इंजीनियर्स प्रदेश के अंदर पांच दिवसीय हड़ताल पर हैं । चंदन लाल मीणा ने बताया कि वेतन वृद्धि व फिक्सेशन व प्रमोशन सहित विभिन्न मांगों को लेकर सभी इंजीनियर प्रदेश स्तरीय पांच दिवसीय धरने पर है ।और सभी ने प्रदेश अध्यक्ष को अपने इस्तीफे भेज दिए हैं । 5 दिन में सरकार मांगे नहीं मानती हो तो सब अपने पद से इस्तीफा दे देंगे । मीणा ने बताया कि विभागीय अभियंताओं द्वारा प्रति वर्ष 13 से ₹14 हजार करोड़ रुपए का निर्माण कार्य संपादन किया जाता है । लेकिन उसके परिपेक्ष में सरकार विभागीय अभियंताओं को स्थाई पद भी प्रदान नहीं कर रही व वर्तमान में स्थाई अभियंताओं की संख्या नगण्य है । उन्होंने कहा कि मानव संसाधन मंत्रालय में उच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप डिप्लोमा धारी 10 वर्ष तक कार्य करने वाले अभियंताओं को डिग्री धारी योग्यता में परिवर्तन मांगते हुए नियमों में संशोधन कर उन्हें कनिष्ठ अभियंता सहायक अभियंता ऐसी विभिन्न मांगों को लेकर संगठन 5 दिवस के लिए हड़ताल पर है । और सरकार मांगे नहीं मानी तो आगामी समय में अपने पद से इस्तीफा दे देंगे ।
बाइट चंदन लाल मीणा जिलाध्यक्ष ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज इंजीनियर एसोसिएशन


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