दौसा. बजरी की खान ढहने के कारण दो लोगों की मौत मामले में अब नया मोड़ सामने आया है. जिले के बांदीकुई उपखंड के ढिगारिया भीम गांव में सोमवार को एक अवैध बजरी की खान के ढहने से दो लोगों की मौत हो गई. जिसके बाद पुलिस ने दोनों के शवों का पोस्टमार्टम करवा दिया, लेकिन अब इस मामले ने नया मोड़ ले लिया है.
बता दें कि दोनों ही मृतकों के परिजनों ने एक दूसरे के ऊपर हत्या का आरोप लगाकर जांच की मांग की है. इस मामले में पुलिस ने रेस्क्यू करके दोनों शवों को बाहर निकाला और एक शव को बांदीकुई पुलिस ने बांदीकुई अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया, लेकिन दूसरे शव को ग्रामीणों ने नहीं ले जाने दिया. मामले को लेकर ग्रामीणों ने खेत में शव को रखकर प्रदर्शन किया और मुआवजे की मांग को लेकर घंटों अड़े रहे. जिसके बाद घटना की सूचना पर दौसा एसपी मनीष अग्रवाल ने बांदीकुई पुलिस उपाधीक्षक संजय चम्पावत और बांदीकुई थाना अधिकारी राजेन्द्र मीणा को घटना स्थल का जाएजा लेने के निर्देश दिए.
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तकरीबन 5 घंटे बाद पुलिस और प्रशासन की समझाइश के चलते ग्रामीण शव का पोस्टमार्टम कराने पर राजी हुए. इस दौरान दोनों ही पक्षों के परिजनों ने एक दूसरे पर हत्या के आरोप लगाए. दोनों ने एक दूसरे पर हत्या का मुकदमा दर्ज करवाने के बाद ही शव का पोस्टमार्टम करवाने पर राजी हुए.
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ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मृतक बाबूलाल मीणा का हरकेश प्रजापत के बीच अवैध खनन के परिसीमन क्षेत्र को लेकर विवाद हुआ था, जिसके चलते दोनों ने हीं एक दूसरे के साथ धक्का-मुक्की की और खान का किनारा ढहने से दोनों की मौत हो गई.
हालांकि, जिले में अवैध रूप से चल रहे बजरी के इस गोरखधंधे में पहले भी माफियाओं की ओर से पुलिस कर्मियों के साथ कई बार मारपीट और हत्या हो चुकी है और एक बार फिर अवैध रूप से चल रही खान के ढहने से दो लोगों की मौत हो जाने के मामले ने पुलिस प्रशासन, वन विभाग और खनन विभाग सब को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. फिलहाल मामले में पुलिस ने दोनों के परिजनों को समझा कर एक दूसरे के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है.