चूरू. देश और दुनिया में तेजी से फैल रही कोरोना महामारी ने जहां पूरी दुनिया को ठहरा सा दिया और दहशत में ला दिया. ऐसे में पलायन के चलते जहां एक जगह से दूसरी जगह जाने पर लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. ताकि महामारी के इस फैलाव को रोका जा सके.
क्वॉरेंटाइन सेंटर में आइसोलेट हुए लोगों ने समय का सही सदुपयोग और अपनी जिम्मेदारी निभाने का एक बखूबी रास्ता निकाला है. चूरू जिला मुख्यालय पर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई से आए प्रवासियों को जहां प्रशासन ने संस्थागत क्वॉरेंटाइन किया है तो इन लोगों ने क्वॉरेंटाइन सेंटरों के हालातों को देख स्वेच्छा से श्रमदान करने का फैसला लिया. क्वॉरेंटाइन सेंटर की बिगड़ी सफाई व्यस्वथा को सुधारने के लिए यहां स्वच्छता अभियान चला दिया.
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एक बड़े भू-भाग में बने चूरू बालिका महाविद्यालय को जहां क्वॉरेंटाइन सेंटर घोषित किए जाने के बाद बड़ी संख्या में लोगों के आने-जाने से और सैम्पलिंग के कार्य होने से जगह-जगह प्लास्टिक की पानी की बोतलें और रद्दी कागजों तथा थैलियों का कचरा देखा जा रहा था. वहीं अब यहां की तस्वीर बिल्कुल बदली-बदली नजर आ रही है.
क्वॉरेंटाइन सेंटर में आइसोलेट हुए प्रवासियों ने यहां कमरों से लेकर बागान तक की सूरत बदल दी. कूड़ा-कचरा निकालने से लेकर पेड़-पौधों में गड्ढे खोद उनमें पानी देने का काम इन प्रवासियों द्वारा किया जा रहा है, जिसके बाद क्वॉरेंटाइन सेंटर की साफ-सफाई होने के बाद यहां की तस्वीर अब एक दम से अलग नजर आने लगी है.