सुजानगढ़ (चूरू). जिले के सिद्धपीठ सालासर बालाजी के 266वें स्थापना दिवस पर बालाजी मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं ने बालाजी के धोक लगाई. कोरोना के कारण गेट बंद होने के कारण श्रद्धालु गर्भ गृह तक नहीं जा पाए. साथ ही उन्होंने प्रवेश द्वार पर ही मत्था टेक कर अपनी मनोकामना मांगी.
बालाजी मंदिर में पुजारी परिवार द्वारा श्री बालाजी, राम दरबार, श्याम दरबार और मोहनदास जी की पोशाक बदलकर उन्हें खीर चूरमे का भोग लगाया गया. साथ ही सवेरे साढ़े दस बजे भोग आरती का यूट्यूब पर लाइव प्रसारण कर लाखों भक्तों को ऑनलाइन दर्शन करवाए गए.
दूसरी और बालाजी मंदिर के स्थापना दिवस पर सालासर की श्री बालाजी गौशाला संस्थान परिसर में 40 फुट चौड़ा और 61 फीट लंबी लाल ध्वजा लगाई गई. बालाजी गौशाला अध्यक्ष रविशंकर पुजारी ने मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना कर ध्वजा को लहराया.
पुजारी ने बताया कि बालाजी लाल रंग से अतिप्रसन्न होते हैं और सालासर की पहचान बालाजी और लालध्वज से ही है. इस दौरान पुजारी ने बालाजी से कोरोना संकट दूर करने की प्रार्थना करते हुए सबके लिए मंगलकामना की.