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SPECIAL: जिला प्रशासन के इन 7 कदमों से चूरू हुआ CORONA फ्री

चूरू के भांगीवाद में पहली महिला कोरोना पॉजिटिव मिलने से हर तरफ हाहाकर मच गया था. इसके बाद जिले में आखिरी रोगी चूरू के वार्ड 41 में मिला. लेकिन प्रशासन, पुलिस और डॉक्टरों की कड़ी मेहनत ने चूरू को पूरी तरह से कोरोना फ्री कर दिया है. यहां 100 प्रतिशत मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं.

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जिला प्रशासन के इन 7 कदमों ने कोरोना को हराया
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Published : Apr 29, 2020, 6:34 PM IST

चूरू. कोरोना वायरस संक्रमण रेड जोन में नहीं है. चूरू के सभी 14 व्यक्ति जो कोविड 19 संक्रमित थे, वे अब नेगेटिव हैं. अब चूरू में कोरोना वायरस के 100 प्रतिशत मरीज स्वस्थ्य हैं.

चूरू हुआ कोरोना फ्री

इस तरह जीते कोरोना से :

  • प्रशासन के किया डटकर सामना

जिला कलेक्टर संदेश नायक के मुताबिक उन्हें जिले में जहां कहीं से भी कोविड 19 संक्रमित या संदिग्ध मिलने की खबर मिली, तो बिना देर किए जिला प्रशासन अलर्ट हो गया. भांगीवाद में पहली महिला रोगी मिलने से लेकर आखिरी रोगी चूरू के वार्ड 41 में पाए जाने पर कलेक्टर संदेश नायक तुरंत मौके पर मौजूद रहते थे.

पहला पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद भांगीवाद सहित आस-पास के गांवों में कर्फ्यू लगाया गया. चूरू के वार्ड 40 और 41 को सील करवा दिया गया. लगातार मॉनेटरिंग की गई. एसडीएम को स्पेशल जिम्मेदारी सौंपी गई.

जिला प्रशासन के इन 7 कदमों ने कोरोना को हराया
  • डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ ने तोड़ी चेन

यहां के डॉक्टर्स जुनून और जोश के साथ तुरंत ही कोरोना से खिलाफ जंग के मैदान में उतर गए. आरसीएचओ सुनील जांदू और उनकी टीम ने सर्वे, स्क्रीनिंग और सैंपलिंग का काम तुरंत किया. संक्रमण फैलने की कोई गुंजाइश नहीं बचे, इसलिए वार्ड 40 और 41 का तीन बार सर्वे किया गया. चिकित्सा विभाग की टीम का कई जगह विरोध भी हुआ. लेकिन उसके बाद भी मौके पर डटे रहे और ज्यादा से ज्यादा सैंपलिंग की गई.

  • पुलिस ने निभाई अहम जिम्मेदारी

चूरू पुलिस का भी संक्रमण को फैलने से रोकने में बड़ा रोल रहा. दो अप्रैल को कर्फ्यू लगाए जाने के बाद पुलिस के जवान 12-12 घंटे तक बिना रुके ड्यूटी देते रहे. लोगों को घरों में रोकने के लिए ऑनलाइन कॉम्पिटिशन और सेलिब्रिटीज़ का लाइव सेशन जैसे कई नवाचार भी किए गए. जहां जरूरत थी, वहां पर पुलिस मुस्तैदी के साथ मेडिकल टीम के साथ रही.

  • जनता ने किया एडवायजरी का पालन

पुलिस का मानना है कि चूरू के 90 फीसदी लोगों ने गाइडलाइन का पालन किया. इन्हीं सब की बदौलत चूरू आज कोरोना के रेड जोन से बाहर है.

  • मास्क फॉर ऑल लागू

जिला कलेक्टर संदेश नायक बताते हैं कि लॉकडाउन से पहले ही 18 मार्च को जिले के सालासर बालाजी के मंदिर सहित कई बड़े मंदिरों और धार्मिक स्थलों को आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया. इसका लाभ यह मिला कि संक्रमण जहां कहीं था तो भी फैला नहीं. जिन इलाकों में संक्रमण फैला वहां पर मास्क फॉर ऑल लागू किया गया. चिकित्सा विभाग की टीमों को भी लोगों की ओर से मास्क बांटे गए.

  • मौत होने पर भी लिए सैंपल

जिला कलेक्टर के मुताबिक कोरोना वायरस पॉजिटिव के हॉट-स्पॉट बने चूरु सरदारशहर में संक्रमित इलाकों में सामान्य मृत्यु पर भी मृत शरीर के सैंपल लिए गए, ताकि अगर डेथ कोरोना वायरस संक्रमण से हुई हो तो पता चल जाए और संक्रमण नहीं फैले.

  • दो लाख लोगों को दी गई होम्योपैथिक टेबलेट

फील्ड में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए होम्योपैथिक की आरसैनिक एल्बम 30 टेबलेट दी गई. करीब दो लाख लोगों तक यह टेबलेट पहुंचाई गई. इसी तरह का आयुर्वेद का क्वाथ काढ़ा भी बड़ी संख्या में पिलाया गया.

कलेक्टर ने लोगों से आग्रह किया है कि जिले में महाराष्ट्र, गुजरात और दूसरे कोरोना संक्रमित इलाकों से आने वाले व्यक्तियों को होम क्वॉरेंटाइन में रखा जाएगा. ऐसे लोगों पर निगरानी रखने के लिए टीम भी गठित की गई है. लोगों से भी की गई है की वे भी सूचित करें और आने वाले व्यक्ति को भी से भी अपील की जा रही है कि वे होम क्वॉरेंटाइन में रहे. जो घर पर नहीं रहना चाहते कि राज्य सरकार की ओर से जिले में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर पर रह सकते हैं.

चूरू. कोरोना वायरस संक्रमण रेड जोन में नहीं है. चूरू के सभी 14 व्यक्ति जो कोविड 19 संक्रमित थे, वे अब नेगेटिव हैं. अब चूरू में कोरोना वायरस के 100 प्रतिशत मरीज स्वस्थ्य हैं.

चूरू हुआ कोरोना फ्री

इस तरह जीते कोरोना से :

  • प्रशासन के किया डटकर सामना

जिला कलेक्टर संदेश नायक के मुताबिक उन्हें जिले में जहां कहीं से भी कोविड 19 संक्रमित या संदिग्ध मिलने की खबर मिली, तो बिना देर किए जिला प्रशासन अलर्ट हो गया. भांगीवाद में पहली महिला रोगी मिलने से लेकर आखिरी रोगी चूरू के वार्ड 41 में पाए जाने पर कलेक्टर संदेश नायक तुरंत मौके पर मौजूद रहते थे.

पहला पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद भांगीवाद सहित आस-पास के गांवों में कर्फ्यू लगाया गया. चूरू के वार्ड 40 और 41 को सील करवा दिया गया. लगातार मॉनेटरिंग की गई. एसडीएम को स्पेशल जिम्मेदारी सौंपी गई.

जिला प्रशासन के इन 7 कदमों ने कोरोना को हराया
  • डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ ने तोड़ी चेन

यहां के डॉक्टर्स जुनून और जोश के साथ तुरंत ही कोरोना से खिलाफ जंग के मैदान में उतर गए. आरसीएचओ सुनील जांदू और उनकी टीम ने सर्वे, स्क्रीनिंग और सैंपलिंग का काम तुरंत किया. संक्रमण फैलने की कोई गुंजाइश नहीं बचे, इसलिए वार्ड 40 और 41 का तीन बार सर्वे किया गया. चिकित्सा विभाग की टीम का कई जगह विरोध भी हुआ. लेकिन उसके बाद भी मौके पर डटे रहे और ज्यादा से ज्यादा सैंपलिंग की गई.

  • पुलिस ने निभाई अहम जिम्मेदारी

चूरू पुलिस का भी संक्रमण को फैलने से रोकने में बड़ा रोल रहा. दो अप्रैल को कर्फ्यू लगाए जाने के बाद पुलिस के जवान 12-12 घंटे तक बिना रुके ड्यूटी देते रहे. लोगों को घरों में रोकने के लिए ऑनलाइन कॉम्पिटिशन और सेलिब्रिटीज़ का लाइव सेशन जैसे कई नवाचार भी किए गए. जहां जरूरत थी, वहां पर पुलिस मुस्तैदी के साथ मेडिकल टीम के साथ रही.

  • जनता ने किया एडवायजरी का पालन

पुलिस का मानना है कि चूरू के 90 फीसदी लोगों ने गाइडलाइन का पालन किया. इन्हीं सब की बदौलत चूरू आज कोरोना के रेड जोन से बाहर है.

  • मास्क फॉर ऑल लागू

जिला कलेक्टर संदेश नायक बताते हैं कि लॉकडाउन से पहले ही 18 मार्च को जिले के सालासर बालाजी के मंदिर सहित कई बड़े मंदिरों और धार्मिक स्थलों को आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया. इसका लाभ यह मिला कि संक्रमण जहां कहीं था तो भी फैला नहीं. जिन इलाकों में संक्रमण फैला वहां पर मास्क फॉर ऑल लागू किया गया. चिकित्सा विभाग की टीमों को भी लोगों की ओर से मास्क बांटे गए.

  • मौत होने पर भी लिए सैंपल

जिला कलेक्टर के मुताबिक कोरोना वायरस पॉजिटिव के हॉट-स्पॉट बने चूरु सरदारशहर में संक्रमित इलाकों में सामान्य मृत्यु पर भी मृत शरीर के सैंपल लिए गए, ताकि अगर डेथ कोरोना वायरस संक्रमण से हुई हो तो पता चल जाए और संक्रमण नहीं फैले.

  • दो लाख लोगों को दी गई होम्योपैथिक टेबलेट

फील्ड में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए होम्योपैथिक की आरसैनिक एल्बम 30 टेबलेट दी गई. करीब दो लाख लोगों तक यह टेबलेट पहुंचाई गई. इसी तरह का आयुर्वेद का क्वाथ काढ़ा भी बड़ी संख्या में पिलाया गया.

कलेक्टर ने लोगों से आग्रह किया है कि जिले में महाराष्ट्र, गुजरात और दूसरे कोरोना संक्रमित इलाकों से आने वाले व्यक्तियों को होम क्वॉरेंटाइन में रखा जाएगा. ऐसे लोगों पर निगरानी रखने के लिए टीम भी गठित की गई है. लोगों से भी की गई है की वे भी सूचित करें और आने वाले व्यक्ति को भी से भी अपील की जा रही है कि वे होम क्वॉरेंटाइन में रहे. जो घर पर नहीं रहना चाहते कि राज्य सरकार की ओर से जिले में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर पर रह सकते हैं.

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