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चूरू के साहवा का लाडला 'कमल' श्रीनगर में शहीद...

चूरू जिले की तारानगर तहसील के साहवा के कमल कुमार श्रीनगर में शहीद हो गए. ड्यूटी के दौरान हिमस्खलन से यह हादसा हुआ है. शहीद की पार्थिव देह गुरुवार को चूरू पहुंचेगी. वहीं शुक्रवार को साहवा गांव में राजकीय सम्मान से उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

Kamal Kumar of Churu martyred in Srinagar, चूरू का लाल कमल कुमार श्रीनगर में शहीद
चूरू का लाल कमल कुमार श्रीनगर में शहीद...
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Published : Dec 5, 2019, 11:10 AM IST

चूरू. तारानगर तहसील के साहवा गांव के लाडले कमल कुमार मंगलवार को श्रीनगर में शहीद हो गए. शहीद कमल कुमार की पार्थिव शरीर गुरुवार को चूरू में पहुंचेगी और शुक्रवार को उनका साहवा गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा. बता दें कि जवान कमल श्रीनगर में ड्यूटी पर तैनात थे और इसी दौरान हिमस्खलन होने से वह शहीद हो गए.

चूरू का लाल कमल कुमार श्रीनगर में शहीद...

शहीद की पार्थिव शरीर एयरफोर्स के प्लेन से बीकानेर आएगी और उसके बाद में उनके पार्थिव शरीर को गांव में लाया जाएगा. वहीं शहीद के पिता धर्मेंद सिंह भी सेना में थे. पिता धर्मेंद्र सेना से हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. कमल कुमार बीए प्रथम वर्ष में अध्ययन के दौरान ही सेना में भर्ती हो गए थे. कमल कुमार साल 2018 में सेना में भर्ती हुए थे. वह श्रीनगर में 2 जाट बटालियन में तैनात थे. सैनिक के बेटे कमल की बचपन में ही सेना में जाने की रुचि थी. वहीं शहीद के एक छोटी बहन भी है.

पढ़ेंः होमगार्ड साहब 8वीं क्लास की फर्जी मार्कशीट लगाकर 21 साल तक नौकरी कर लिए, अब पकड़े गए

युवाओं को सेना में जाने के लिए करते थे प्रेरित...

कमल कुमार गांव के युवाओं को भी सेना में जाने के लिए प्रेरित किया करते थे, वह काफी मिलनसार थे. कमल गांव साहवा के ही निजी महाविद्यालय में प्रथम वर्ष में पढ़ने के दौरान ही सेना में भर्ती हो गए थे. शहीद की चाचा विजेंद्र सिंह का कहना है कि कमल काफी मिलनसार था और गांव आने पर भी युवाओं को सेना में जाने के लिए प्रेरित करता था. इनके पिता भी सेना से ढाई साल पहले ही रिटायर हुए है.

चूरू. तारानगर तहसील के साहवा गांव के लाडले कमल कुमार मंगलवार को श्रीनगर में शहीद हो गए. शहीद कमल कुमार की पार्थिव शरीर गुरुवार को चूरू में पहुंचेगी और शुक्रवार को उनका साहवा गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा. बता दें कि जवान कमल श्रीनगर में ड्यूटी पर तैनात थे और इसी दौरान हिमस्खलन होने से वह शहीद हो गए.

चूरू का लाल कमल कुमार श्रीनगर में शहीद...

शहीद की पार्थिव शरीर एयरफोर्स के प्लेन से बीकानेर आएगी और उसके बाद में उनके पार्थिव शरीर को गांव में लाया जाएगा. वहीं शहीद के पिता धर्मेंद सिंह भी सेना में थे. पिता धर्मेंद्र सेना से हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. कमल कुमार बीए प्रथम वर्ष में अध्ययन के दौरान ही सेना में भर्ती हो गए थे. कमल कुमार साल 2018 में सेना में भर्ती हुए थे. वह श्रीनगर में 2 जाट बटालियन में तैनात थे. सैनिक के बेटे कमल की बचपन में ही सेना में जाने की रुचि थी. वहीं शहीद के एक छोटी बहन भी है.

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युवाओं को सेना में जाने के लिए करते थे प्रेरित...

कमल कुमार गांव के युवाओं को भी सेना में जाने के लिए प्रेरित किया करते थे, वह काफी मिलनसार थे. कमल गांव साहवा के ही निजी महाविद्यालय में प्रथम वर्ष में पढ़ने के दौरान ही सेना में भर्ती हो गए थे. शहीद की चाचा विजेंद्र सिंह का कहना है कि कमल काफी मिलनसार था और गांव आने पर भी युवाओं को सेना में जाने के लिए प्रेरित करता था. इनके पिता भी सेना से ढाई साल पहले ही रिटायर हुए है.

Intro:चूरू। चूरू जिले की तारानगर तहसील के साहवा गांव के लाडले कमल कुमार मंगलवार को श्रीनगर में शहीद हो गए। शहीद कमल कुमार की पार्थिव देह गुरुवार को पंहुचेगी और शुक्रवार को उनका साहवा गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा। जवान कमल श्रीनगर में ड्यूटी पर तैनात थे और इसी दौरान हिमस्खलन से यह हादसा हो गया।
शहीद के पिता धर्मेंद सिंह भी सेना में थे। पिता धर्मेंद्र सेना से हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए है। कमल कुमार बीए प्रथम वर्ष में अध्ययन के दौरान ही सेना में भर्ती हो गए थे। कमल कुमार वर्ष 2018 में सेना में भर्ती हुए थे। वे श्रीनगर में 2 जाट बटालियन में तैनात थे। सैनिक के बेटे कमल की बचपन में ही सेना में जाने की रुचि थी। शहीद के एक छोटी बहन भी है।


Body:-युवाओं को सेना में जाने के लिए करते थे प्रेरित
कमल कुमार गांव के युवाओं को भी सेना में जाने के लिए प्रेरित किया करते थे। यह काफी मिलनसार थे। कमल गांव साहवा के ही निजी महाविद्यालय में प्रथम वर्ष में पढ़ने के दौरान ही सेना में भर्ती हो गए थे।



Conclusion:बाइट: सागर मल सैनी, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी, चूरू।
जिले की तारानगर तहसील के साहवा के कमल कुमार श्रीनगर में शहीद हो गए। ड्यूटी के दौरान हिमस्खलन से यह हादसा हो गया। शहीद की पार्थिव देह आज पहुचेगी कल शुक्रवार को साहवा गांव में राजकीय ससम्मान से उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। शहीद की पार्थिव देह एयरफोर्स के प्लेन से बीकानेर आएगी और उसके बाद में उनके पार्थिव शरीर को गांव में लाया जाएगा।
बाइट: विजेंद्र सिंह, शहीद के चाचा
शहीद की चाचा विजेंद्र सिंह का कहना है कि कमल काफी मिलनसार था और गांव आने पर भी युवाओं को सेना में जाने के लिए प्रेरित करता था। इनके पिता भी सेना से ढाई साल पहले ही रिटायर हुए है।
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