सादुलपुर (चूरू). जुबली पिंजरा पोल गोशाला में बिगड़ती व्यवस्था और सर्दी से गायों की मौत के मामलें में विधायक डॉ. कृष्णा पूनिया ने गौशाला का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. विधायक ने गायो की सुरक्षा के लिए सर्दी के मौसम में प्रशासन की ओर से दिये गये निर्देशों की पालना नही करने पर नाराजगी जताई. तथा दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के निर्देश दिये है.
विधायक ने कहा कि जिले में कड़कड़ाती सर्दी के चलते 13 दिसम्बर को गौशाला संचालकों को निर्देश देकर विभाग की ओर से गायों को सर्दी से बचाव के आवश्यक निर्देश दिये थे. जबकि सैकड़ों गायों की मौत के बाद दो जनवरी को गायों के लिए बने शेड में पर्दे लगवाये है. वहीं गंदगी का आलम है एव किचड़ में गायों को रखा जा रहा है.
जनवरी में विभाग की ओर से कार्रवाई के दौरान 13 गायों को सर्दी से पीड़ित बताया गया था. जबकि फिल्हाल मात्र पांच गायें बची है. विधायक ने कहा कि ऐसी लापरवाही को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. इस मौके पर तहसीलदार महावीर प्रसाद बाकोलिया, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. जगदीश बरबड़, नगरपालिका अध्यक्ष रजिया गहलोत, नियाज मोहम्मद, एचसी महीपाल आदि उपस्थित थे.
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मौत से पहले बनी कब्र
विधायक डॉ.कृष्णा पूनिया ने रोष जताते हुए कहा कि निरीक्षण के दौरान गौशाला परिसर में मृत गायों को दफनाने के लिए जगह-जगह कार्रवाई की गई है. इसके अलावा गायों की मौत से पहले दफनाने के लिए गड्ढे भी खोद रखे है.
विधायक ने कहा कि शर्म की बात है कि कोई व्यक्ति मरने से पहले अपनी अर्थी बांध कर रखता है क्या, जबकि गौशाला प्रांगण में गायों की मौत से पहले उन्हे दफनाने के लिए गड्ढे खोदकर तैयार कर रखे है. जबकि बीमार गायों को बचाने के लिए जो प्रयास और व्यवस्था करनी चाहिए थी. लेकिन, गायों के मरने के बाद दफनाने की व्यवस्था पहले कर रखी है. इसके अलावा पीने के पानी की व्यवस्था पर्याप्त नही है. गोबर के ढेर लगे हुए है. जिस तरह यह लोग सरकार से अनुदान लेते है. गायों का चालीस रूपए और बछड़ो का बीस रूपए तक अनुदान लेते है. विधायक ने कहा कि जिस प्रकार से गोशाला में व्यवस्था कर रखी है उससे गाय सुरक्षित रह सकेगी.
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गायों की सेवा में भेदभाव का आरोप
विधायक ने कहा कि गोशाला संचालकों की ओर से गायों की सेवा में भेदभाव बढ़ता जा रहा है. विधायक के अनुसार शहर में बनी मुख्य जुबली पिंजरा पोल गोशाला प्रांगण में दूधारू गायों को रखा गया है. जिनकी सेवा सिर्फ दूध बिक्री के लिए की जाती है. जबकि गोशाला के बीड में बनी दूसरी गोशाला शेष गायों को यहां मरने के लिए छोड़ दिया गया है.
इसी के साथ विधायक ने विरोध जताते हुए कहा कि उपस्थित अधिकारियों को उनकी ओर से गोशाला को दिये गये निर्देषों की पालना नहीं करने और गोशाला में बिगड़ती व्यवस्था और देखभाल के अभाव में गायों की मौत संबंधी जांच कर कार्रवाई करें. विधायक ने कहा कि कार्रवाई नही होगी तब तक यह व्यवस्था यूं ही चलती रहेगी और गाय मरती रहेगी.