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चूरू में 'स्नेक मैन' के नाम से मशहूर इस शख्स ने बचाई हजारों सांपों की जिंदगी

चूरू के सरदार शहर में रहने वाले विनोद तिवाड़ी गांधी विधा मंदिर में सुपरवाईजर की नौकरी करते हैं. 8 साल की उम्र से ही उन्हें सांप पकड़ने का ऐसा शौक लगा, जिसने आज उन्हें 'स्नेक मैन' के नाम से शहर में मशूहर कर दिया है. तिवाड़ी को बचपन में लगा ये शौक अब इन सांपों की जिन्दगी बचाने का मकसद बन गया है.

Snake Man Vinod Tiwari, स्नेक मैन विनोद तिवाड़ी
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Published : Oct 20, 2019, 3:34 PM IST

चूरू. आमतौर पर जहां लोग सांप को देखकर डरते हैं और उसे अपने घर से दूर भगाने का प्रयास करते हैं, वहीं सरदार शहर के विनोद तिवाड़ी सांप को पकड़ उन्हें आम लोगों की पहुंच से दूर रख सांपों की जिंदगी बचा रहे हैं. सरदार शहर के वार्ड 17 में रहने वाले विनोद तिवाड़ी गांधी विधा मंदिर में एक सुपरवाईजर की नौकरी करते हैं. 8 साल की उम्र से ही विनोद तिवाड़ी को सांप पकड़ने का शौक लगा था जो आज स्नेक मैन के नाम से शहर में मशूहर हैं.

चूरू में 'स्नेक मैन' के नाम से मशहूर इस शख्स ने बचाई हजारों सांपों की जिंदगी

तिवाड़ी को बचपन में लगा ये शौक अब इन सांपों की जिन्दगी बचाने का मकसद बन गया है. अब वे आम लोगों के लिए खतरा बने सांपों और उनसे लोगों दोनों को ही बचा रहे हैं. सरदारशहर में रहते हुए विनोद तिवाड़ी ने आस पास के क्षेत्र में गांवों में भी सांपों को पकड़कर जंगल में छोड़ा है. शहर व गांवों में से कई प्रकार के सांपों को पकड़ा है. अब तक विनोद ब्लेक मांबा, रेट स्नेक, ढोर, धामन, करैत, काले नाग नागिन, गोयरा, कोबरा आदि अनेक जहरीलें सांपों को पकड़कर जंगल में छोड़ चुके हैं.

तिवाड़ी ने बताया कि बरसात के समय अधिक सांप निकलते हैं. बिल में बारिश का पानी घुस जाने से वे अपने को सुरक्षित रखने के लिए घर या घर के आसपास छिपने की कोशिश करते हैं. आम लोगों को उससे डरने की जरूरत नहीं है. सांप भी इंसान से डरता है वो भी बचने की कोशिश करता है. उसके साथ छेड़छाड़ नहीं करें. घर में सांप घुस जाने पर शांत रहें. एक साधारण परिवार में जन्में विनोद तिवाड़ी आज स्नेक मास्टर या स्नेक मैन के नाम से जाने जाते हैं. उनका कहना है कि अब से शौक नहीं रहा सांपों की जिन्दगी बचाना एक मकसद बन गया है.

पढ़ें- लोकरंग का 9वां दिनः कथक और लावणी नृत्य पर झूम उठे दर्शक

इसी के साथ वह बताते हैं कि उन्हें कई बार सांप काट भी लेते हैं लेकिन उन्हें गौरखनाथजी महाराज व गोगाजी महाराज की कृपा से उसका उन पर कोई असर नहीं होता है. उन्हें ऑफिसों और घरों में सांप आने पर बुलाया जाता है और पकड़ने पर पांच सौ या हजार रुपए भी दिए जाते है. वे इन रुपयों को जमाकर किसी गरीब लड़की की शादी में दे देते है या गौशालाओं में गौवंश के लिए दान करते है.

चूरू. आमतौर पर जहां लोग सांप को देखकर डरते हैं और उसे अपने घर से दूर भगाने का प्रयास करते हैं, वहीं सरदार शहर के विनोद तिवाड़ी सांप को पकड़ उन्हें आम लोगों की पहुंच से दूर रख सांपों की जिंदगी बचा रहे हैं. सरदार शहर के वार्ड 17 में रहने वाले विनोद तिवाड़ी गांधी विधा मंदिर में एक सुपरवाईजर की नौकरी करते हैं. 8 साल की उम्र से ही विनोद तिवाड़ी को सांप पकड़ने का शौक लगा था जो आज स्नेक मैन के नाम से शहर में मशूहर हैं.

चूरू में 'स्नेक मैन' के नाम से मशहूर इस शख्स ने बचाई हजारों सांपों की जिंदगी

तिवाड़ी को बचपन में लगा ये शौक अब इन सांपों की जिन्दगी बचाने का मकसद बन गया है. अब वे आम लोगों के लिए खतरा बने सांपों और उनसे लोगों दोनों को ही बचा रहे हैं. सरदारशहर में रहते हुए विनोद तिवाड़ी ने आस पास के क्षेत्र में गांवों में भी सांपों को पकड़कर जंगल में छोड़ा है. शहर व गांवों में से कई प्रकार के सांपों को पकड़ा है. अब तक विनोद ब्लेक मांबा, रेट स्नेक, ढोर, धामन, करैत, काले नाग नागिन, गोयरा, कोबरा आदि अनेक जहरीलें सांपों को पकड़कर जंगल में छोड़ चुके हैं.

तिवाड़ी ने बताया कि बरसात के समय अधिक सांप निकलते हैं. बिल में बारिश का पानी घुस जाने से वे अपने को सुरक्षित रखने के लिए घर या घर के आसपास छिपने की कोशिश करते हैं. आम लोगों को उससे डरने की जरूरत नहीं है. सांप भी इंसान से डरता है वो भी बचने की कोशिश करता है. उसके साथ छेड़छाड़ नहीं करें. घर में सांप घुस जाने पर शांत रहें. एक साधारण परिवार में जन्में विनोद तिवाड़ी आज स्नेक मास्टर या स्नेक मैन के नाम से जाने जाते हैं. उनका कहना है कि अब से शौक नहीं रहा सांपों की जिन्दगी बचाना एक मकसद बन गया है.

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इसी के साथ वह बताते हैं कि उन्हें कई बार सांप काट भी लेते हैं लेकिन उन्हें गौरखनाथजी महाराज व गोगाजी महाराज की कृपा से उसका उन पर कोई असर नहीं होता है. उन्हें ऑफिसों और घरों में सांप आने पर बुलाया जाता है और पकड़ने पर पांच सौ या हजार रुपए भी दिए जाते है. वे इन रुपयों को जमाकर किसी गरीब लड़की की शादी में दे देते है या गौशालाओं में गौवंश के लिए दान करते है.

Intro:चूरू_सरदारशहर जहां लोग सांप को देखकर डरते है और उसे अपने घर से दूर भगाने का प्रयास करते हैं, वहीं सरदारशहर के विनोद तिवाड़ी सांप को पकड़ उन्हें आम लोगों की पहुंच से दूर रखकर सांपों की जिंदगी बचा रहा है। सरदारशहर के वार्ड 17 में रहने वाला विनोद तिवाड़ी गांधी विधा मंदिर में एक सुपरवाईजर की नौकरी करते है। 8 साल की उम्र से ही विनोद तिवाड़ी को सांप पकड़ने का शौक लगा था जो आज स्नैक मैन के नाम से शहर में मशूहर है.तिवाड़ी का बचपन में लगा ये शौक अब इन सांपों की जिन्दगी बचाने का मकसद बन गया है। अब यह शौक आम लोगों के लिए खतरा बने सांपों को बचा रहा है। सरदारशहर में रहते हुए विनोद तिवाड़ी ने आस पास के क्षेत्र में गांवों में भी सांपों को पकड़कर जंगल में छोड़ा है। शहर व गांवों में से कई प्रकार के सांपों को पकड़ा है।Body:आपको बतादे कि अभी तक विनोद तिवाड़ी ने ब्लेक मांबा,रेट स्नैक, ढोर, धामन,करैत,काले नाग नागिन,गोयरा,कोबरा आदि अनेक जहरीलें सांपों को पकड़कर जंगल में छोड़ चुके है। विनोद तिवाड़ी ने बताया कि सांप पकड़ने की तकनीक बचपन में ही एक शौक के कारण ही सीखा था। इसके बाद शहर में कहीं पर घरों में सांप आने पर में जाकर उनको पकड़ता और जंगल में छोड़ देता। उन्होंने बताया कि बरसात के समय अधिक सांप निकलते हैं। बिल में बारिश का पानी घुस जाने से वे अपने को सुरक्षित रखने के लिए घर या घर के आसपास छिपने की कोशिश करते हैं। आम लोगों को उससे डरने की जरूरत नहीं है। सांप भी इंसान से डरता है। वो भी बचने की कोशिश करता है। उसके साथ छेडछाड़ नहीं करे। घर में सांप घुस जाने पर शांत रहे। एक साधारण परिवार में जन्में विनोद तिवाड़ी आज स्नैक मास्टर या स्नैक मैंन के नाम से जाने जाते है। और उनका कहना है कि अब से शौक नही रहा सांपों की जिन्दगी बचाना एक मकसद बन गया है। विनोद ने बताया कि गौरखनाथ जी महाराज व गोगाजी महाराज की कृपा से कई बार सांप काट भी लेते है लेकिन कोई असर नही होता है। अब तो एक मकसद है कि इन सांपों को कैसे बचाया जाये बस ये ही सोचकर काम करता हुं कही पर सांप की सूचना आने पर जाता हुं और पकड़कर लाता हुं और जंगल में छोड़ देता हुं कई आॅफिसों में घरों में सांप आने पर बुलाया जाता है और पकड़ने पर पांच सौ या हजार रूपये भी देते है उन रूपयों को जमाकर किसी गरीब लड़की की शादी में देता हुं या गौशालाओं में गौवंश के लिए दे देता हुं। विनोद तिवाड़ी के इस नेक कार्य के शहर में भी चर्चे है। 


Conclusion:आपको बतादे कि विनोद तिवाड़ी 52 साल के हैं और वे बहुत छोटी उम्र से सांपों को पकड़ने का काम कर रहे हैं। उनकी तस्वीरों में दिख जाता है कि किस तरह वह और सांपों को पकड़ते है। वह अब तक हजारों सांपों को पकड़ चुके हैं और इनमें जहरीले सांपों की तादाद ज्यादा है। केवल सांप ही नहीं, वह तरह-तरह के विषैले जीव जंतुओं को आसानी से काबू में करते रहे हैं। विनोद ने बताया कि ‘सांप बचपन से मेरी जिंदगी का खास हिस्सा रहे हैं। मैं नहीं जानता कि मुझे सांपों से लगाव क्यों है ? बचपन में देखता था कि लोग सांपों को बुरी तरह से मार देते थे, उसी वक्त मेरे मन में इनके प्रति संवेदना जागी और मैं इन्हें बचाने के लिए आगे आया। आज में लोगों से कहता हुं कि इनको मारे नही इनको बचाये कही पर सांप आये तो मुझे सूचना दे मारे नही। आज मेरे पास गांवों से शहर में कही पर भी सांप निकलते ही कॉल आता है। और में तुरन्त जाकर सांप को पकड़कर जंगल में छोड़ देता हुं जिससे उसकी जान बच जाती है। 



बाईट_विनोद तिवाड़ी, स्नैक मैंन  

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