दौसा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महुआ विधायक ओम प्रकाश हुडला को Y श्रेणी सुरक्षा प्रदान की है. कुछ दिनों पहले हुडला के होटल पर कथित तौर पर शराब माफियाओं के हमले के बाद विधायक ने मुख्यमंत्री से सुरक्षा की मांग की थी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायक हुडला को Y श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है.
इस तरह निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुडला प्रदेश के पहले ऐसे विधायक बन गए जिन्हें कैबिनेट मंत्री स्तर की सुरक्षा प्रदान की गई है. विधायक ओम प्रकाश हुडला इन दिनों मुख्यमंत्री के करीबी विधायकों में से माने जाते हैं. विधायक ओम प्रकाश हुडला का राजनीतिक बैकग्राउंड पूरी तरह भाजपा का है लेकिन वे निर्दलीय विधायक चुनकर आए हैं. इसलिए गहलोत के करीबी हैं.
सरकार देख रही अपनी सुरक्षा
मौजूदा दौर में सियासी संकट से जूझ रही राजस्थान सरकार को निर्दलीय विधायकों से सहयोग की उम्मीद है. ऐसे में निर्दलीय होने के बावजूद विधायक हुडला के क्षेत्र में कांग्रेस विधायकों की तुलना में अधिक कार्य भी हुए हैं. राजनीतिक गलियारों में इन दिनों विधायक ओम प्रकाश हुडला और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में नजदीकी के खूब चर्चे हैं. क्योंकि गहलोत सरकार को किसी भी समय आने वाले राजनीतिक संकट से बचने के लिए निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुड़ला की सख्त जरूरत है.
वसुंधरा राजे के भी करीबी रहे हुडला
ओम प्रकाश हुडला सिर्फ गहलोत के करीबी नहीं माने जाते. वे पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के दौरान वसुंधरा राजे के भी करीबी रहे. वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुडला को संसदीय सचिव बनाया गया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ही उन्हें भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करवाई थी और महुआ से विधायकी का टिकट देकर चुनाव लड़वाया.
इतना ही नहीं, पिछले विधानसभा चुनाव में भी वसुंधरा राजे ने ओम प्रकाश हुडला के टिकट के लिए पूरा दम-खम लगा दिया था. लेकिन राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा अपनी केंद्र की राजनीति में पैठ के कारण भारी पड़े और उन्होंने अपने भतीजे राजेंद्र को महुआ से भाजपा का टिकट दिला दिया.
किरोड़ी से टशन, कांग्रेस-भाजपा दोनों में पैठ
राजनीतिक गलियारों में महुआ विधायक ओम प्रकाश हुडला और राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा की प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है. किरोड़ी ने अपने भतीजे राजेंद्र को महवा से टिकट दिलाने के लिए हुडला का टिकट कटवा दिया था. इसके बाद दोनों में प्रतिद्वंद्विता शुरू हुई. राज्यसभा सांसद किरोड़ी मीणा अक्सर हुडला के निशाने पर रहते हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में भी राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने अपने भाई के लिए भाजपा से लोकसभा का टिकट मांगा था. लेकिन वसुंधरा राजे ने हुडला को टिकट देने की पुरजोर पैरवी की थी.
ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व ने दोनों की मांग खारिज करते हुए जसकौर मीणा को लोकसभा का टिकट दे दिया. बाद में हुडला ने महुआ से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इस तरह निर्दलीय होकर भी हुडला कांग्रेस और भाजपा दोनों सरकारों के मुख्यमंत्रियों के करीबी रहे. इसी वजह से उनके काम भी धड़ल्ले से होते हैं.
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इलाके की जनता के भी चहेते
महुआ विधायक ओम प्रकाश हुडला जनप्रिय नेता माने जाते हैं. वे अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच बने रहते हैं. संकटकाल में वे जनता की मदद के लिए तत्पर भी रहते हैं. किसी भी समस्या के दौरान वे मौके पर पहुंचते हैं और वहीं अधिकारियों को बुलाकर समस्या का निपटारा करने के लिए जाने जाते हैं.
कोरोना काल में उन्होंने अपने घर में रसोई शुरू कर रोजाना 1500 लोगों के भोजन की व्यवस्था की. आमजन के साथ उनके जुड़ाव का आलम ये है कि वे कभी मोचियों के साथ बैठकर जूते पॉलिश करते देखे गए, तो कभी ठेला लगाकर सब्जियां भी बेचीं.
कस्टम ऑफिसर से बिजनेसमैन तक
ओम प्रकाश हुडला कस्टम ऑफिसर थे. नौकरी से वीआरएस लेकर वे राजनीति में आए. उन्हें राजनीति में लाने का श्रेय वसुंधरा राजे को जाता है. हुडला एक कुशल व्यापारी भी हैं. उनके खुद के पेट्रोल पंप और होटल हैं. वे घर आने वाले हर व्यक्ति से मिलते हैं और लोगों के सुख-दुख में शरीक होना उनकी आदत में शुमार है.