चूरू. करीब 2 महीनों बाद चूरू में कोरोना महामारी ने फिर से दस्तक दी है. जिसके बाद जिला प्रशासन और चिकित्सा महकमे में हड़कम्प मचा है. यहां प्रशासनिक और आमजन की लापरवाही का ही नतीजा है कि कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके चूरू में इस महामारी ने फिर से दस्तक दी है.
एक तरफ जहां वैक्सीनेशन के लिए लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है, तो दूसरी और शहर के दो लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद कोविड वैक्सीनेशन पर भी इसका गलत असर पड़ना तय माना जा रहा है. मंगलवार को जिले में करीब 2 महीनों बाद शहर के ही दो पिता पुत्र की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
आमजन लड़ता रहा कोरोना से जंग..यहां सीएमएचओ बदलते रहे
चूरू की जनता जब वैश्विक कोरोना महामारी से लड़ रही थी, तो यहां सीएमएचओ बदलने का खेल चल रहा था. पहले कोरोना महामारी में दिन रात मेहनत करने वाले डॉक्टर भंवरलाल सर्वा की जगह मनमोहन गुप्ता को चूरू सीएमएचओ की जिम्मेदारी सौंपी गई. गुप्ता को अभी 6 महीने भी पूरे नहीं हुए थे, उनकी जगह डॉक्टर मनोज शर्मा ने ले ली.
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वहीं कोरोना की चेन तोड़ने में अहम भूमिका निभाने वाले बीसीएमओ डॉक्टर अहसान गौरी को भी विभागीय खींचतान ने BCMO की कुर्सी से दूर किया. जैसे कोई दूध से मक्खी निकाल फेंकता है. डॉक्टर अहसान गौरी को बीसीएमओ पद से हटाने के बाद चूरू की कोरोना सैम्पल की व्यवस्थाएं ही गड़बड़ा गईं. डॉक्टर गौरी के समय जहां चूरू में 400 से 600 सैम्पल लिए जा रहे थे, तो अब 100 का आंकड़ा भी नहीं पहुंचता.