सरदारशहर (चूरू). क्षेत्र में रिश्तों को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है. जहां एक 95 वर्षीय वृद्धा ने उपखंड कार्यालय पहुंचकर एसडीएम से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है. वृद्धा का कहना है कि बेटा और पोता उसके साथ मारपीट करते है. जिससे वह परेशान हो गई है. वह अब जीना नहीं चाहती है.
वृद्धा का कहना है कि उसके परिवार की हालत बहुत दयनीय थी. किराए के मकान में रहकर मेहनत मजदूरी कर अपनी संतानों का पालन पोषण किया, लेकिन बच्चों ने कभी सेवा नहीं की. 95 वर्षीय मां ने ज्ञापन में अपनी जिंदगी की पूरी कहानी लिख डाली.
पढ़ें- स्पेशल: दावे कुछ और हकीकत कुछ और...साढे़ 3 साल में 893 नवजातों की मौत
ज्ञापन में पीड़िता सीरू देवी ने बताया कि उसकी शादी सरदारशहर निवासी मोहनलाल सोनी से हुई थी. शादी के बाद उसके तीन संतानें हुईं जिनका नाम ओमप्रकाश, रामेश्वर लाल और जगदीश सोनी है. उनके परिवार की हालत शादी के वक्त अत्यंत दयनीय थी. जैसे-तैसे दंपती ने स्थिति को भांपते हुए मजदूरी कर अपने बच्चों का पालन पोषण करते हुए उनकी शादी कर दी.
95 वर्षीय मां ने बताया कि वार्ड नंबर 19 में खाली जगह पर कब्जा कर झोपड़ी बनाकर रहती थी. जैसे-जैसे समय गुजरता गया, तीनों लड़के अपने परिवार के साथ अलग हो गए और वह अकेली रह गई. उसने बताया कि उसके पोते श्याम सुंदर और उसकी बहू पूजा वृद्धा की देखभाल करने में उनकी मदद करते हैं. लेकिन गत 5 वर्षों से वह उम्रदराज होने के कारण कुछ भी करने में सक्षम नहीं है. अपने बेटों को बुलाकर जब मां ने किसी एक को उसके पास रहने के लिए कहा, तो तीनों बेटे मां के पास रहने से मुकर गए. 1 वर्ष पहले जब वह ज्यादा बीमार हो गई थी, तो उसने अदालती कार्रवाई की. जिससे नाराज होकर बेटे ओमप्रकाश ने उसे घर से निकाल दिया.
बूढ़ी मां ने रोते हुए उम्र का हवाला दिया और बोली यह आशियाना उसने बनाया है और इसी आशियाने में वह अंतिम सांस लेना चाहती है. लेकिन बेटों ने कुछ नहीं माना. आसपास के लोगों ने समझाइश की, तो मां एक बार फिर अपने आशियाने में रहने लगी. लेकिन कुछ दिन बाद बेटा ओमप्रकाश और पोते ने एक राय होकर अपनी मां के साथ मारपीट की और घर का सामान बाहर फेंककर उसे भी घर से निकाल दिया.
पढ़ें- स्पेशल: 'मेंटल हेल्थ डे' पर मानसिक रोगियों का आमजन के नाम कोरोना से बचाव का संदेश, आप भी सुनें
बेटे की करतूतों से तंग आकर आखिरकार बूढ़ी मां ने राष्ट्रपति के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है.