ETV Bharat / state

लॉकडाउन के दौरान दौसा के किसान परेशान, औने-पौने दामों में बिक रहीं सब्जियां

author img

By

Published : Apr 17, 2020, 11:44 AM IST

लॉकडाउन के दौरान दौसा के किसानों को ना तो फसलों के लिए कीटनाशक मिल रहें हैं और ना ही सब्जियों के सही दाम मिल रहे हैं. किसानों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते आढ़ती मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं. जो सब्जी बाजार में आम ग्राहक को 20-50 रुपये प्रति किलो तक मिल रही है. उसका किसान को 2-3 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दाम मिल रहा है.

दौसा में लॉकडाउन, vegetables during lockdown
सब्जियों का उचित दाम नहीं मिलने से दौसा के किसान परेशान

दौसा. कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते हुए लॉकडाउन से हर कोई प्रभावित हुआ है. लॉकडाउन के दौरान दौसा के ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक कोई प्रभावित हुआ है तो वो अन्नदाता यानी किसान हैं. वो दिन-रात मेहनत करके खेतों में फसलें और सब्जियां पैदा करते हैं. लेकिन, इस लॉकडाउन के दौर में उन्हें ना तो फसलों के लिए कीटनाशक मिल रहें हैं और ना ही सब्जियों के सही दाम मिल रहे हैं.

सब्जियों का उचित दाम नहीं मिलने से दौसा के किसान परेशान

ऐसे में सब्जी पैदा करने वाले किसानों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते कीटनाशक और रासायनिक पदार्थ नहीं मिलने से सारी फसलें चौपट हो गई है. जो थोड़ी बहुत पैदावार हुई है, उन्हें मंडी में आढ़तियों की मनमानी ने खत्म कर दिया है. खेत से जैसे-तैसे सब्जी लेकर आते हैं तो आढ़ती सब्जी रखवा लेते हैं और हमें रवाना कर देते हैं. फिर वो उसे अपनी मनमर्जी के दामों में बेचते हैं और हमें हमारी सब्जियों की औने-पौने दाम पकड़ा देते हैं. आढ़ती सब्जी का जो दाम देते हैं, उसमें सब्जियों के परिवहन और बारदाने (सब्जियों को पैक करने का सामान) का खर्चा भी नहीं निकलता है. लेकिन, खेतों में पड़ी सब्जियों के सड़ जाने के चलते मजबूरन सब्जियों को बाजार में ले जाकर देना पड़ रहा है.

पढ़ें: पाली में पुलिस दिवस पर कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोगों को किया गया जागरूक

किसानों का कहना है कि जो सब्जी बाजार में आम ग्राहक को 20-50 रुपये प्रति किलो तक मिल रही है. उसका किसान को 2-3 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दाम मिल रहा है. वहीं, कीटनाशक नहीं मिलने की वजह से काफी सब्जियां नष्ट हों गई हैं. बची सब्जियों को लॉकडाउन के चलते किसान रात को मंडियों में आढ़तियों के पास पहुंचा देता है. दिन में पुलिस उनको नहीं रुकने देती. सब्जियों के खरीददार भी दिन में ही आते हैं. ऐसे में इस मजबूरी का फायदा उठाकर मंडियों में आढ़ती जमकर कालाबाजारी कर रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान बची सब्जियों को आढ़ती किसानों से ओने-पौने दामों में खरीदकर महीनों की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं. इसके चलते कई बार तो किसान अपने सब्जियों को जानवरों को खिलाते हुए भी नजर आ रहे हैं.

दौसा. कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते हुए लॉकडाउन से हर कोई प्रभावित हुआ है. लॉकडाउन के दौरान दौसा के ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक कोई प्रभावित हुआ है तो वो अन्नदाता यानी किसान हैं. वो दिन-रात मेहनत करके खेतों में फसलें और सब्जियां पैदा करते हैं. लेकिन, इस लॉकडाउन के दौर में उन्हें ना तो फसलों के लिए कीटनाशक मिल रहें हैं और ना ही सब्जियों के सही दाम मिल रहे हैं.

सब्जियों का उचित दाम नहीं मिलने से दौसा के किसान परेशान

ऐसे में सब्जी पैदा करने वाले किसानों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते कीटनाशक और रासायनिक पदार्थ नहीं मिलने से सारी फसलें चौपट हो गई है. जो थोड़ी बहुत पैदावार हुई है, उन्हें मंडी में आढ़तियों की मनमानी ने खत्म कर दिया है. खेत से जैसे-तैसे सब्जी लेकर आते हैं तो आढ़ती सब्जी रखवा लेते हैं और हमें रवाना कर देते हैं. फिर वो उसे अपनी मनमर्जी के दामों में बेचते हैं और हमें हमारी सब्जियों की औने-पौने दाम पकड़ा देते हैं. आढ़ती सब्जी का जो दाम देते हैं, उसमें सब्जियों के परिवहन और बारदाने (सब्जियों को पैक करने का सामान) का खर्चा भी नहीं निकलता है. लेकिन, खेतों में पड़ी सब्जियों के सड़ जाने के चलते मजबूरन सब्जियों को बाजार में ले जाकर देना पड़ रहा है.

पढ़ें: पाली में पुलिस दिवस पर कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोगों को किया गया जागरूक

किसानों का कहना है कि जो सब्जी बाजार में आम ग्राहक को 20-50 रुपये प्रति किलो तक मिल रही है. उसका किसान को 2-3 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दाम मिल रहा है. वहीं, कीटनाशक नहीं मिलने की वजह से काफी सब्जियां नष्ट हों गई हैं. बची सब्जियों को लॉकडाउन के चलते किसान रात को मंडियों में आढ़तियों के पास पहुंचा देता है. दिन में पुलिस उनको नहीं रुकने देती. सब्जियों के खरीददार भी दिन में ही आते हैं. ऐसे में इस मजबूरी का फायदा उठाकर मंडियों में आढ़ती जमकर कालाबाजारी कर रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान बची सब्जियों को आढ़ती किसानों से ओने-पौने दामों में खरीदकर महीनों की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं. इसके चलते कई बार तो किसान अपने सब्जियों को जानवरों को खिलाते हुए भी नजर आ रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.