दौसा. जिले में जन्मे और गुजरात के पूर्व राज्यपाल रहे पंडित नवल किशोर शर्मा की पुण्यतिथि पर शहर के खादी बाग में धर्म सभा का आयोजन किया गया. उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनके विचारों का स्मरण किया गया. कार्यक्रम के दौरान पंडित शर्मा के भतीजे और आरपीएससी के पूर्व सदस्य विनोद बिहारी शर्मा ने बताया कि वे अपनी सादगी और गांधीवादी आदर्शों पर चलते थे. गांधी जी के आदर्शों को मानते थे. उनका मानना था कि जब भी समस्या या अहंकार हो तो दुनिया के उस आदमी की कल्पना करो जो सबसे अधिक गरीब हो या जो सबसे अधिक बीमार हो या जो सबसे अधिक बुजुर्ग हो.
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पंडित जी को खादी से बहुत ज्यादा प्रेम था. खादी के लिए ही उन्होंने अपना जीवन भी समर्पित कर दिया था. उन्होंने कहा कि पंडित नवल किशोर शर्मा का मानना था कि खादी से ही गरीब का उत्थान हो सकता है. इसके माध्यम से रोजगार प्रदान कर गांव की गरीबी का समाधान किया जा सकता है. ग्रामीण क्षेत्र से जो पलायन हो रहा है, उसे ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योग प्रदान कर रोका जा सकता है.
यही कारण था कि उन्होंने अपने आप से वादा कर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी मिटाने के लिए लोगों को स्वरोजगार प्रदान किया. खादी के माध्यम से गांव-गांव में उन्होंने उद्योगों को पनपने में सहायता की. उनके इसी काम से प्रदेश एवं देश में उन्हें खादी के रूप में भी जाना जाता है. आज भी लोग उन्हें याद करते हैं. वे आज भी हर गरीब के दिल में बसते हैं.