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शहीद असलम खान को नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई, हजारों लोग हुए जनाजे में शामिल

राणासर गांव का बेटा शहीद असलम खान को रविवार रात कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया है. इस दौरान गांव के शहीद बेटे को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया है. इस दौरान हजारो लोगों ने नम आंखों से चूरू के लाल को अंतिम विदाई दी.

शहीद असलम खान, Shaheed Aslam Khan
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Published : Sep 9, 2019, 2:48 AM IST

Updated : Sep 9, 2019, 3:08 AM IST

चूरू. जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को सर्च ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए 24 राष्ट्रीय राइफल के जवान राणासर निवासी असलम खान की पार्थिव देह रविवार रात को गांव के कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया. इससे पहले गांव से पांच किलोमीटर दूर झुंझुनू-चूरू रोड से बाइक तिरंगा रैली के जरिए पार्थिव देह को गांव लाया गया. इस दौरान गांव के लोगों ने शहीद असलम खान अमर रहे के नारे भी लगाए.

पढ़ें: बाबा रामदेव के मंदिर से घर आ रही तीन महिलाओं को पिकअप ने रौंदा, पूरी घटना CCTV में कैद

शहीद के घर पर दिया गार्ड ऑफ ऑनर

शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचने पर 5 राज राइफल बीकानेर के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इस दौरान वहां मौजूद हर शख्स की आंखों में आंसू आ गए. वहीं, लोगों को अपने लाडले की शहादत का फक्र भी था. शहीद असलम खान की पार्थिव देह का जनाजा करीब एक किलोमीटर लंबा था. जनाजे में हजारों लोग शामिल हुए और अपने लाडले को नम आंखों से विदाई दी. जनाजे के दौरान गांव की छतों पर भी लोग मौजूद रहकर लाल की विदाई को देख रहे थे.

शहीद असलम खान को दी गई अंतिम विदाई

इन्होंने दी श्रद्धांजलि

शहीद को नम आंखों से उनकी पत्नी संजू, बेटी मुस्कान, शकीना, सादिया ने विदाई दी. वहीं, डेढ़ साल का बेटा अल्फ़ाज़ भी पिता की पार्थिव देह को निहार रहा था. शहीद की पार्थिव देह को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवर लाल मेघवाल, कलेक्टर संदेश नायक, एसपी तेजस्वनी गौतम, जिला प्रमुख हरलाल सहारण और पूर्व सांसद राम सिंह कस्वा ने श्रद्धांजलि दी. बता दें, कि शहीद असलम खान 20 अगस्त को ही ड्यूटी के लिए जम्मू-कश्मीर रवाना हुए थे. इससे पहले वे 14 दिन तक परिजनों के साथ छुट्टी बिताई थी और ईद भी मनाई थी.

चूरू. जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को सर्च ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए 24 राष्ट्रीय राइफल के जवान राणासर निवासी असलम खान की पार्थिव देह रविवार रात को गांव के कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया. इससे पहले गांव से पांच किलोमीटर दूर झुंझुनू-चूरू रोड से बाइक तिरंगा रैली के जरिए पार्थिव देह को गांव लाया गया. इस दौरान गांव के लोगों ने शहीद असलम खान अमर रहे के नारे भी लगाए.

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शहीद के घर पर दिया गार्ड ऑफ ऑनर

शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचने पर 5 राज राइफल बीकानेर के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इस दौरान वहां मौजूद हर शख्स की आंखों में आंसू आ गए. वहीं, लोगों को अपने लाडले की शहादत का फक्र भी था. शहीद असलम खान की पार्थिव देह का जनाजा करीब एक किलोमीटर लंबा था. जनाजे में हजारों लोग शामिल हुए और अपने लाडले को नम आंखों से विदाई दी. जनाजे के दौरान गांव की छतों पर भी लोग मौजूद रहकर लाल की विदाई को देख रहे थे.

शहीद असलम खान को दी गई अंतिम विदाई

इन्होंने दी श्रद्धांजलि

शहीद को नम आंखों से उनकी पत्नी संजू, बेटी मुस्कान, शकीना, सादिया ने विदाई दी. वहीं, डेढ़ साल का बेटा अल्फ़ाज़ भी पिता की पार्थिव देह को निहार रहा था. शहीद की पार्थिव देह को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवर लाल मेघवाल, कलेक्टर संदेश नायक, एसपी तेजस्वनी गौतम, जिला प्रमुख हरलाल सहारण और पूर्व सांसद राम सिंह कस्वा ने श्रद्धांजलि दी. बता दें, कि शहीद असलम खान 20 अगस्त को ही ड्यूटी के लिए जम्मू-कश्मीर रवाना हुए थे. इससे पहले वे 14 दिन तक परिजनों के साथ छुट्टी बिताई थी और ईद भी मनाई थी.

Intro:चूरू। जम्मू कश्मीर में शुक्रवार को एक सर्च ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए 24 राष्ट्रीय राइफल के राणासर के जवान असलम खान की पार्थिव देह को रविवार रात को गांव के कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया। इससे पहले गांव से पांच किलोमीटर दूर झुंझुनूं-चुरू रोड से बाइक तिरंगा रैली के जरिए पार्थिव देह को गांव लाया गया। इस दौरान शहीद असलम खान अमर रहे के नारों से गांव गूंज उठा।
शहीद के घर पर दिया गार्ड ऑफ ऑनर
शहीद का शव घर पहुचने पर 5 राज राइफल बीकानेर के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इस दौरान वहां मौजूद हर सख्स की आंख नम हो गई। वही लोगों को अपने लाडले की शहादत का फक्र भी था।



Body:एक किलोमीटर जनाजे में शरीक हुए हजारों लोग
शहीद असलम खान की पार्थिव देह का जनाजा करीब एक किलोमीटर लंबा था। जनाजे में हजारों लोग शरीक हुए और अपने लाडले को नम आंखों से विदाई दी। जनाजे के दौरान गांव की छतों पर भी लोग मौजूद रहकर लाल की विदाई को देख रहे थे।
सुबह से ही लोगों का लगा रहा तांता
जैसे ही गांव के लाल असलम के शहीद होने की खबर गांव पहुची। गांव के हर व्यक्ति के कदम शहीद के घर की ओर चल पड़े। यह सिलसिला रात तक शहीद के जनाजे की रवानगी से पहले तक चलता रहा।


Conclusion:इन्होंने दी श्रद्धांजलि
शहीद को नम आंखों से उनकी पत्नी संजू, बेटी मुस्कान, शकीना, सादिया ने विदाई दी। वही डेढ़ साल का बेटा अल्फ़ाज़ भी पिता की पार्थिव देह को निहार रहा था। शहीद की पार्थिव देह को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवर लाल मेघवाल, कलेक्टर संदेश नायक, एसपी तेजस्वनी गौत्तम, जिला प्रमुख हरलाल सहारण व पूर्व सांसद राम सिंह कस्वा ने श्रद्धांजलि दी।
बाइट: भंवरलाल मेघवाल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री
शहीद के जनाजे में शामिल होने आये सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल का कहना है कि शहीद होना बड़ी बात है। यह फख्र की बात है। हमने उनके परिवार से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी है। जिले को उनकी शहादत पर फक्र है।
Last Updated : Sep 9, 2019, 3:08 AM IST
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