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चूरूः नगर परिषद सभापति का नियम विरुद्ध बालिका आश्रय गृह का निरीक्षण, दुष्कर्म पीड़िता के साथ फोटो खींची और पोस्ट कर दी

चूरू में औचक निरीक्षण के चक्कर मे नगर परिषद सभापति बड़ी गलती कर बैठी. नगर परिषद सभापति पायल सैनी ने बालिका आश्रय गृह के नियम विरुद्ध निरीक्षण और नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के साथ फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया.

बालिका आश्रय गृह, girls shelter home
नगर सभापति का नियम विरुद्ध बालिका आश्रय गृह का निरीक्षण
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Published : Jul 26, 2021, 8:45 PM IST

Updated : Jul 27, 2021, 1:09 PM IST

चूरू. बालिका आश्रय गृह में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है. जहां चूरू नगर परिषद सभापति ने नियम के विरुद्ध ना सिर्फ बालिका आश्रय गृह का औचक निरीक्षण कर दिया बल्कि नाबालिक दुष्कर्म पीड़िता के साथ खिंचवाई फोटो को सोशल मीडिया पर भी पोस्ट कर दिया.

पढ़ेंः उदयपुर : बकरियां चराने जंगल में गई दो बच्चियों की नाड़ी में डूबने से मौत...घरों में विलाप, गांव में कोहराम

हालांकि सभापति ने बाद में इस पोस्ट को डिलीट भी कर दिया, लेकिन तबतक मामला तूल पकड़ चुका था. मामले में अब बाल अधिकारिता विभाग ने तो बालिका आश्रय गृह को नॉटिस थमाकर दो दिन में जवाब तलब कर लिया, लेकिन बाल कल्याण समिति अब भी इस पूरे मामले में मौन धारण किए है और नियम विरुद्ध निरीक्षण कर विधिक संरक्षित बच्चों की पहचान उजागर करने वाली सभापति के खिलाफ कारवाई करने से कतरा रही है.

नगर परिषद सभापति का नियम विरुद्ध बालिका आश्रय गृह का निरीक्षण

दरसल नगर परिषद सभापति पायल सैनी ने 23 जुलाई को पूरे लाव लश्कर के साथ औचक निरीक्षण बता बालिका गृह का निरीक्षण किया. यहां विधिक सरक्षित बालिकाओं के साथ फोटो खिंचवा कर सोशल मीडिया पर उन्हें अपलोड कर दिया.

पढ़ेंः यूपी में बिना कांग्रेस किसी की सरकार नहीं बन सकतीः इमरान प्रतापगढ़ी

सभापति ने जिस बालिका के साथ फोटो खिंचवा उसे सोशल मीडिया पर अपलोड किया उस नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के साथ उसका बच्चा भी था. बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अरुण सिंह ने बताया कि विधिक सरक्षित बच्चों की पहचान उजागर करना कानून अपराध .है ऐसा करने वालों के खिलाफ सजा और जुर्माने का प्रावधान है.

सभापति ने बच्चों की निजता का हनन किया है. उन्होंने बताया कि बालिका आश्रय गृह का निरीक्षण करने के लिए राज्य सरकार की और से कमेटी का गठन किया जाता है और केवल वही इसके लिए अधिकृत है.

चूरू. बालिका आश्रय गृह में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है. जहां चूरू नगर परिषद सभापति ने नियम के विरुद्ध ना सिर्फ बालिका आश्रय गृह का औचक निरीक्षण कर दिया बल्कि नाबालिक दुष्कर्म पीड़िता के साथ खिंचवाई फोटो को सोशल मीडिया पर भी पोस्ट कर दिया.

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हालांकि सभापति ने बाद में इस पोस्ट को डिलीट भी कर दिया, लेकिन तबतक मामला तूल पकड़ चुका था. मामले में अब बाल अधिकारिता विभाग ने तो बालिका आश्रय गृह को नॉटिस थमाकर दो दिन में जवाब तलब कर लिया, लेकिन बाल कल्याण समिति अब भी इस पूरे मामले में मौन धारण किए है और नियम विरुद्ध निरीक्षण कर विधिक संरक्षित बच्चों की पहचान उजागर करने वाली सभापति के खिलाफ कारवाई करने से कतरा रही है.

नगर परिषद सभापति का नियम विरुद्ध बालिका आश्रय गृह का निरीक्षण

दरसल नगर परिषद सभापति पायल सैनी ने 23 जुलाई को पूरे लाव लश्कर के साथ औचक निरीक्षण बता बालिका गृह का निरीक्षण किया. यहां विधिक सरक्षित बालिकाओं के साथ फोटो खिंचवा कर सोशल मीडिया पर उन्हें अपलोड कर दिया.

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सभापति ने जिस बालिका के साथ फोटो खिंचवा उसे सोशल मीडिया पर अपलोड किया उस नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के साथ उसका बच्चा भी था. बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अरुण सिंह ने बताया कि विधिक सरक्षित बच्चों की पहचान उजागर करना कानून अपराध .है ऐसा करने वालों के खिलाफ सजा और जुर्माने का प्रावधान है.

सभापति ने बच्चों की निजता का हनन किया है. उन्होंने बताया कि बालिका आश्रय गृह का निरीक्षण करने के लिए राज्य सरकार की और से कमेटी का गठन किया जाता है और केवल वही इसके लिए अधिकृत है.

Last Updated : Jul 27, 2021, 1:09 PM IST
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