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पैरोल पर आया बंदी हुआ फरार, पुलिस ने शुरू किया तलाशी अभियान

हत्या, हत्या के प्रयास जैसे अनेक मामलों में सजा काट रहा कैदी पैरोल पर आने के बाद फरार हो गया. आरोपी एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर 40 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया था. लेकिन उसके बाद जेल नहीं पहुंचकर पैरोल से फरार हो गया. जिसके बाद चूरू पुलिस अलर्ट हो गई है और आरोपी की तलाश शुरू कर दी है.

prisoner absconding in Churu, prisoner absconding from Bikaner jail
पैरोल पर आया बंदी हुआ फरार
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Published : Jan 9, 2021, 9:42 PM IST

सुजानगढ़ (चूरू). हत्या, हत्या के प्रयास जैसे अनेक मामलों में सजायाफ्ता बंदी पैरोल से फरार हो गया. जिला पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस ने बताया कि केन्द्रीय कारागार बीकानेर से प्राप्त पत्र के अनुसार बंदी असलम पुत्र सवाई खां निवासी होली धोरा सुजानगढ़ पैरोल पर आया हुआ था. जिसे 6 जनवरी को वापस कारागार पहुंचना था, लेकिन बंदी असलम खान जेल नहीं पहुंच कर पैरोल से फरार हो गया.

पैरोल पर आया बंदी हुआ फरार

एसपी टोगस ने बताया कि ओमप्रकाश पुत्र रामनारायण ब्राह्मण निवासी रोड़ू तहसील लाडनूं जिला नागौर व भागीरथ पुत्र नारायणराम मेघवाल निवासी रोड़ू तहसील लाडनूं, जिला नागौर द्वारा 50-50 हजार रुपये की दो जमानते तस्दीक होने एवं बंदी असलम खान के स्वयं के एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर 28 नवम्बर 2020 को 40 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया था, जिसे 6 जनवरी 2021 की शाम 5 बजे तक केन्द्रीय कारागार पहुंचना था, लेकिन असलम कारागार नहीं पहुंच कर पैरोल से फरार हो गया.

एसपी ने बताया कि जानलेवा हमले के मामले में एडीजे सुजानगढ़ ने 23 जनवरी 2016 को असलम को 10 साल के कठोर कारावास, 10 हजार रुपये जुर्माना व अदम अदायगी नहीं होने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा से दण्डित किया था. इसके अलावा बंदी असलम हत्या के मामले में एडीजे सुजानगढ़ द्वारा आजीवन कारावास, एक लाख रुपये जुर्माना तथा अदम अदायगी नहीं होने पर एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास, आर्म्स एक्ट में एक वर्ष के कठोर कारावास, एक हजार रुपये जुर्माना व अदम अदायगी नहीं होने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगत रहा था.

असलम ने वर्ष 2008 में सीताराम चौधरी पर जानलेवा हमला किया था और वर्ष 2010 में होली धोरा स्थित समाज कल्याण छात्रावास में नया बास निवासी नन्दकिशोर जांगिड़ की उसने हत्या की थी. जिसके बाद से ही वह जेल में था. नन्दकिशोर जांगिड़ की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास एवं सीताराम चौधरी पर जानलेवा हमले के आरोप में 10 साल कारावास की सजा वह केन्द्रीय कारागार बीकानेर में काट रहा था. असलम के पैरोल से फरार होने के बाद क्षेत्र में गैंगवार से इनकार नहीं किया जा सकता है.

पढ़ें- कमाल कर दिया: जोधपुर एम्स के डॉक्टरों ने 10 घंटे में जोड़ा पूरी तरह से कटा हुआ हाथ

सीताराम चौधरी से पुरानी रंजिश के चलते फिर से हमला करने की आशंका भी है. इसी आशंका को ध्यान में रखते हुए चौधरी ने अपनी जान का खतरा बताया है. पैरोल से फरार होने के पश्चात जेल प्रशासन ने बंदी व दोनों जमानतदारों के खिलाफ बीछवाल पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. बंदी के पैरोल से फरार होने की सूचना के साथ ही पूरे चूरू जिले की पुलिस अलर्ट हो गई है तथा जगह-जगह बंदी की तलाश की जा रही है.

सुजानगढ़ (चूरू). हत्या, हत्या के प्रयास जैसे अनेक मामलों में सजायाफ्ता बंदी पैरोल से फरार हो गया. जिला पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस ने बताया कि केन्द्रीय कारागार बीकानेर से प्राप्त पत्र के अनुसार बंदी असलम पुत्र सवाई खां निवासी होली धोरा सुजानगढ़ पैरोल पर आया हुआ था. जिसे 6 जनवरी को वापस कारागार पहुंचना था, लेकिन बंदी असलम खान जेल नहीं पहुंच कर पैरोल से फरार हो गया.

पैरोल पर आया बंदी हुआ फरार

एसपी टोगस ने बताया कि ओमप्रकाश पुत्र रामनारायण ब्राह्मण निवासी रोड़ू तहसील लाडनूं जिला नागौर व भागीरथ पुत्र नारायणराम मेघवाल निवासी रोड़ू तहसील लाडनूं, जिला नागौर द्वारा 50-50 हजार रुपये की दो जमानते तस्दीक होने एवं बंदी असलम खान के स्वयं के एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर 28 नवम्बर 2020 को 40 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया था, जिसे 6 जनवरी 2021 की शाम 5 बजे तक केन्द्रीय कारागार पहुंचना था, लेकिन असलम कारागार नहीं पहुंच कर पैरोल से फरार हो गया.

एसपी ने बताया कि जानलेवा हमले के मामले में एडीजे सुजानगढ़ ने 23 जनवरी 2016 को असलम को 10 साल के कठोर कारावास, 10 हजार रुपये जुर्माना व अदम अदायगी नहीं होने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा से दण्डित किया था. इसके अलावा बंदी असलम हत्या के मामले में एडीजे सुजानगढ़ द्वारा आजीवन कारावास, एक लाख रुपये जुर्माना तथा अदम अदायगी नहीं होने पर एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास, आर्म्स एक्ट में एक वर्ष के कठोर कारावास, एक हजार रुपये जुर्माना व अदम अदायगी नहीं होने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगत रहा था.

असलम ने वर्ष 2008 में सीताराम चौधरी पर जानलेवा हमला किया था और वर्ष 2010 में होली धोरा स्थित समाज कल्याण छात्रावास में नया बास निवासी नन्दकिशोर जांगिड़ की उसने हत्या की थी. जिसके बाद से ही वह जेल में था. नन्दकिशोर जांगिड़ की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास एवं सीताराम चौधरी पर जानलेवा हमले के आरोप में 10 साल कारावास की सजा वह केन्द्रीय कारागार बीकानेर में काट रहा था. असलम के पैरोल से फरार होने के बाद क्षेत्र में गैंगवार से इनकार नहीं किया जा सकता है.

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सीताराम चौधरी से पुरानी रंजिश के चलते फिर से हमला करने की आशंका भी है. इसी आशंका को ध्यान में रखते हुए चौधरी ने अपनी जान का खतरा बताया है. पैरोल से फरार होने के पश्चात जेल प्रशासन ने बंदी व दोनों जमानतदारों के खिलाफ बीछवाल पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. बंदी के पैरोल से फरार होने की सूचना के साथ ही पूरे चूरू जिले की पुलिस अलर्ट हो गई है तथा जगह-जगह बंदी की तलाश की जा रही है.

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