चूरू. जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी सिर्फ कागजों में काम निपटाने में लगे हुए हैं. अधिकारियों के रवैय से जिलेवासी त्रस्त हैं. हालत यह है कि कुछ बोलने पर आमजन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवा आवाज को दबाने का भी प्रयास किया जाता है, ताकि कोई उनका कोई विरोध नहीं करे. बुधवार को पांच माह बाद हुई बैठक के दौरान (Churu Zilla Parishad General Assembly Meeting) अधिकारी फिर से कुछ ऐसी ही कागज तैयार करके लाए थे.
बैठक में पीडब्ल्यूडी व जलदाय विभाग के अधिकारियों की कागजी रिपोर्ट हकीकत से काफी दूर थी, जबकि कागज पर हुए कामों की प्रगति शून्य थी. बैठक शुरू हुई तो अधिकारियों के गोलमोल जवाब से वहां मौजूद सांसद राहुल कस्वां, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, रतनगढ़ विधायक अभिनेष महर्षि का सब्र टूट गया. अधिकारियों पर गुमराह करने वाली रिपोर्ट पेश करने से नाराज होकर सांसद, विधायक, जिला प्रमुख वंदना आर्य ने कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग की मौजूदगी में बैठक का बॉयकाट कर दिया. इस दौरान वहां मौजूद अधिकांश जिला परिषद सदस्य भी उठकर चले गए और जिला कलेक्टर के चैंबर में धरने पर बैठ गए.
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अचानक हुए घटनाक्रम से एकबारगी बैठक में कलेक्टर सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी सन्न रह गए. बैठक के दौरान कई बार ऐसे मौके आए, जब अधिकारियों के लापरवाही से दिए गए जवाबों ने जनप्रतिनिधियों का पारा बढ़ाया. बाद में सांसद कस्वां, उपनेता प्रतिपक्ष राठौड़, रतनगढ़ विधायक महर्षि (Rajendra Rathore Strike in Churu Collector Chamber) कलेक्टर चैंबर पहुंचे व कुर्सी के सामने जमीन पर बैठ गए. कुछ देर बाद कलेक्टर सिहाग भी पहुंचे व भविष्य में होने वाली बैठक में सभी मुद्दों के निस्तारण का आश्वासन दिया. इस पर राठौड़ ने 20 दिन बाद अगली मीटिंग बुलाने के लिए कहा गया.