चूरू. शहर में गुरुवार रात आधे घंटे बारिश हुई. ऐसे में नगर परिषद और प्रशासन द्वारा पानी निकासी के दावों की पोल खुल गई. जगह-जगह जल भराव के कारण लोगों को खासी परेशानी हुई. लोग आने जाने के लिए रास्ते तलाशते रहे. लेकिन हर रास्ते पर पानी ही पानी मिला. वहीं जौहरी सागर के चारों ओर बरसाती पानी लबालब भर गया.
जौहरी सागर में निर्माणाधीन चूरू चौपाटी का काम पूरा नहीं होने से यहां बारिश का पानी भरने की आशंका को लेकर ईटीवी भारत नगर परिषद से सवाल किया था. परिषद ने दावा किया था की बारिश से पहले ही व्यवस्थाएं ठीक कर ली जाएंगी. अब मानसून से पहले हुई हल्की सी बारिश ने नगर परिषद के दावों की पोल खोलकर रख दी.
10 घंटे बाद तक भी नहीं हो सकी पानी की निकासी
बारिश का पानी निकालने के लिए नगर परिषद की टीम शुक्रवार सुबह छह बजे से जुट गई. लेकिन शहर के कई इलाके खासतौर से पुराना शहर और जौहरी सागर इलाके में शाम को पांच बजे तक पानी नहीं निकाला जा सका. इससे शहरवासियों को खासी परेशानी हुई.
विधायक राजेंद्र सिंह राठौड़ ने ली बैठक
सीवरेज लाइन सिस्टम फेल होने पर चूरू विधायक राजेंद्र सिंह राठौड़ ने नगर परिषद कार्यालय में आयूडीआईपी और नगर परिषद के अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में राठौड़ ने अधिकारियों को पानी निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए. इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने को भी कहा.
सीवरेज पर करोड़ों खर्च लेकिन स्थिति जस की तस
चूरू नगर परिषद ने आरयूडीआईपी के जरिए करोड़ों रुपए खर्च करके सीवरेज लाइन डलवाई थी. लेकिन बारिश होने पर यह व्यवस्था चरमरा गई. अधिकारियों की माने तो इसकी खास वजह रही कि सीवरेज लाइन कई जगह से लीकेज है, जिस कंपनी को इसका लिकेज ठीक करने और संचालन की जिम्मेदारी दी गई है. वह अपने काम को ठीक ढंग से नहीं कर सकी. इस वजह से शहर पानी की भराव की समस्या से जूझता रहा.
वहीं राजेंद्र सिंह राठौड़ का कहना है की सीवरेज का काम सुबह अचानक से देखा तो कई जगह पंप बंद मिले. पानी की निकासी सही नहीं हो पा रही थी, जिस फर्म के पास इस काम की जिम्मेदारी है. उसके अधिकारियों को बुलाकर समस्या के बारे में बताया गया है. उम्मीद है जल्दी ही समाधान होगा.