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दौसा में बाबा नीलकंठ महादेव के लख्खी मेले का आयोजन...मेले में सजाई गई है कई मनमोहक झांकियां - नीलकंठ बाबा का 52 वां वार्षिक महोत्सव

दौसा जिले में आराध्य देव बाबा नीलकंठ का लख्खी मेला आयोजित किया गया.लक्खी मेले में बाबा की भव्य फूल बंगला अघोरी झांकी सजाई गई है. झांकी के दर्शनों के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं

दौसा में बाबा नीलकंठ महादेव के लख्खी मेले का किया गया आयोजन
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Published : Aug 5, 2019, 2:17 PM IST

दौसा. जिले में आराध्य देव बाबा नीलकंठ का मेला आयोजित किया गया.यह मेला हर वर्ष सावन के तीसरे सोमवार को लगता है. जिसके तहत इस वर्ष भी बाबा नीलकंठ का भव्य मेला आयोजित कर बाबा की फूल बंगला झांकी सजाई गई.

दौसा में बाबा नीलकंठ महादेव के लख्खी मेले का किया गया आयोजन

यह मंदिर अरावली पर्वत माला से घिरे देवगिरी पहाड़ी की चोटी पर बना है.जिसमें हर वर्ष सावन के तीसरे सोमवार को बाबा नीलकंठ महादेव का लक्खी मेला आयोजित किया जाता है.इस मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु बाबा के दर्शनों के लिए आते हैं. हर सोमवार को बाबा के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का तांता लग जाता है.ऐसा माना जाता है कि बाबा नीलकंठ के दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है.

जिसके चलते यहां पर लोग दूर-दूर से पैदल तो कोई दंडवत करते हुए बाबा के दर्शन करने आते हैं. देव गिरी पर्वत पर स्थित इस हजारों साल पुराने शिवलिंग के दर्शनों के लिए सावन में रोज हजारों की तादाद में भक्त दर्शनों के लिए जाते हैं, और बाबा का जलाभिषेक कर धर्म लाभ कमाते हैं.

वहीं लक्खी मेले में बाबा की भव्य फूल बंगला अघोरी झांकी सजाई गई है. झांकी के दर्शनों के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. नीलकंठ धर्म सेवा समिति के सदस्य विनय जोशी ने बताया कि यह नीलकंठ बाबा का 52 वां वार्षिक महोत्सव है. जो कि तीन दिवसीय आयोजित किया जाता है.

पढ़ें.जमीनी विवाद को लेकर आधी रात घर में घुसकर तोड़फोड़ और मारपीट, पीड़ित परिवार दर-दर भटकने को मजबूर

इसमें पहले दिन बाबा के रात्रि जागरण से लेकर लक्खी मेले व शोभायात्रा पर कार्यक्रम का समापन किया जाता है. अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए लाखों की तादाद में लोग पहुंचकर यहां जल अभिषेक करते हैं. मेले में नीलकंठ बाबा के दर्शनों के लिए सुबह से ही भक्तों का आना शुरू हो गया. जिसके चलते सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन ने पुलिस की भी माकूल व्यवस्था की है.

दौसा. जिले में आराध्य देव बाबा नीलकंठ का मेला आयोजित किया गया.यह मेला हर वर्ष सावन के तीसरे सोमवार को लगता है. जिसके तहत इस वर्ष भी बाबा नीलकंठ का भव्य मेला आयोजित कर बाबा की फूल बंगला झांकी सजाई गई.

दौसा में बाबा नीलकंठ महादेव के लख्खी मेले का किया गया आयोजन

यह मंदिर अरावली पर्वत माला से घिरे देवगिरी पहाड़ी की चोटी पर बना है.जिसमें हर वर्ष सावन के तीसरे सोमवार को बाबा नीलकंठ महादेव का लक्खी मेला आयोजित किया जाता है.इस मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु बाबा के दर्शनों के लिए आते हैं. हर सोमवार को बाबा के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का तांता लग जाता है.ऐसा माना जाता है कि बाबा नीलकंठ के दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है.

जिसके चलते यहां पर लोग दूर-दूर से पैदल तो कोई दंडवत करते हुए बाबा के दर्शन करने आते हैं. देव गिरी पर्वत पर स्थित इस हजारों साल पुराने शिवलिंग के दर्शनों के लिए सावन में रोज हजारों की तादाद में भक्त दर्शनों के लिए जाते हैं, और बाबा का जलाभिषेक कर धर्म लाभ कमाते हैं.

वहीं लक्खी मेले में बाबा की भव्य फूल बंगला अघोरी झांकी सजाई गई है. झांकी के दर्शनों के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. नीलकंठ धर्म सेवा समिति के सदस्य विनय जोशी ने बताया कि यह नीलकंठ बाबा का 52 वां वार्षिक महोत्सव है. जो कि तीन दिवसीय आयोजित किया जाता है.

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इसमें पहले दिन बाबा के रात्रि जागरण से लेकर लक्खी मेले व शोभायात्रा पर कार्यक्रम का समापन किया जाता है. अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए लाखों की तादाद में लोग पहुंचकर यहां जल अभिषेक करते हैं. मेले में नीलकंठ बाबा के दर्शनों के लिए सुबह से ही भक्तों का आना शुरू हो गया. जिसके चलते सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन ने पुलिस की भी माकूल व्यवस्था की है.

Intro:दौसा के आराध्य देव बाबा नीलकंठ का मेला हर वर्ष सावन के तीसरे सोमवार को भव्य रूप से में आयोजित किया जाता है जिसके तहत इस वर्ष भी बाबा नीलकंठ का भव्य मेला आयोजित कर बाबा की फूल बंगला झांकी सजाई गई है


Body:दौसा के आराध्य देव बाबा नीलकंठ का मेला हर वर्ष सावन के तीसरे सोमवार को भव्य रूप से में आयोजित किया जाता है । जिसके तहत इस वर्ष भी बाबा नीलकंठ का भव्य मेला आयोजित कर बाबा की फूल बंगला झांकी सजाई गई है । अरावली पर्वत माला से घिरे देवगिरी पहाड़ी की चोटी पर स्थित बाबा नीलकंठ का भव्य मंदिर बना है । जिसमें हर वर्ष सावन के तीसरे सोमवार को बाबा नीलकंठ महादेव का लक्खी मेला आयोजित किया जाता है । इस मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु बाबा के दर्शनों के लिए आते हैं । हर सोमवार को बाबा के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का तांता लग जाता है । ऐसा माना जाता है कि बाबा नीलकंठ के दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है । जिसके चलते यहां पर लोग दूर-दूर से पैदल तो कोई दंडवत करते हुए बाबा के दर्शन करने आते है । देव गिरी पर्वत पर स्थित इस हजारों साल पुराने शिवलिंग के दर्शनों के लिए सावन में रोज हजारों की तादाद में भक्त गण दर्शनों के लिए जाते हैं, और बाबा का जलाभिषेक कर धर्म लाभ कमाते हैं । तो वही लक्खी मेले में बाबा की भव्य फूल बंगला अघोरी झांकी सजाई गई है । जिसके दर्शनों के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं । नीलकंठ धर्म सेवा समिति के सदस्य विनय जोशी ने बताया कि यह नीलकंठ बाबा का 52 वा वार्षिक महोत्सव आयोजित किया गया है । जो कि तीन दिवसीय आयोजित किया जाता है । इसमें पहले दिन बाबा के रात्रि जागरण से लेकर लक्खी मेले व शोभायात्रा पर कार्यक्रम का समापन किया जाता है । अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए लाखों की तादाद में लोग पहुंचकर यहां जल अभिषेक करते हैं। मेले में नीलकंठ बाबा के दर्शनों के लिए अलसुबह से ही भक्तों का आना शुरू हो गया । जिसके चलते सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन ने पुलिस की भी माकूल व्यवस्था की है ।

बाइट विनय जोशी नीलकंठ धर्म सेवा समिति सदस्य


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