दौसा. जिले में हाइवे का जाल बिछा होने से बाहर के अपराधियों का मूवमेंट अधिक रहता है. जिले में क्राइम की अधिकता (Dausa crime Cases) नहीं है. लेकिन कानून व्यवस्था को लेकर आए दिन पुलिस के सामने समस्या बनी रहती है. दौसा के लोगों की टेंडेंसी है कि हर छोटी सी बात को लेकर वह सड़कों पर आ जाते हैं. यह बात जिला पुलिस अधीक्षक अनिल बेनीवाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कही.
पुलिस अधीक्षक (Dausa SP Anil Beniwal) ने कहा कि पुलिस की ड्यूटी 24 घंटे की रहती है. उन्हें छुट्टी नहीं मिलती. लेकिन ऐसे हालात में भी जवानों को पूरी तरह प्रेरित करते रहते हैं और उनका आत्मबल बढ़ाने के लिए उनको काम करने के लिए पूरा फ्रीडम देते हैं. पुलिस अधीक्षक बेनीवाल का कहना है कि 'मैं अपने ड्यूटी अधिकारी को मौके की स्थिति को देखकर निर्णय लेने का पूरा अधिकार देता हूं फिर चाहे उसका निर्णय गलत ही हो जाए. लेकिन एक दफा उन्हें यह विश्वास दिला कर रखता हूं कि मैं तुम्हारे पीछे खड़ा हूं तुम खुलकर ड्यूटी करो'.
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राजनीतिक दबाव या दखल से काम नहीं करतेः पुलिस अधीक्षक अनिल बेनीवाल ने कहा कि वे राजनीतिक दबाव में आकर या राजनीतिक दखल से कोई काम नहीं करते. उनका कहना है कि अपनी कार्य करने की शैली ही नेताओं को इस बात का मैसेज दे देती है कि वह किसी भी गलत काम करवाने के लिए उन पर दबाव नहीं बनाते. उसका परिणाम है कि जिले में कई बड़े अपराधियों को पकड़ा है, कई हत्या एवं लूट के मामलों का तुरंत खुलासा किया है.
आम जनता जिम्मेदारः पुलिस अधीक्षक अनिल बेनीवाल का कहना है कि भ्रष्टाचार के मामले में जनता पुलिस पर सबसे अधिक अंगुली उठाती है. लेकिन इसके लिए आम जनता जिम्मेदार हैं. अपना छोटा सा चालान बचाने के लिए सरकार के टैक्स से चोरी भी करती है और चौराहे पर खड़े सिपाही को पैसे देकर पुलिस की बदनामी भी करती है. उन्होंने जनता को भी संदेश दिया कि सरकार के टैक्स से चोरी करके चौराहे पर खड़े पुलिसकर्मी से ज्यादा भ्रष्ट आप खुद होते हैं. ऐसे में नियमों का पालन करें और कभी ऐसी नौबत भी आती है तो पूरा चालान जमा करवा कर राज्य सरकार को पूरा पैसा भरें.
थानों के माहौल को लेकर उन्होंने आम जनता से अपील भी की जनता अधिक से अधिक खुद थाने में जाए पुलिस की मीटिंग सीएलजी पुलिस सहभागिता मीटिंग में जुड़ कर पुलिस के साथ अधिक से अधिक फ्रेंडली हो. आम जनता और पुलिस के बीच की दूरी कम करने के लिए सरकार की ओर से पुलिस मित्र, पुलिस ग्राम रक्षक , पुलिस सखी सहित विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं. ऐसे में पुलिस के साथ जुड़कर पुलिस व जनता के बीच की दूरी को कम करने का प्रयास करें और राजकोप सिटीजन ऐप के जरिए पुलिस की कार्यप्रणाली को जानें, पुलिस का सहयोग करें.