चूरू. ग्रामीण क्षेत्रों में जहां अभी महिलाओं के काम करने को लेकर संकोच सा रहता है. वहीं जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कैंटीन चला रही हैं. जिसमें महिलाएं चाय-नाश्ता बनाने, ऑर्डर लेने, सर्व करने और पेमेंट जैसे समस्त काम कर रही हैं.
कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित राजीविका की कैंटीन महिला सशक्तिकरण का परिचय करवा रही है. जिले की करीब 40 हजार महिलाओं का यह स्वयं सहायता समूह हर एक उस चीज का विक्रय करता है, जिन्हें हम दैनिक उपयोग के कार्य में लेते हैं. खास बात यह है कि ये सभी सामान समूह की उन 40 हजार महिलाओं द्वारा घर पर ही तैयार किया जाता है.
कैंटीन का संचालन कर रही स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष अंजू बताती हैं कि कैंटीन में ग्राहकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. औसतन तीन हजार रुपए प्रतिदिन की बिक्री अभी हो रही है. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इसमें और अधिक इजाफा होगा. वहीं खुद जिला कलेक्टर सन्देश नायक भी इन महिलाओं की हौसला अफजाई के लिए यहां कई बार चाय पीने आते हैं.
आने वाले दिनों होगी राजस्थानी भोजन की व्यवस्था
समूह की अध्यक्ष बतातीं है कि आने वाले दिनों में यहां परंपरागत राजस्थानी भोजन शुरू किया जाएगा. जिसमें बाजरे की रोटी कैर- सांगरी, फोफलिया आदि की सब्जी दी जाएगी. एडवांस आर्डर पर इस परंपरागत खाने की होम डिलीवरी भी दी जाएगी. इसके अलावा समूह की महिलाओं द्वारा अचार, दाल, पापड़, बड़ी, मसाले, चप्पल आदि सामान तैयार किया जाता है.
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बता दें इस कैंटीन और इस समूह में ग्रामीण परिवेश की महिलाएं है. जो सामाजिक या आर्थिक मजबूरियों के चलते घर की चारदीवारी में बंद थीं. अब आत्म निर्भर बनकर अपनी अतिरिक्त आय से परिवार के जीवन स्तर को सुधार रही हैं.