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Special: दौसा पशु चिकित्सालय के वार्डों में लटक रहे ताले, डॉक्टर नहीं दे रहे ध्यान... मुश्किल में 'बेजुबान'

दौसा में 5 करोड़ की लागत से पशु चिकित्सालय का निर्माण कराया गया है, जहां हर छोटे-बड़े जानवरों के इलाज की पूरी सुविधा है. फिर भी अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से दर्जनों पशु उचित इलाज के अभाव में बीमार पड़े हैं लेकिन अधिकारी आंखें मूंदकर बैठे हुए हैं.

Dausa Veterinary Hospital, Dausa news
दौसा पशु चिकित्सालय में जिम्मेदार लापरवाह
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Published : Nov 11, 2020, 1:10 PM IST

दौसा. जिले में 5 करोड़ की लागत से लालसोट रोड पर पशु चिकित्सालय है. यूं तो ये अत्याधुनिक बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय है जहां चूहे से लेकर हाथी तक के इलाज के लिए बेहतर सुविधाएं हैं लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण दर्जनों पशु यहां उचित इलाज न मिलने के कारण बीमारी से दम तोड़ रहे हैं.

कौन सुनेगा इनकी पीड़ा...

लालसोट रोड पर बने इस बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय का उद्घाटन 9 महीने पहले 21 फरवरी को कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने किया था. राज्य सरकार की ओर से बनाए गए इस चिकित्सालय में साधारण जांच से लेकर सर्जरी करने तक की सुविधा उपलब्ध है लेकिन ये धरातल पर ये सुविधाएं पशुओं को मिल नहीं पा रही हैं. अधिकारियों की लापरवाही से सरकार के करोड़ों रुपए पर भी पानी फिर रहा है.

Dausa Veterinary Hospital, Dausa news
पीड़ा में तड़प रहे हैं जानवर

पीड़ा में गोवंश लेकिन जिम्मेदार हलकान

कहने को ये प्रदेश का सबसे बड़ा पशु चिकित्सालय है लेकिन इलाज के अभाव में गोशाला में दर्जनों गोवंश दम तोड़ रहे हैं. गोशाला की स्थिति किसी के दिल में इन पशुओं की संवेदना जगाने के लिए काफी हैं लेकिन जिम्मेदार अफसर जानवरों की तकलीफ भी देखकर नहीं पिघल रहे हैं. यहां किसी की टांग टूटी है तो किसी की कमर, किसी के शरीर पर बड़े-बड़े घाव नजर आ रहे हैं. तड़पते गोवंश की पीड़ा दूर करने वाले ही असंवेदनशील बनकर बैठे हैं.

Dausa Veterinary Hospital, Dausa news
इलाज के अभाव में बेदम

दर्जनों पशुओं की हालत गंभीर

बता दें कि आए दिन नेशनल हाईवे -21 पर होने वाली दुर्घटनाओं में रोजाना पशु घायल होते रहते हैं, जिन्हें नगर परिषद या जिले के पुलिस थानों द्वारा जिला अस्पताल पहुंचा दिया जाता है या जिला मुख्यालय की गोशाला में भेज दिया जाता है.

यह भी पढ़ें. दौसा में अंतिम यात्रा का 'खूबसूरत पड़ाव' है यहां का श्मशान घाट

पशुपालन विभाग जिला अस्पताल में इन घायल पशुओं को इलाज के लिए भेज तो देता है लेकिन अस्पताल में इनकी महज ड्रेसिंग होती है, फिर इन्हें गोशाला भेजवा दिया जाता है. जहां ये इलाज के अभाव में तड़पती रहती हैं. जिला मुख्यालय की गोशाला में दर्जनों ऐसे घायल पशु हैं, जिन्हें इलाज की सख्त जरूरत है. वे बिना इलाज के चल फिर नहीं पा रहे हैं.

Dausa Veterinary Hospital, Dausa news
पशु वार्ड में लटके ताले

इलाज नहीं पर तनख्वाह पूरी उठा रहे

चिकित्सालय में डॉक्टर, जूनियर डॉक्टर के पद फुल हैं. कंपाउंडर के सात पद भी भरें हैं लेकिन फिर भी अस्पताल में इलाज नहीं हो रहा है. इन जिम्मेदारों को तनख्वाह उठाने से मतलब है.

Dausa Veterinary Hospital, Dausa news
एक्सरे वार्ड और अन्य वार्ड पर लटके ताले

चिकित्सक कक्ष और 10 वार्ड पर लटके हैं ताले

इस बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय में पशुओं को भर्ती करने के लिए 10 वार्ड बनाए गए हैं लेकिन चिकित्सा कर्मियों की लापरवाही के चलते सभी वार्डों पर ताले लटके हुए हैंं यहां तक कि अस्पताल के भीतर जांच केंद्र और चिकित्सक कक्ष भी बंद हैं. अस्पताल प्रशासन ने मुख्य द्वार पर महज ओपीडी चालू कर रखा है. इसमें पशुपालकों को पर्ची पर दवाइयां लिखकर पकड़ा दी जाती है.

Dausa Veterinary Hospital, Dausa news
टांग कटने से परेशान गोवंश

गौशाला प्रबंधन का आरोप- दवाई भी नहीं देते

गोशाला व्यवस्थापक अशोक गुप्ता ने बताया कि गोशाला में आए दिन दर्जनों की तादाद में घायल पशु आते हैं. जो या तो कहीं दुर्घटना में घायल हो जाते हैं या फिर किसी के खेत में चले जाने पर रखवाली करने वालों के पीटने से घायल हो जाते हैं लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से उन्हें सिर्फ दवाओं पर्ची बनाकर गोशाला भेज दिया जाता है.

Dausa Veterinary Hospital, Dausa news
9 महीने पहले ही बना था ये पशु अस्पताल

यह भी पढ़ें. स्पेशलः चिड़ावा का पेड़ा...जिसका स्वाद एक ब्रांड बन गया है

गोशाला व्यवस्थापक का आरोप है कि अस्पताल में उनका कोई इलाज नहीं किया जाता. जबकि तकरीबन 24 से अधिक पशु गंभीर घायल हैं. जिन्हें पशु चिकित्सालय में भर्ती करके इलाज की सख्त आवश्यकता है लेकिन वो गोशाला में कई दिनों से पड़े हैं. यहां तक कि पशु चिकित्सालय के चिकित्सा कर्मियों द्वारा निशुल्क दवाइयां तक भी गोशाला को नहीं दी जाती. ऐसे में सरकार की ओर से करोड़ों रुपए खर्च करके बनाया हुआ, यह प्रदेश का पहला बहुउद्देशीय अस्पताल महज शो पीस बना हुआ है.

दौसा. जिले में 5 करोड़ की लागत से लालसोट रोड पर पशु चिकित्सालय है. यूं तो ये अत्याधुनिक बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय है जहां चूहे से लेकर हाथी तक के इलाज के लिए बेहतर सुविधाएं हैं लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण दर्जनों पशु यहां उचित इलाज न मिलने के कारण बीमारी से दम तोड़ रहे हैं.

कौन सुनेगा इनकी पीड़ा...

लालसोट रोड पर बने इस बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय का उद्घाटन 9 महीने पहले 21 फरवरी को कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने किया था. राज्य सरकार की ओर से बनाए गए इस चिकित्सालय में साधारण जांच से लेकर सर्जरी करने तक की सुविधा उपलब्ध है लेकिन ये धरातल पर ये सुविधाएं पशुओं को मिल नहीं पा रही हैं. अधिकारियों की लापरवाही से सरकार के करोड़ों रुपए पर भी पानी फिर रहा है.

Dausa Veterinary Hospital, Dausa news
पीड़ा में तड़प रहे हैं जानवर

पीड़ा में गोवंश लेकिन जिम्मेदार हलकान

कहने को ये प्रदेश का सबसे बड़ा पशु चिकित्सालय है लेकिन इलाज के अभाव में गोशाला में दर्जनों गोवंश दम तोड़ रहे हैं. गोशाला की स्थिति किसी के दिल में इन पशुओं की संवेदना जगाने के लिए काफी हैं लेकिन जिम्मेदार अफसर जानवरों की तकलीफ भी देखकर नहीं पिघल रहे हैं. यहां किसी की टांग टूटी है तो किसी की कमर, किसी के शरीर पर बड़े-बड़े घाव नजर आ रहे हैं. तड़पते गोवंश की पीड़ा दूर करने वाले ही असंवेदनशील बनकर बैठे हैं.

Dausa Veterinary Hospital, Dausa news
इलाज के अभाव में बेदम

दर्जनों पशुओं की हालत गंभीर

बता दें कि आए दिन नेशनल हाईवे -21 पर होने वाली दुर्घटनाओं में रोजाना पशु घायल होते रहते हैं, जिन्हें नगर परिषद या जिले के पुलिस थानों द्वारा जिला अस्पताल पहुंचा दिया जाता है या जिला मुख्यालय की गोशाला में भेज दिया जाता है.

यह भी पढ़ें. दौसा में अंतिम यात्रा का 'खूबसूरत पड़ाव' है यहां का श्मशान घाट

पशुपालन विभाग जिला अस्पताल में इन घायल पशुओं को इलाज के लिए भेज तो देता है लेकिन अस्पताल में इनकी महज ड्रेसिंग होती है, फिर इन्हें गोशाला भेजवा दिया जाता है. जहां ये इलाज के अभाव में तड़पती रहती हैं. जिला मुख्यालय की गोशाला में दर्जनों ऐसे घायल पशु हैं, जिन्हें इलाज की सख्त जरूरत है. वे बिना इलाज के चल फिर नहीं पा रहे हैं.

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पशु वार्ड में लटके ताले

इलाज नहीं पर तनख्वाह पूरी उठा रहे

चिकित्सालय में डॉक्टर, जूनियर डॉक्टर के पद फुल हैं. कंपाउंडर के सात पद भी भरें हैं लेकिन फिर भी अस्पताल में इलाज नहीं हो रहा है. इन जिम्मेदारों को तनख्वाह उठाने से मतलब है.

Dausa Veterinary Hospital, Dausa news
एक्सरे वार्ड और अन्य वार्ड पर लटके ताले

चिकित्सक कक्ष और 10 वार्ड पर लटके हैं ताले

इस बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय में पशुओं को भर्ती करने के लिए 10 वार्ड बनाए गए हैं लेकिन चिकित्सा कर्मियों की लापरवाही के चलते सभी वार्डों पर ताले लटके हुए हैंं यहां तक कि अस्पताल के भीतर जांच केंद्र और चिकित्सक कक्ष भी बंद हैं. अस्पताल प्रशासन ने मुख्य द्वार पर महज ओपीडी चालू कर रखा है. इसमें पशुपालकों को पर्ची पर दवाइयां लिखकर पकड़ा दी जाती है.

Dausa Veterinary Hospital, Dausa news
टांग कटने से परेशान गोवंश

गौशाला प्रबंधन का आरोप- दवाई भी नहीं देते

गोशाला व्यवस्थापक अशोक गुप्ता ने बताया कि गोशाला में आए दिन दर्जनों की तादाद में घायल पशु आते हैं. जो या तो कहीं दुर्घटना में घायल हो जाते हैं या फिर किसी के खेत में चले जाने पर रखवाली करने वालों के पीटने से घायल हो जाते हैं लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से उन्हें सिर्फ दवाओं पर्ची बनाकर गोशाला भेज दिया जाता है.

Dausa Veterinary Hospital, Dausa news
9 महीने पहले ही बना था ये पशु अस्पताल

यह भी पढ़ें. स्पेशलः चिड़ावा का पेड़ा...जिसका स्वाद एक ब्रांड बन गया है

गोशाला व्यवस्थापक का आरोप है कि अस्पताल में उनका कोई इलाज नहीं किया जाता. जबकि तकरीबन 24 से अधिक पशु गंभीर घायल हैं. जिन्हें पशु चिकित्सालय में भर्ती करके इलाज की सख्त आवश्यकता है लेकिन वो गोशाला में कई दिनों से पड़े हैं. यहां तक कि पशु चिकित्सालय के चिकित्सा कर्मियों द्वारा निशुल्क दवाइयां तक भी गोशाला को नहीं दी जाती. ऐसे में सरकार की ओर से करोड़ों रुपए खर्च करके बनाया हुआ, यह प्रदेश का पहला बहुउद्देशीय अस्पताल महज शो पीस बना हुआ है.

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