चूरू. पूर्व मंत्री और उपेनता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर शब्द बाण चलाया. इस दौरान राठौड़ ने नीदंड़ मामले में और प्रदेश में टिड्डियों के कहर को लेकर कहा संवेदनाओं का बखान करने वाली सरकार का कोई भी प्रतिनिधि राजधानी में होते हुए भी उनकी कुशलक्षेप पूछने नहीं गया कि किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं. राजस्थान में कई दशकों के बाद टिड्डी का कहर टूटा है. लापरवाह सरकार ने किसानों के अरमानों को चूर-चूर कर दिया. यह सरकार की नाकामयाबी है और किसान विरोधी चेहरा है.
राठौड़ ने कहा कि लगभग आधे से ज्यादा राजस्थान में टिड्डियों का कहर टूट पड़ा है. यह अब से नहीं बल्कि पिछले 6 महीनों से ही आशंका थी कि पाकिस्तान से टिड्डी दल आएगा लेकिन अफसोस इस बात का है कि राजस्थान की सरकार ने कोई तैयारी नहीं की और ना ही वह रिक्विजिशन जिसकी आवश्यकता थी केंद्र सरकार को उसको भेजा और ना ही कोई अधिकारियों का दल गया.
राठौर ने कहा कि एक वर्ष के पश्चात नीदंड़ के किसान फिर अपनी भूमि के बदले विकसित जमीन लेने के लिए सड़कों पर आ गये और भूमि समाधि ले रहे हैं. अफसोस इस बात का है कि संवेदनाओं का बखान करने वाली सरकार का कोई भी प्रतिनिधि राजस्थान की राजधानी में होते हुए भी उनकी कुशलक्षेप पूछने नहीं गया.
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उन्होंने कहा कि किसी ने भी ये नहीं पूछा कि किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं और पहले जब आंदोलन हुआ था सरकार के मंत्रियों ने जो वादा किया था उस वादे पर खरे उतरते तो शायद दोबारा किसानों को आंदोलन करना नहीं पड़ता. यह किसान के प्रति सरकार की असंवेदनशीलता है और मैं समझता हूं कि सरकार जिस प्रकार का रवैया इख्तियार कर रही है इससे असंवेदनशील सरकार राजस्थान में आज तक कोई नहीं आई है.