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दहेज लोभियों ने महिला के साथ मारपीट कर आधी रात को घर से निकाला, जब बाप और बेटी ने सुनाई दास्तां

यूं तो मानव समाज और सभ्यता के समक्ष कई सारी चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं. परंतु इनमें से एक चुनौती ऐसी है, जिसका कोई भी तोड़ अभी तक समर्थ होता नहीं दिख रहा है. विवाह संस्कार से जुड़ी हुई यह सामाजिक विकृति दहेज प्रथा ही है. दहेज कुप्रथा भारतीय समाज के लिए एक भयंकर अभिशाप की तरह है. सभ्यता और संस्कृति का यह एक बड़ा कलंक है.

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जब बाप और बेटी ने सुनाई दास्तां
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Published : Mar 15, 2021, 3:49 PM IST

दौसा. प्रदेश और देश में महिलाओं के साथ रेप व छेड़छाड़ की घटनाओं से कानून व्यवस्था की पोल खुल रही है. लेकिन घर की चारदिवारी के अंदर होने वाले शोषण और अपराधों पर भी अंकुश नहीं लग रहा है. दौसा में घर की देहली के अंदर हुए अपराध की दर्द भरी दास्तां सामने आई है, जिसके बाद महिला थाना पुलिस ने मामला दर्जकर लिया है.

जब बाप और बेटी ने सुनाई दास्तां

क्या है पूरा मामला?

मीनाक्षी गुप्ता की करीब तीन साल पहले उसके पिता ने बड़े अरमानों के साथ शादी की थी. शादी में हैसियत के हिसाब से दहेज के साथ कन्यादान भी किया था, लेकिन दहेज के लोभियों ने शादी के बाद से ही बेटी मीनाक्षी को तंग करना शुरू कर दिया और उसको ताने भी मारने लगे. घरेलू हिंसा का शिकार मीनाक्षी से घर में बार-बार मारपीट की जाती थी और दहेज के लिए ताना दिया जाता था. जब मीनाक्षी ने कन्या को जन्म दिया तो उसके जिंदगी की मुसीबतें और बढ़ गईं. ससुराल वालों ने बेटी के पैदा होते ही, उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. मीनाक्षी घर की दहलीज के अंदर हिंसा को सहन करती रही, आखिरकार ससुराल वालों ने मारपीट कर मीनाक्षी को घर से बाहर निकाल ही दिया.

यह भी पढ़ें: शिक्षिका से गैंगरेप की कोशिश प्रकरण: पुलिस ने 48 घंटे में मुख्य आरोपी वैन चालक को दबोचा, अन्य की तलाश जारी

कुछ महीने पीहर में गुजारे

मीनाक्षी कुछ महीने तक अपने पीहर में ही रही, लेकिन समाज के लोगों ने वापस उसे समझा-बुझाकर ससुराल से भिजवा दिया. समाज के दबाव से वापस ससुराल आई मीनाक्षी की जिंदगी एक बार फिर घरेलू हिंसा का शिकार होने लगी और उसे फिर से मारपीट और दहेज के लिए ताना मिलने लगा. हद इतनी हो गई थी कि मीनाक्षी को पति का सुख भी मिलना बंद हो गया और मीनाक्षी के पति, सास और ससुर ने बोलना तक बंद कर दिया.

यह भी पढ़ें: आसाराम की याचिका पर अधिवक्ता ने हाई कोर्ट से मांगा समय, अब 3 मई को होगी सुनवाई

रविवार रात (14 मार्च) को बर्तन धोते समय पानी बहने पर सास-ससुर और पति को इतना नागवार गुजरा कि मीनाक्षी के साथ मारपीट की. उसके बाद अंदर से गेट बंदकर लिए. अंधेरी रात में घर की दहलीज से धक्का मारकर बाहर कर दिए. रात को ही मीनाक्षी ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया और अपने पिता को भी इस बात की जानकारी दी. रात को ही पुलिस और उसके पिता पहुंचे. मीनाक्षी को थाने लाया गया और थाने में वह अपनी किस्मत पर सिसकती हुई नजर आई. मीनाक्षी की आंखें सब कुछ बयां कर रही थी कि इस बेटी के साथ कितना अत्याचार हुआ है.

यह भी पढ़ें: 20 साल की बेटी को 3 लाख में बेच गए माता-पिता, युवक ने खरीदकर रचाई जबरन शादी

थाने के अंदर रोते-बिलखते मीनाक्षी के पिता भी पिछले तीन साल से दर्द झेल रही बेटी की दास्तां सुनाते हुए नजर आए. अब इस पूरे मामले में महिला थाने में महिला के पति हिमांशु उर्फ दर्शन मोदी, ससुर कृष्ण मुरारी मोदी और सास के खिलाफ दहेज, घरेलू हिंसा और मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज हो गया है. मामले को लेकर महिला थाना प्रभारी रिछपाल सिंह का कहना है कि पीड़िता का मुकदमा दर्ज कर लिया गया और पीड़िता का मेडिकल मुआयना कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. आरोपी हिमांशु उर्फ दर्शन मोदी को 151 में गिरफ्तार कर लिया गया है. फिलहाल, आगे की कार्रवाई जारी है.

दौसा. प्रदेश और देश में महिलाओं के साथ रेप व छेड़छाड़ की घटनाओं से कानून व्यवस्था की पोल खुल रही है. लेकिन घर की चारदिवारी के अंदर होने वाले शोषण और अपराधों पर भी अंकुश नहीं लग रहा है. दौसा में घर की देहली के अंदर हुए अपराध की दर्द भरी दास्तां सामने आई है, जिसके बाद महिला थाना पुलिस ने मामला दर्जकर लिया है.

जब बाप और बेटी ने सुनाई दास्तां

क्या है पूरा मामला?

मीनाक्षी गुप्ता की करीब तीन साल पहले उसके पिता ने बड़े अरमानों के साथ शादी की थी. शादी में हैसियत के हिसाब से दहेज के साथ कन्यादान भी किया था, लेकिन दहेज के लोभियों ने शादी के बाद से ही बेटी मीनाक्षी को तंग करना शुरू कर दिया और उसको ताने भी मारने लगे. घरेलू हिंसा का शिकार मीनाक्षी से घर में बार-बार मारपीट की जाती थी और दहेज के लिए ताना दिया जाता था. जब मीनाक्षी ने कन्या को जन्म दिया तो उसके जिंदगी की मुसीबतें और बढ़ गईं. ससुराल वालों ने बेटी के पैदा होते ही, उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. मीनाक्षी घर की दहलीज के अंदर हिंसा को सहन करती रही, आखिरकार ससुराल वालों ने मारपीट कर मीनाक्षी को घर से बाहर निकाल ही दिया.

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कुछ महीने पीहर में गुजारे

मीनाक्षी कुछ महीने तक अपने पीहर में ही रही, लेकिन समाज के लोगों ने वापस उसे समझा-बुझाकर ससुराल से भिजवा दिया. समाज के दबाव से वापस ससुराल आई मीनाक्षी की जिंदगी एक बार फिर घरेलू हिंसा का शिकार होने लगी और उसे फिर से मारपीट और दहेज के लिए ताना मिलने लगा. हद इतनी हो गई थी कि मीनाक्षी को पति का सुख भी मिलना बंद हो गया और मीनाक्षी के पति, सास और ससुर ने बोलना तक बंद कर दिया.

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रविवार रात (14 मार्च) को बर्तन धोते समय पानी बहने पर सास-ससुर और पति को इतना नागवार गुजरा कि मीनाक्षी के साथ मारपीट की. उसके बाद अंदर से गेट बंदकर लिए. अंधेरी रात में घर की दहलीज से धक्का मारकर बाहर कर दिए. रात को ही मीनाक्षी ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया और अपने पिता को भी इस बात की जानकारी दी. रात को ही पुलिस और उसके पिता पहुंचे. मीनाक्षी को थाने लाया गया और थाने में वह अपनी किस्मत पर सिसकती हुई नजर आई. मीनाक्षी की आंखें सब कुछ बयां कर रही थी कि इस बेटी के साथ कितना अत्याचार हुआ है.

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थाने के अंदर रोते-बिलखते मीनाक्षी के पिता भी पिछले तीन साल से दर्द झेल रही बेटी की दास्तां सुनाते हुए नजर आए. अब इस पूरे मामले में महिला थाने में महिला के पति हिमांशु उर्फ दर्शन मोदी, ससुर कृष्ण मुरारी मोदी और सास के खिलाफ दहेज, घरेलू हिंसा और मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज हो गया है. मामले को लेकर महिला थाना प्रभारी रिछपाल सिंह का कहना है कि पीड़िता का मुकदमा दर्ज कर लिया गया और पीड़िता का मेडिकल मुआयना कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. आरोपी हिमांशु उर्फ दर्शन मोदी को 151 में गिरफ्तार कर लिया गया है. फिलहाल, आगे की कार्रवाई जारी है.

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