चूरू. जिले के एक दिवसीय दौरे पर रहे उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने जिला परिषद सभागार में समीक्षा बैठक ली. जहां उन्होंने पानी, बिजली और सड़क जैसे मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के दिए उस बयान पर भी पलटवार किया जिसमें चौधरी ने कहा था कि गहलोत के मंत्री पैसे बटोरने में लगे हुए है. केंद्रीय मंत्री के इसी बयान पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कैलाश चौधरी को अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए कि बीजेपी के जो मंत्री हैं वह अब यात्राएं निकाल रहे है और लोगों के बीच में जा रहे है.
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जब डेढ़ साल तक राजस्थान कोरोना से पीड़ित था राजस्थान का आम आदमी कोरोना से लड़ रहा था उस समय भारतीय जनता पार्टी के 25 के 25 सांसद या तो अपने दिल्ली निवास मैं बैठे थे या कहीं और, लेकिन घरों से बाहर निकल कर लोगों को राहत देने का काम बीजेपी ने नहीं किया. सेकेंड वेव के समय जब ऑक्सीजन की किल्लत हो गई तो राजस्थान के मुख्यमंत्री जी बार-बार मांग कर रहे थे कि राजस्थान में कोविड के जितने कैस आए है उस अनुपात में राजस्थान को अपने हिस्से की जितनी ऑक्सीजन मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पा रही है. इसके बावजूद भी राजस्थान के 25 सासंद यह बात प्रधानमंत्री जी तक नहीं पहुंचा पाए.
भाटी ने कहा कि उनको कांग्रेस की सरकार और कांग्रेस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह उठाने का कोई हक नहीं है. आज देश की राजधानी दिल्ली में पिछले 1 साल से लगातार किसान धरना दे रहे हैं. किसानों की जायज मांग है की किसान विरोधी तीन काले कानून केंद्र सरकार वापस ले, लेकिन मोदी जी और उनके पार्टी के लोग जो कुछ कॉरपोरेट घराने को लाभ पहुंचाने के लिए ये तीनों काले कानून लाए हैं.
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भाटी ने महंगाई के मुद्दे पर भी केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि बीजेपी के लोग कांग्रेस के कार्यकाल में अगर 50 पैसे सिलेंडर के बढ़ जाते तो यह लोग सड़कों पर आ जाते थे. आज आम आदमी त्रस्त है. कोविड के चलते लोगों की आर्थिक स्थिति वैसे ही बिगड़ी हुई है और लोगों के काम धंधे चौपट हो गए हैं. दूसरी तरफ महंगाई की मार केंद्र की सरकार की ओर से लगातार दी जा रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है. न वह महंगाई को कम करना चाहती और न बेरोजगारी को.