चूरू. शिक्षा विभाग राजकीय स्कूलों में आर्थिक सहायता करने वाले व्यक्तियों को भामाशाह पुरस्कार से सम्मानित करेगा. सम्मान समारोह जिला और राज्य स्तर पर आयोजित होंगे. समारोह का आयोजन 28 जून को होगा. चूरू में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को जिला स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह का नोडल अधिकारी बनाया गया है. विभाग ने समारोह की तैयारी शुरू कर दी है. संस्था प्रधानों को निर्देश दिए गए है कि वे भामाशाहों की सूची सीडीईओ कार्यालय को भेजे. सम्मानित होने वाले भामाशाह 15 जून तक आवेदन कर सकेंगे.
भामाशाहों को प्रेरित करने वाले को मिलेगी शाला प्रेरक की उपाधि
विद्यालय विकास में सहयोग करने वाले भामाशाहों के साथ ही भामाशाहों को प्रेरित करने वाले को भी सम्मानित किया जाएगा. जिला स्तर पर पांच लाख रुपए से 30 लाख रुपए तक का सहयोग करने के लिए भामाशाहों को प्रेरित करने वाले व्यक्ति को शाला प्रेरक की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा.
स्कूलों की वेबसाइट पर भी होगा नाम
भामाशाह के नाम स्कूल की वेबसाइट पर भी दिखेंगे. स्कूल की वार्षिक पत्रिका में भी भामाशाह का नाम आएगा. 1 करोड़ से अधिक रुपए की राशि देने वाले भामाशाह की ज्ञान संकल्प पोर्टल फेसबुक पेज पर कवर स्टोरी प्रकाशित होगी.
इन आधारों पर होगा भामाशाह का सम्मान
शिक्षामित्र: वित्तीय वर्ष में पांच से 25 हजार रुपए का सहयोग देने वाले भामाशाह को यह सम्मान मिलेगा. भामाशाह का पट्टीका में इनका नाम लिखा जाएगा.
शिक्षा साथी: 25 हजार से एक लाख रुपए देने वाले भामाशाह को यह पुरस्कार दिया जाएगा.
शिक्षा श्री: एक लाख से 15 लाख रुपए तक का सहयोग करने वाले भामाशाह का जिला स्तरीय सम्मान समारोह में सम्मान किया जाएगा.
शिक्षा भूषण: 15 लाख से एक करोड़ रुपये का सहयोग करने वाले भामाशाह का राज्य स्तरीय समारोह में सम्मान किया जाएगा.
शिक्षा विभूषण: एक करोड़ से अधिक राशि देने वाले भामाशाह में का राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में सम्मान किया जाएगा.
प्रारंभिक शिक्षा के डीईओ संपत राम का कहना है कि स्कूलों से जुड़े हुए भामाशाहों का सम्मान हो. चूरू में 28 जून को एक बड़े कार्यक्रम में भामाशाहों का सम्मान किया जाएगा.