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चित्रकार किरण ने 21 दिन में उकेरी 15 फीट लंबी पाबूजी महाराज की फड़ - churu

राजस्थान की लोक परंपरा को जीवित रखने के लिए चूरू की किरण जड़ीवाल ने पाबूजी महाराज की 15 फीट लंबी और 5 फीट चौड़ी फड़ को 21 दिन में  तैयार की. वहीं इस फड़ को बेहतरीन चित्रकारी के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है.

21 दिन में उकेरी 15 फीट लंबी पाबूजी महाराज की फड़
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Published : Aug 13, 2019, 9:20 AM IST

चूरू. जिले की किरण जड़ीवाल ने पाबूजी महाराज की 15 फीट लंबी और 5 फीट चौड़ी फड़ को 21 दिन में तैयार की. इस फड़ इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है. वहीं किरण का ससुराल रामगढ़ शेखावाटी है. शादी के बाद किरण ने अपनी सास को खुद के बनाए चित्र दिखाएं तो सास ने कहा कि वह पाबूजी महाराज की फड़ बनाए.

किरण के ससुराल वाले पाबूजी को लोकदेवता के रूप में पूजते है. उसके बाद किरण ने फड़ बनाने की ठानी और अपनी मेहनत से 21 दिन में फड़ तैयार कर दी. वहीं किरण ने अपने पिता सगमंण्ड को फड़ बनाने के बारे में जानकारी दी. उसके बाद किरण के पिता ने बीकानेर में पाबूजी की फड़ के बारे में साक्ष्य जुटाए.

21 दिन में उकेरी 15 फीट लंबी पाबूजी महाराज की फड़

पढ़ेंः चूरू के कई गांवों में मंगलवार को आ सकता है जलसंकट...ये है वजह

जिसके बाद किरण ने 20 फुट लंबी पाबूजी की फड़ बनाए,लेकिन घर छोटा होने के कारण बाद में उसे 15 फीट की फड़ बनाना ही तय की. किरण ने जिस शैली में फड़ पर काम किया है उसे किजा नाम दिया है. किरण ने फड़ में पाबूजी के जीवन से जुड़ी चीजों का चित्रांकन किया है.

इसमें मुख्य रूप से पाबूजी का दरबार, गौ रक्षा के लिए युद्ध में बलिदान, लंका से ऊंट लाने का वर्णन और सीता माता से हनुमान का मिलन का वर्णन किया है.फड़ को बनाने में सूती कपड़े का इस्तेमाल किया गया है. वहीं मांड और पेंसिल और ब्रश की सहायता से कलर का इस्तेमाल किया गया है.

चूरू. जिले की किरण जड़ीवाल ने पाबूजी महाराज की 15 फीट लंबी और 5 फीट चौड़ी फड़ को 21 दिन में तैयार की. इस फड़ इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है. वहीं किरण का ससुराल रामगढ़ शेखावाटी है. शादी के बाद किरण ने अपनी सास को खुद के बनाए चित्र दिखाएं तो सास ने कहा कि वह पाबूजी महाराज की फड़ बनाए.

किरण के ससुराल वाले पाबूजी को लोकदेवता के रूप में पूजते है. उसके बाद किरण ने फड़ बनाने की ठानी और अपनी मेहनत से 21 दिन में फड़ तैयार कर दी. वहीं किरण ने अपने पिता सगमंण्ड को फड़ बनाने के बारे में जानकारी दी. उसके बाद किरण के पिता ने बीकानेर में पाबूजी की फड़ के बारे में साक्ष्य जुटाए.

21 दिन में उकेरी 15 फीट लंबी पाबूजी महाराज की फड़

पढ़ेंः चूरू के कई गांवों में मंगलवार को आ सकता है जलसंकट...ये है वजह

जिसके बाद किरण ने 20 फुट लंबी पाबूजी की फड़ बनाए,लेकिन घर छोटा होने के कारण बाद में उसे 15 फीट की फड़ बनाना ही तय की. किरण ने जिस शैली में फड़ पर काम किया है उसे किजा नाम दिया है. किरण ने फड़ में पाबूजी के जीवन से जुड़ी चीजों का चित्रांकन किया है.

इसमें मुख्य रूप से पाबूजी का दरबार, गौ रक्षा के लिए युद्ध में बलिदान, लंका से ऊंट लाने का वर्णन और सीता माता से हनुमान का मिलन का वर्णन किया है.फड़ को बनाने में सूती कपड़े का इस्तेमाल किया गया है. वहीं मांड और पेंसिल और ब्रश की सहायता से कलर का इस्तेमाल किया गया है.

Intro:चूरू। राजस्थान की लोक परंपरा को जीवित रखने के लिए चूरू की किरण जड़ीवाल ने पाबूजी महाराज की 15 फीट लंबी और 5 फीट चौड़ी फड़ 21 दिन में 200 घंटे की मेहनत से तैयार कर दी। अब उसी फड़ को बेहतरीन चित्रकारी के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।
दरअसल चूरू की किरण का ससुराल रामगढ़ शेखावाटी है। शादी के बाद किरण ने अपनी सास को खुद के बनाए चित्र दिखाएं तो सास ने कहा कि तू पाबूजी महाराज की फड़ बना। किरण के ससुराल वाले पाबूजी को लोकदेवता के रूप में पूजते है। उसके बाद किरण ने फड़ बनाने की ठानी और अपनी मेहनत से 21 दिन में फड़ तैयार कर दी।


Body:पिता ने जुटाए साक्ष्य
अपने ससुराल रामगढ़ से चूरू के बाद में किरण ने अपने पिता सगमंण्ड को फड़ बनाने के बारे में जानकारी दी। उसके बाद में किरण के पिता ने बीकानेर में पाबूजी की फड़ के बारे में साक्ष्य जुटाए। किरण की इच्छा थी कि वह 20 फुट लंबी पाबूजी की फड़ बनाए लेकिन घर छोटा होने के कारण बाद में उसे 15 फीट की फड़ बनाना ही तय की।
शैली को नाम दिया किजा
किरण ने जिस शैली में फड़ पर काम किया है उसे किजा नाम दिया है। किजा का मतलब है कि से किरण और ज से जड़ीवाल।
पाबूजी के जीवन परिचय को उकेरा फड़ पर
किरण ने फड़ में पाबूजी के जीवन से जुड़ी चीजों का चित्रांकन किया है। इसमें मुख्य रूप से पाबूजी का दरबार, गौ रक्षा के लिए युद्ध में बलिदान, लंका से ऊंट लाने का वर्णन और सीता माता से हनुमान का मिलन का वर्णन किया है।
फड़ को बनाने में सूती कपड़े का इस्तेमाल किया गया है। वहीं मांड और पेंसिल और ब्रश की सहायता से कलर का इस्तेमाल किया गया है।



Conclusion:बाइट: किरण जड़ीवाल- फड़ चित्रकार।
मैंने यह फड़ चित्रण अपनी सास की प्रेरणा से तैयार की है। मेरे ससुराल वाले लोक देवता पाबूजी को पूजते हैं और फड़ भी बचाते है। लेकिन वह फड़ काफी फटी हुई व पुरानी है उसमें चित्र भी दिखते नहीं थे। मेरी सास ने कहा कि तुम तो अच्छे चित्र बनाती हो तो पाबूजी की फड़ बनाओ। उसके उसके बाद में चूरू आने के बाद में मेरे पास एक महीने का समय था तो मैंने इसे तैयार कर दिया।
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