रतनगढ़ (चूरू). राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार ताल्लुका विधिक सेवा समिति के सौजन्य के न्यायालय परिसर में शानिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसमें शादी के 19 वर्षों बाद फिर एक बार पति-पत्नी ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाकर साथ रहने की कसम खाई.
साथ रहने की बात स्वीकार
रतनगढ़ निवासी श्रवणकुमार स्वामी और किरणदेवी के बीच अनबन चल रही थी. जिस कारण उन्होंने तलाक के लिए आवेदन कर रखा था, लेकिन शानिवार को न्यायालय परिसर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों से समझाइश की गई, जिस पर दोनों ने साथ रहने की बात स्वीकार की. इसी प्रकार सुमन और किशन ने भी न्यायालय में एक-दूसरे को माला पहनाते हुए साथ रहने की बात स्वीकार की.
लोक अदालत में दो बैंचों का गठन
बता दें, लोक अदालत में दो बैंचों का गठन किया गया है, जिसमें प्रवीणकुमार वर्मा अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश है, तो वहीं सृष्टि चौधरी अपर मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट की अध्यक्षता में हुआ. लोक अदालत में प्रवीणकुमार वर्मा की बैंच नं. 1 में रखे गे कुल 150 प्रकरणों में से 24 प्रकरणों का निस्तारण किया गया. जिनमें वाहन, दुर्घटना और क्लेम के 54 प्रकरण रखे गए. उनमें से 5 प्रकरणों का निस्तारण किया गया. 22 लाख 90 हजार राशि के अवार्ड पारित किए और वैवाहिक प्रकरण 12 और 7 अन्य प्रकरणों का निस्तारण हुआ, जिनमें कुल 61 लाख 20 हजार 813 राशि के अवार्ड पारित किए गए.
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कई प्रकरणों का हुआ निस्तारण
इसके अलावा बैंच नं. 2 के अध्यक्ष सृष्टि चौधरी की बैंच में प्रि-लिटिगेशन के कुल 1 हजार 308 प्रकरण रखे गए, जिनमें 23 प्रकरणों का निस्तारण हुआ और कुल 14 लाख ,14 हजार 354 राशि की वसूली बैंकों को हुई. इसी बैंच में कुल 305 लम्बित प्रकरण रखे गए, जिनमें 45 प्रकरणों का निस्तारण हुआ. लोक अदालत में लम्बित और प्रिलिटिगेशन को मिलाकर कुल 1 हजार 763 प्रकरण रखे गए, जिनमें से 92 प्रकरणों का निस्तारण किया गया और कुल 75 लाख 35 हजार 167 रूपयों की वसूली पक्षकारान को हुई.
उक्त लोक अदालत यह रहे शामिल
उक्त लोक अदालत के दौरान न्यायिक अधिकारीगण के अलावा लोक अदालत सदस्य बार अध्यक्ष, भंवरलाल प्रजापत, संतोष बाबू इन्दौरिया, सुशील बाकोलिया, लिछमण प्रजापत एवं एस.बी.आई. के ए.जी.एम., एसबीआई प्रबंधक, बडौ़दा बैंक के प्रबंधक, पीएनबी प्रबंधक, बड़ौदा ग्रामीण बैंक प्रबंधक, सुनीलकुमार मीणा इत्यादि ने लोक अदालत में प्रकरणों के सफलतापूर्वक निस्तारण में अहम योगदान दिया.