चूरू. जिले में सिस्टम की लापरवाही की कीमत सड़क हादसे में घायल एक युवक को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है. राघा बड़ी गांव का 30 साल का कपिल सड़क हादसे में बुचावास गांव के पास गम्भीर घायल हुआ था. युवक को समय पर अस्पताल तो पहुंचा दिया गया लेकिन अस्पताल में चिकित्सक और कम्पाउंडर नहीं होने के कारण युवक की जान चली गई.
दरअसल घायल कपिल को बचाने के लिए एक अनजान युवक ने खूब संघर्ष किया. लेकिन भालेरी के सरकारी अस्पताल में ना तो कोई डॉक्टर मिला और ना ही कोई कम्पाउडर मिला. बता दें कि बुचावास गांव के पास राघा बड़ी गांव का बाइक सवार कपिल सड़क पर घायल अवस्था में पड़ा था. लेकिन जब बुचावास गांव के एक नोजवान युवक जयवीर को यह पता लगा तो वह आनन-फानन में मौके पर पहुंचा और घायल युवक को बुचावास गांव की पीएचसी में ले गया.
वहीं बुचावास पीएचसी ने उसे चूरू अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. निजी वाहन से नोजवान युवक जयवीर, गम्भीर घायल युवक को चूरू के लिए लेकर रवाना हुआ लेकिन कपिल की हालत ज्यादा बिगड़ती देख जयवीर ने उसे रास्ते मे ही आए भालेरी अस्पताल में दिखाना सही समझा.
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वहीं भालेरी पीएचसी में ना कोई डॉक्टर मिला और ना ही कोई कम्पाउंडर, जिसके कारण युवक की जिंदगी बचाने के लिए जयवीर वहां से तुरन्त रवाना हुआ और एम्बुलेंस को फोन किया लेकिन देरी से पहुंची एमबुलेंस, उन्हें रास्ते मे मिली. जिस पर जयवीर ने युवक को एमबुलेंस में शिफ्ट किया.
सिस्टम की लापरवाही की बानगी यहां भी दिखी. एमबुलेंस चूरू अस्पताल पहुंचने से पहले ही गांव गाजसर के पास खराब हो गई. जिसके बाद गम्भीर घायल युवक को फिर अपने स्तर पर चूरू जिला अस्पताल लाया गया लेकिन तब तक बहुत देर हो गई थी. जयवीर के संघर्ष के आगे सिस्टम की लापरवाही भारी पड़ी और राजकीय अस्पताल के डॉक्टरों ने 30 वर्षीय कपिल को मृत घोषित कर दिया.
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30 वर्षीय युवक की मौत के बाद बुचावास गांव के युवक जयवीर का अब यही कहना है कि कपिल को किसी और ने नही बल्कि सिस्टम की लापरवाही ने मारा है. अगर समय रहते उसे उपचार और चिकित्सक मिल जाते तो शायद वो हमारे बीच होता.