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किसानों को एक बैनर तले लाएगा कुंभाराम आर्य किसान फाउंडेशन

चूरू में किसानों को एक साथ लाने के लिए रविवार को कुंभाराम आर्य किसान फाउंडेशन ने वर्ग चेतना सेमिनार का आयोजन किया. इस सेमिनार में किसानों के संघर्ष और किसानों के शोषण को लेकर चर्चा हुई.

Churu Kisan News, चूरू न्यूज
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Published : Aug 19, 2019, 4:15 AM IST

चूरू. प्रदेश के किसानों को एक बैनर तले लाने के लिए रविवार को कुंभाराम आर्य किसान फाउंडेशन ने वर्ग चेतना सेमिनार का आयोजन किया. जिसमें किसानों के संघर्ष और उनके शोषण पर चर्चा हुई और उन्हें एक साथ खड़े होने का आह्वान किया.

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साथ ही सेमिनार में किसानों की समस्याओं, महिला शिक्षा, सामाजिक कुरीतियों व संस्कृति और संस्कारों पर विमर्श हुआ. इस दौरान जातिगत भेदभाव छोड़ कर किसानों को एक वर्ग में तब्दील करने का आह्वान किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि चौधरी कुंभाराम आर्य फाउंडेशन के प्रदेशाध्यक्ष सुमेर सिंह चौधरी रहे. रामरतन सिहाग को फाउंडेशन के चूरू जिला अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया.

किसानों को एक बैनर तले लाएगा कुंभाराम आर्य किसान फाउंडेशन

पढ़ें- अलवरः रतिराम आत्महत्या मामले में बनी सहमति... शव का हुआ अन्तिम संस्कार

इस मौके पर फाउंडेशन के सदस्यों ने चौधरी कुंभाराम आर्य द्वारा किसान वर्ग एवं सर्व समाज के लिए किए संघर्ष को याद किया. वक्ताओं ने कहा कि इंसान कभी पूर्ण नहीं होता लेकिन इंसान को पूर्णता प्राप्त करने के लिए अपना संघर्ष वह निरंतर जारी रखना चाहिए तभी सफलता प्राप्त होती है.

पढ़ें- अलवर में हजारों लोगों ने किए अमरनाथ शिवलिंग के दर्शन

बता दें कि कुम्भाराम आर्य को राजस्थान में किसानों के मसीहा कहा जाता था. उन्होंने राजस्थान के किसानों को राजशाही शोषण और उत्पीड़न के चक्रव्यूह से बाहर निकालने की मुहिम चलाई थी. कुंभाराम राजस्थान के स्वतंत्रता सेनानियों में भी प्रमुख थे. उन्हें आजादी की जंग में भी कई बार जेल जाना पड़ा. इनके नाम पर 588 करोड़ रुपए की लागत से बनी कुंभाराम परियोजना के माध्यम से प्रदेश के मलसीसर, खेतड़ी, झुंझुनू, सीकर, चूरू के साथ साथ करीब 1400 गांव को पानी मिल रहा है.

कुंभाराम आर्य किसान फाउंडेशन की स्थापना जयपुर में 2017 में की गई फाउंडेशन का मूल उद्देश्य किसान वर्ग को जातीय खांचों से बाहर निकाल कर किसान वर्ग के रूप में संगठित कर उनके अधिकारों के लिए चेतना जागृत करना और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करवाना है.

चूरू. प्रदेश के किसानों को एक बैनर तले लाने के लिए रविवार को कुंभाराम आर्य किसान फाउंडेशन ने वर्ग चेतना सेमिनार का आयोजन किया. जिसमें किसानों के संघर्ष और उनके शोषण पर चर्चा हुई और उन्हें एक साथ खड़े होने का आह्वान किया.

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साथ ही सेमिनार में किसानों की समस्याओं, महिला शिक्षा, सामाजिक कुरीतियों व संस्कृति और संस्कारों पर विमर्श हुआ. इस दौरान जातिगत भेदभाव छोड़ कर किसानों को एक वर्ग में तब्दील करने का आह्वान किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि चौधरी कुंभाराम आर्य फाउंडेशन के प्रदेशाध्यक्ष सुमेर सिंह चौधरी रहे. रामरतन सिहाग को फाउंडेशन के चूरू जिला अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया.

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इस मौके पर फाउंडेशन के सदस्यों ने चौधरी कुंभाराम आर्य द्वारा किसान वर्ग एवं सर्व समाज के लिए किए संघर्ष को याद किया. वक्ताओं ने कहा कि इंसान कभी पूर्ण नहीं होता लेकिन इंसान को पूर्णता प्राप्त करने के लिए अपना संघर्ष वह निरंतर जारी रखना चाहिए तभी सफलता प्राप्त होती है.

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बता दें कि कुम्भाराम आर्य को राजस्थान में किसानों के मसीहा कहा जाता था. उन्होंने राजस्थान के किसानों को राजशाही शोषण और उत्पीड़न के चक्रव्यूह से बाहर निकालने की मुहिम चलाई थी. कुंभाराम राजस्थान के स्वतंत्रता सेनानियों में भी प्रमुख थे. उन्हें आजादी की जंग में भी कई बार जेल जाना पड़ा. इनके नाम पर 588 करोड़ रुपए की लागत से बनी कुंभाराम परियोजना के माध्यम से प्रदेश के मलसीसर, खेतड़ी, झुंझुनू, सीकर, चूरू के साथ साथ करीब 1400 गांव को पानी मिल रहा है.

कुंभाराम आर्य किसान फाउंडेशन की स्थापना जयपुर में 2017 में की गई फाउंडेशन का मूल उद्देश्य किसान वर्ग को जातीय खांचों से बाहर निकाल कर किसान वर्ग के रूप में संगठित कर उनके अधिकारों के लिए चेतना जागृत करना और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करवाना है.

Intro:चूरू_ प्रदेश के किसानों को अब एक बैनर तले लाया जाएगा जिसके तहत रविवार को कुम्भाराम आर्य किसान फाउंडेशन ने वर्ग चेतना सेमिनार का आयोजन किया जिसमें किसानों के संघर्ष और किसानों के शोषण पर चर्चा हुई और उन्हें एक बैनर तले खड़े करने का आव्हान हुआ। कुंभाराम आर्य किसान फाउंडेशन की स्थापना जयपुर में 2017 में की गई फाउंडेशन का मूल उद्देश्य किसान वर्ग को जातीय खांचों से बाहर निकाल कर किसान वर्ग के रूप में संगठित कर उनके अधिकारों के लिए चेतना जागृत करना है व स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करवाना है।


Body:चूरू जिला मुख्यालय के मदीना मुसाफिर खाने में चौधरी कुंभाराम आर्य फाउंडेशन द्वारा वर्ग चेतना सेमिनार का आयोजन हुआ. सेमिनार में किसानों की समस्याओं वह महिला शिक्षा सामाजिक कुरीतियों व संस्कृति और संस्कारों पर मंथन हुआ इस दौरान जातिगत भेदभाव छोड़ कर किसानों को एक वर्ग में तब्दील करने का आह्वान किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि चौधरी कुंभाराम आर्य फाउंडेशन के प्रदेशाध्यक्ष सुमेर सिंह चौधरी रहे रामरतन सिहाग को फाउंडेशन के चूरू जिला अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि चौधरी कुंभाराम आर्य ने किसान वर्ग एवं सर्व समाज के लिए आदित्य संघर्ष किया तथा उन्होंने कहा कि इंसान कभी पूर्ण नहीं होता लेकिन इंसान को पूर्णता प्राप्त करने के लिए अपना संघर्ष वह निरंतर जारी रखना चाहिए तभी सफलता प्राप्त होती है।


Conclusion:बता दे चौधरी कुम्भाराम आर्य वह शख्सियत थी जिन्हें राजस्थान में किसानों के मसीहा कहा जाता था चौधरी कुम्भाराम आर्य का जन्म 10 मई 1914 को हुआ व उनका देहांत 26 अक्टूबर 1995 को हुआ आर्य को राजस्थान में किसान वर्ग के लिए संघर्ष का प्रतीक माना जाता है उन्होंने राजस्थान के किसानों को राजशाही शोषण और उत्पीड़न के चक्रव्यूह से बाहर निकालने की मुहिम चलाई थी 10 मई 1914 को जन्मे कुंभाराम राजस्थान के स्वतंत्रता सेनानियों में भी प्रमुख थे उन्हें आजादी की जंग में भी कई बार जेल जाना पड़ा किसानों के लिए संघर्ष करने के साथ ही वे राजनीतिक जगत में भी अहम पदों पर रहे हैं आर्य ने बीकानेर रियासत कि पुलिस में भी काम किया और राज्य के मंत्री तक रहे उन्होंने किसान वर्ग को संगठित कर राजशाही और जागीरदारों के खिलाफ खुलकर आंदोलन का बिगुल बजाया जिसका काफी असर हुआ उसके बाद तत्कालीन महाराजा सादुल सिंह की बीकानेर रियासत में वह रेवेन्यू मिनिस्टर बने हालांकि करीब 6 महीने बाद उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया राजस्थान के निर्माण के वक्त महाराजा सादुल सिंह की बीकानेर रियासत का राजस्थान में विलय हो गया लोकतंत्र आने के बाद भी उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री जय नारायण व्यास के साथ गृह मंत्री के रूप में कार्य किया इसके आगामी चुनावों में भी उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई कहा यह भी जाता है कि उन्होंने प्रदेश के कई मुख्यमंत्री बनाने में अहम भूमिका निभाई उन्होंने किसान हित के लिए कई ऐसे कार्य किए जिनके लिए उन्हें उन्हें आज भी याद किया जाता है कुंभाराम लिफ्ट परियोजना कुंभाराम परियोजना के माध्यम से प्रदेश के मलसीसर खेतड़ी झुंझुनू सीकर,चूरू के साथ साथ करीब 1400 गांव को पानी मिल रहा है इसकी कुल लागत 588 करोड रुपए बताई जा रही है। बाईट_गोविंद चौधरी,प्रदेश महामंत्री कुम्भाराम आर्य किसान फाउंडेशन
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