चूरू. गहलोत सरकार की ओर से इंदिरा रसोई योजना को शुरू करने की घोषणा के बाद से प्रदेश में सियासत जारी है. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजनीतिक चश्मे से कल्याणकारी योजना को देखने से मुख्यमंत्री को बाज आना चाहिए. देर आए दुरुस्त आए मैं स्वागत करता हूं.
राठौड़ ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को 27 मार्च को एक पत्र लिखकर मांग की थी कि पिछली सरकार में जो अन्नपूर्णा योजना चलती थी, जिसे इस सरकार ने बंद कर दिया. उसे फिर से प्रारंभ किया जाए. राठौड़ ने कहा कि उस अन्नपूर्णा रसोई योजना के तहत आम आदमी को 5 रुपए में नाश्ता और 8 रुपए में भोजन मिलता था. उन्होंने कहा कि हमने इस योजना को फिर से प्रारंभ करने की मांग की थी. जिसे अब नया अमलीजामा पहनाकर इंदिरा रसोई योजना के नाम से राजस्थान सरकार ने प्रारंभ किया है.
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राठौड़ ने कहा कि देर आए दुरुस्त आए मैं स्वागत करता हूं और उम्मीद करता हूं कि अन्नपूर्णा योजना की तर्ज पर यह योजना चलेगी तो गरीबों के लिए कल्याणकारी योजना होगी. लेकिन योजना को रोककर फिर नाम बदलकर प्रारंभ करना, इसे लेकर उन्होंने कहा कि राजनीतिक चश्मे से कल्याणकारी योजना को देखने से मुख्यमंत्री को बाज आना चाहिए.
राहुल गांधी के ट्वीट पर भी बोले राठौड़
राहुल गांधी के पीएम मोदी को ट्वीट के जरिए सरेंडर मोदी कहने पर राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के आला नेता राहुल गांधी का देश के प्रधानमंत्री जी को सरेंडर मोदी कहकर ट्वीट करना, मैं समझता हूं नासमझी है. उन्होंने कहा कि ऐसे मौके पर जो देश की सुरक्षा और सामरिक देश के सम्मान के साथ जुड़ा हो उस पर इस प्रकार का बयान, ओछी हरकत है. इस प्रकार का बयान नहीं दिया जाना चाहिए था.