ETV Bharat / state

पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर धूल फांक रहे... मरीजों की जा रही जान - Patient in problem due to lack of resources

कहीं मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही तो कहीं संसाधनों के अभाव में मरीज दम तोड़ रहे हैं. भामाशाह चिकित्सीय उपकरणों के लिए लाखों का दान कर रहे हैं कि मरीजों को सभी सुविधाएं मिल सकें, लेकिन चूरू के राजकीय भरतिया अस्पताल में पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर प्रयोग न किए जाने से पड़े-पड़े धूल फांक रहे हैं. अस्पताल प्रशासन की लापरवाही ये कि वेंटिलेटर पर मरीज अपने टिफिन व अन्य सामान रखे हुए हैं, लेकिन कोई देखने वाला नहीं.

पीएम केयर फंड से मिले हैं वेंटिलेटर, राजकीय भरतिया अस्पताल की लापरवाही , Ventilator became showpiece,  Ventilator got from PM Care Fund , Negligence of State Bhartia Hospital, Churu News
पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर बने शोपीस
author img

By

Published : May 8, 2021, 5:59 PM IST

चूरू. कोरोना काल में कम पड़ रहे संसाधनों से देश में त्राहिमाम मचा है. खास बात ये है कि यहां संसाधन तो हैं लेकिन उसको उपयोग में लेने वाले नहीं हैं. जिले के सबसे पड़े अस्पताल में पीएम केयर फंड से मिले दर्जनों वेंटिलेटर धूल फांकते पड़े हैं, लेकिन उनको प्रयोग में नहीं लाया जा रहा है. चिकित्सा विभाग की अनदेखी यह कि मरीजों ने बंद पड़े वेंटिलेटर को सामान रखने का स्टैंड बना डाला है.

पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर बने शोपीस

पढ़ें: खुद की उखड़ती सांसों की परवाह छोड़ वृद्धा ने गंभीर युवक के लिए छोड़ा बेड, कहा- हमने तो जी ली जिंदगी

चूरू के सबसे बड़े राजकीय भरतिया अस्पताल में पीएम केयर फंड से आए हुए वेंटिलेटर शोपीस बने हुए हैं. उनका इस्तेमाल ही नहीं किया जा रहा है. ऐसे में अस्तपाल में रखे-रखे धूल फांक रहे हैं. मेडिकल कॉलेज के अधीन आने वाला जिला अस्पताल आज मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद हाफ रहा है तो कोरोना वार्ड और अस्पताल के शौचालयों में बंद पड़े दर्जनों वेंटिलेटर कबाड़ की तरह पड़े हैं. अस्पताल के कोविड वार्ड प्रभारी डॉ. साजिद का कहना है कि अस्पताल में आने वाले गंभीर मरीजों के लिए इनका उपयोग किया जाता है लेकिन हकीकत कुछ और ही है. अस्पताल में आने वाले गम्भीर मरीज अव्यवस्था और लापरवाही की भेंट चढ़े इन संसाधनों के अभाव में दम तोड़ रहे हैं.

कोविड वार्ड प्रभारी डॉ. साजिद कहते हैं कि हमारे पास कुल 67 वेंटिलेटर हैं. उनमें से एक खराब है और 15 अन्स्टाल हैं जबकि 51 वेंटिलेटर काम कर रहे हैं लेकिन जमीनी स्तर पर जब इसकी पड़ताल की गई तो देखा कि अस्पताल के ज्यादातर वेंटिलेटर या तो कोविड वार्ड में एक कोने में पड़े धूल फांक रखे थे या फिर इन बंद पड़े वेंटिलेटर को मरीज अपना सामान रखने के काम में ले रहे थे. किसी ने उसपर पानी की बोतल रख रखी थी तो किसी ने खाने का टिफिन और अन्य सामान रखा था. इसके अलावा बंद पड़े वेंटिलेटर की एसएससीरीज शौचालय में रखी थी.

चूरू. कोरोना काल में कम पड़ रहे संसाधनों से देश में त्राहिमाम मचा है. खास बात ये है कि यहां संसाधन तो हैं लेकिन उसको उपयोग में लेने वाले नहीं हैं. जिले के सबसे पड़े अस्पताल में पीएम केयर फंड से मिले दर्जनों वेंटिलेटर धूल फांकते पड़े हैं, लेकिन उनको प्रयोग में नहीं लाया जा रहा है. चिकित्सा विभाग की अनदेखी यह कि मरीजों ने बंद पड़े वेंटिलेटर को सामान रखने का स्टैंड बना डाला है.

पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर बने शोपीस

पढ़ें: खुद की उखड़ती सांसों की परवाह छोड़ वृद्धा ने गंभीर युवक के लिए छोड़ा बेड, कहा- हमने तो जी ली जिंदगी

चूरू के सबसे बड़े राजकीय भरतिया अस्पताल में पीएम केयर फंड से आए हुए वेंटिलेटर शोपीस बने हुए हैं. उनका इस्तेमाल ही नहीं किया जा रहा है. ऐसे में अस्तपाल में रखे-रखे धूल फांक रहे हैं. मेडिकल कॉलेज के अधीन आने वाला जिला अस्पताल आज मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद हाफ रहा है तो कोरोना वार्ड और अस्पताल के शौचालयों में बंद पड़े दर्जनों वेंटिलेटर कबाड़ की तरह पड़े हैं. अस्पताल के कोविड वार्ड प्रभारी डॉ. साजिद का कहना है कि अस्पताल में आने वाले गंभीर मरीजों के लिए इनका उपयोग किया जाता है लेकिन हकीकत कुछ और ही है. अस्पताल में आने वाले गम्भीर मरीज अव्यवस्था और लापरवाही की भेंट चढ़े इन संसाधनों के अभाव में दम तोड़ रहे हैं.

कोविड वार्ड प्रभारी डॉ. साजिद कहते हैं कि हमारे पास कुल 67 वेंटिलेटर हैं. उनमें से एक खराब है और 15 अन्स्टाल हैं जबकि 51 वेंटिलेटर काम कर रहे हैं लेकिन जमीनी स्तर पर जब इसकी पड़ताल की गई तो देखा कि अस्पताल के ज्यादातर वेंटिलेटर या तो कोविड वार्ड में एक कोने में पड़े धूल फांक रखे थे या फिर इन बंद पड़े वेंटिलेटर को मरीज अपना सामान रखने के काम में ले रहे थे. किसी ने उसपर पानी की बोतल रख रखी थी तो किसी ने खाने का टिफिन और अन्य सामान रखा था. इसके अलावा बंद पड़े वेंटिलेटर की एसएससीरीज शौचालय में रखी थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.