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400 साल पुराने मंगलेश्वर महादेव मंदिर में पूरी होती हैं मनोकामनाएं,शिवलिंग सिद्धेश्वर की है मान्यता. - #Etv Bharat

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Published : Jul 23, 2019, 11:32 AM IST

Updated : Jul 23, 2019, 2:26 PM IST

चूरु. जिले का मंगलेश्वर महादेव मंदिर 400 साल पुराना है.400 साल पहले यहां चारों तरफ श्मशान व कुएं थे.तत्कालीन ठाकुर ने यहां हवेली बनाने के लिए खुदाई शुरू की थी.इसी दौरान जमीन से शिवलिंग निकला.जिसके कारण ठाकुर ने खुदाई का काम रुकवाकर यहां शिव का मंदिर बनावा दिया.

मंगलेश्वर महादेव मंदिर में पूरी होती हैं मनोकामनाएं

कई साल बाद इस मंदिर में जमीन से निकले शिवलिंग के पास ही एक नया चौमुखा शिवलिंग स्थापित किया गया.जिसकी प्राण- प्रतिष्ठा पंडित मंगल चंद्र ने करवाई.इसी के नाम पर इस मंदिर का नाम मंगलेश्वर महादेव पड़ा.अभी इस मंदिर के जीर्णोद्धार का काम जनसहयोग से चल रहा है.मंदिर की देखरेख के लिए एक ट्रस्ट भी बनाया गया है.

पुराने शिवलिंग सिद्धेश्वर की है मान्यता

बता दें कि इस मंदिर में पुराने समय में जो शिवलिंग निकला था उसकी आज भी नियमित पूजा-अर्चना होती है.कहा जाता है कि यहां मांगी गई हर कामना सिद्ध होती है और इसी कारण इसे सिद्धेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है.यहां पर सरस्वती, दुर्गा, शिव, पार्वती, गणेश, नंदी, बालाजी व राम दरबार सहित अनेक देवी देवताओं के भी देवालय और मूर्तियां हैं.

ट्रस्टी कैलाश चंद्र हरित बताते हैं कि इस मंदिर की स्थापना 400 वर्ष पूर्व हुई.यहां पर सिद्धेश्वर शिवलिंग प्रकट शिवलिंग है वही उसके बाद में हमारे पूर्वजों के द्वारा मंगलेश्वर शिवलिंग की स्थापना की गई.अभी जनसहयोग से इस मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है.इसी वर्ष यहां पर अंजनी माता, राम दरबार व सरस्वती की मूर्तियां स्थापित गई है.

चूरु. जिले का मंगलेश्वर महादेव मंदिर 400 साल पुराना है.400 साल पहले यहां चारों तरफ श्मशान व कुएं थे.तत्कालीन ठाकुर ने यहां हवेली बनाने के लिए खुदाई शुरू की थी.इसी दौरान जमीन से शिवलिंग निकला.जिसके कारण ठाकुर ने खुदाई का काम रुकवाकर यहां शिव का मंदिर बनावा दिया.

मंगलेश्वर महादेव मंदिर में पूरी होती हैं मनोकामनाएं

कई साल बाद इस मंदिर में जमीन से निकले शिवलिंग के पास ही एक नया चौमुखा शिवलिंग स्थापित किया गया.जिसकी प्राण- प्रतिष्ठा पंडित मंगल चंद्र ने करवाई.इसी के नाम पर इस मंदिर का नाम मंगलेश्वर महादेव पड़ा.अभी इस मंदिर के जीर्णोद्धार का काम जनसहयोग से चल रहा है.मंदिर की देखरेख के लिए एक ट्रस्ट भी बनाया गया है.

पुराने शिवलिंग सिद्धेश्वर की है मान्यता

बता दें कि इस मंदिर में पुराने समय में जो शिवलिंग निकला था उसकी आज भी नियमित पूजा-अर्चना होती है.कहा जाता है कि यहां मांगी गई हर कामना सिद्ध होती है और इसी कारण इसे सिद्धेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है.यहां पर सरस्वती, दुर्गा, शिव, पार्वती, गणेश, नंदी, बालाजी व राम दरबार सहित अनेक देवी देवताओं के भी देवालय और मूर्तियां हैं.

ट्रस्टी कैलाश चंद्र हरित बताते हैं कि इस मंदिर की स्थापना 400 वर्ष पूर्व हुई.यहां पर सिद्धेश्वर शिवलिंग प्रकट शिवलिंग है वही उसके बाद में हमारे पूर्वजों के द्वारा मंगलेश्वर शिवलिंग की स्थापना की गई.अभी जनसहयोग से इस मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है.इसी वर्ष यहां पर अंजनी माता, राम दरबार व सरस्वती की मूर्तियां स्थापित गई है.

Intro:चूरू। यह चूरू का मंगलेश्वर महादेव मंदिर है। करीब 400 साल पुराने इस मंदिर की स्थापना भी चूरू शहर की स्थापना के आसपास ही हुई थी। आज यह मंदिर चूरू के लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। मंदिर की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा पंडित मंगल चंद्र ने करवाई थी उन्हीं के नाम पर ही इस मंदिर का नाम मंगलेश्वर महादेव मंदिर पड़ा। शिवरात्रि के साथ ही सावन के महीने में यहां रुद्राभिषेक व विशेष पूजा होती है।
वर्तमान में जनसहयोग से इस मंदिर का जीर्णोद्धार का काम चल रहा है। वही यहां पर सरस्वती, राम दरबार, शाकंभरी माता की मूर्तियां भी स्थापित की गई है।


Body:400 साल पुराना है मंदिर
मंगलेश्वर महादेव मंदिर 400 साल पुराना है। उस समय यहां चारों तरफ श्मशान व कुएं थे। तत्कालीन ठाकुर ने यहां हवेली बनाने के लिए खुदाई शुरू की थी। इसी दौरान जमीन से शिवलिंग निकला। जमीन में शिवलिंग निकलने के कारण ठाकुर ने खुदाई का काम रुकवाकर यहां शिव का मंदिर बना दिया।
कई साल बाद इस मंदिर में जमीन में निकले शिवलिंग के पास ही एक नया चौमुखा शिवलिंग स्थापित किया गया। जिस की प्राण प्रतिष्ठा पंडित मंगल चंद्र ने करवाई। इसी के नाम पर इस मंदिर का नाम मंगलेश्वर महादेव पड़ा। अभी इस मंदिर का जीर्णोद्धार का काम जनसहयोग से चल रहा है। मंदिर की देखरेख के लिए एक ट्रस्ट भी बनाया गया है।


Conclusion:पुराने शिवलिंग सिद्धेश्वर की है मान्यता
इस मंदिर में पुराने समय में जो शिवलिंग निकला था उसकी आज भी नियमित पूजा-अर्चना होती है। बताते हैं कि यहां पर मांगी गई हर कामना सिद्ध होती है इसी कारण इसे सिद्धेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है।यहां पर सरस्वती, दुर्गा, शिव, पार्वती, गणेश, नंदी, बालाजी व राम दरबार सहित अनेक देवी देवताओं के भी देवालय और मूर्तियां हैं।
बाइट: कैलाश चंद्र हरित, ट्रस्टी, मंगलेश्वर महादेव मंदिर, चूरू।
ट्रस्टी कैलाश चंद्र हरित बताते हैं कि इस मंदिर की स्थापना 400 वर्ष पूर्व हुई। यहां पर सिद्धेश्वर शिवलिंग प्रकट शिवलिंग है वही उसके बाद में हमारे पूर्वजों के द्वारा मंगलेश्वर शिवलिंग की स्थापना की गई। अभी जनसहयोग से इस मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है। इसी वर्ष यहां पर अंजनी माता, राम दरबार व सरस्वती की मूर्तियां स्थापित गई है।
Last Updated : Jul 23, 2019, 2:26 PM IST
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