चूरू. जिले के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने अपने ही विभाग के अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए उन्हें आईएसआई का एजेंट तक बना डाला. सरकारी स्कूल के टीचर ने इन अधिकारियों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की हत्या की साजिश रचने जैसे आतंकी गतिविधियों से जोड़ते हुए एनआईए को ई-मेल के जरिए शिकायत भी कर डाली.
शिकायतकर्ता शिक्षक की शिकायत पर चूरू कोतवाली थाने पहुंची, जहां एटीएस की टीम ने 28 और 29 अगस्त को शिकायतकर्ता टीचर सहित शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधिकारी, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी, बीईईओ व समसा के अधिकारी से पूछताछ की तो साल 2017 में इसी टीचर ने एनआईए को शिकायतें की थी, जो निराधार निकली थीं. अब झूठी शिकायत करने वाले सरकारी स्कूल के शिक्षक के खिलाफ शिक्षा विभाग ने विभागीय कारवाई शुरू कर दी है और एटीएस भी शिक्षक के खिलाफ कारवाई करने की तैयारी कर रही है.
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पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी संपत राम बारूपाल ने बताया कि हमारे प्रारंभिक शिक्षा में एक टीचर हैं, राकेश सरावग वर्तमान में वह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अजीतसर में कार्यरत है. साल 2016-17 में इस टीचर पर स्कूली छात्राओं के साथ अश्लील हरकत करने का मामला सामने आया था, जिसकी जांच शिक्षा विभाग के एडीओ ने की थी. जांच में वह दोषी पाया गया था. शिक्षा विभाग के द्वारा उसे परी निंन्दा का दंड देकर दंडित किया गया था.
इसी प्रकार साल एक और प्रकरण में इस स्कूल टीचर पर छेड़छाड़ का आरोप लगा था, जिसमें उसके साथ मारपीट भी हुई थी. इस मामले में शिक्षा विभाग के द्वारा जांच की जा रही है. जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इस अध्यापक के द्वारा एटीएस को ईमेल वगैरा किया गया था, उसी के संदर्भ में एटीएस की टीम चूरू कोतवाली थाने पहुंची थी और कोतवाली में उसके पूरे सबूत और कागजात शिक्षा विभाग के अधिकारी से लिए गए थे.
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उन्होंने कहा कि अब यह जांच का विषय है कि शिक्षक द्वारा लगाए आरोप किस हद तक सही हैं. आईएसआई और पाकिस्तान से तार जुड़े होने का आरोप लगाना अपने आप में बड़ी बात होती है. उन्होंने कहा कि अपने बचाव में अधिकारियों को दबाव में लाने के लिए इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि एटीएस के द्वारा मुझे खुद को बुलाया गया, इसके अलावा साल 2016 में जो जांच अधिकारी रहे थे, योगेश्वर कुमार शर्मा, उनको भी बुलाया गया था. संतोष महर्षि जो तत्कालीन अधिकारी थे, इन सभी से पूछताछ की गई. संपत राम बारूपाल ने बताया कि संबंधित शिक्षक पर विभागीय कार्रवाई निश्चित रूप से होगी, इसमें कोई दो राय नहीं है.