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बिल जमा करो नहीं तो कनेक्शन कटेगा...ये कहकर पूर्व IFS से डाउनलोड करवाया एप और फिर लगाया लाखों का चूना

बिजली बिल जमा नहीं करने पर कनेक्शन (Cheating in the name of electricity bill) काटने की बात कहकर साइबर ठगों ने पूर्व आईएफएस अधिकारी को लाखों का चूना लगाया. मामले में पीड़ित की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए देहरादून साइबर पुलिस ने आरोपी को राजस्थान के चूरू से गिरफ्तार किया है.

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Published : Dec 10, 2022, 12:22 AM IST

Fraud of lakhs from former IFS in Dehradun,  Fraud in the name of depositing electricity bill
पूर्व IFS से डाउनलोड करवाया एप और फिर लाखों का चूना.

देहरादून: बिजली का बकाया बिल जमा करने की आड़ में धोखाधड़ी (Cheating in the name of electricity bill) करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना को उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस में राजस्थान के चूरू से गिरफ्तार किया है. इस शख्स ने खुद को पावर कॉरपोरेशन का अधिकारी बताकर लंबित बिल भुगतान न करने के सूरत में बिजली का कनेक्शन काटने की चेतावनी देकर QUICK SUPPORT एप डाउनलोड के माध्यम से देहरादून में 10 लाख की ठगी को अंजाम दिया था.

बताया जा रहा है कि ये गिरोह उत्तराखंड में सक्रिय है. इसमें अन्य लोगों की धरपकड़ जारी है. देहरादून साइबर क्राइम पुलिस ने राजस्थान से इस गिरोह के सरगना प्रभु राम खीचड़ (पुत्र रणजीत निवासी ग्राम छाजूसर थाना रतननगर जनपद चूरू) से गिरफ्तार किया है.

QUICK SUPPORT एप डाउनलोड करा लाखों की ठगी: गिरफ्तार साइबर क्रिमिनल प्रभु राम ने देहरादून के पूर्व आईएफएस अधिकारी रविकांत उपाध्याय से बिजली के बकाया बिल जमा न करने की चेतावनी देते हुए ठगी की थी. देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के अनुसार, पिछले दिनों शिकायतकर्ता रविकांत उपाध्याय के साथ अज्ञात अभियुक्तों ने खुद को बिजली विभाग से बताते हुए अलग-अलग फोन नम्बरों से सम्पर्क कर बिजली का बिल जमा न होने की बात कही. फिर शिकायतकर्ता को मैसेज के जरिये QUICK SUPPORT एप डाउनलोड करवाकर लिंक भेजा गया और उनके बैंक की जानकारी प्राप्त की गई. फिर मात्र 10 रुपये ट्रांसफर कराने के नाम पर बैंक खाते से 9,93,994 रुपये की धनराशि को धोखाधड़ी से उड़ा लिया.

ये भी पढ़ें: Cyber Fraud in Jaipur: राजस्थान के मुख्य सचिव का फर्जी WhatsApp Account बना साइबर ठग ने मांगे पैसे

मामले की गंभीरता को देखते हुए शिकायतकर्ता की तहरीर पर देहरादून साइबर क्राइम पुलिस ने धारा 420 आईपीसी और 66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर धरपकड़ की कार्रवाई शुरू की.

साइबर क्राइम पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किये गए गिरोह के सरगना से पूछताछ से जानकारी सामने आई है कि अभियुक्त अलग-अलग नम्बरों से कॉल कर खुद को बिजली विभाग का अधिकारी बताता था. फिर बिजली का बिल भुगतान न होने पर कनेक्शन कटने की बात कहते हुए मोबाइल पर लिंक भेजकर QUICK SUPPORT एप डाउनलोड कराया जाता है. इसके बाद मात्र 10 रुपये का पेमेंट रिचार्ज कराकर फोन का एक्सेस प्राप्त कर बैंक खाते को खाली किया जाता है.

ऐसे गिरोह के सदस्यों पर गैंगस्टर लगाई जाएगी: एसटीएफ SSP आयुष अग्रवाल के अनुसार, राजस्थान चूरू से गिरफ्तार किये गए इस साइबर अपराधी ने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से धोखाधड़ी की है. पूछताछ में गैंग के ठगी करने के तरीके का पर्दाफाश हुआ है. भविष्य में ऐसे गिरोह पर गैंगस्टर की कार्रवाई भी अमल में लायी जा सकती है.

देहरादून: बिजली का बकाया बिल जमा करने की आड़ में धोखाधड़ी (Cheating in the name of electricity bill) करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना को उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस में राजस्थान के चूरू से गिरफ्तार किया है. इस शख्स ने खुद को पावर कॉरपोरेशन का अधिकारी बताकर लंबित बिल भुगतान न करने के सूरत में बिजली का कनेक्शन काटने की चेतावनी देकर QUICK SUPPORT एप डाउनलोड के माध्यम से देहरादून में 10 लाख की ठगी को अंजाम दिया था.

बताया जा रहा है कि ये गिरोह उत्तराखंड में सक्रिय है. इसमें अन्य लोगों की धरपकड़ जारी है. देहरादून साइबर क्राइम पुलिस ने राजस्थान से इस गिरोह के सरगना प्रभु राम खीचड़ (पुत्र रणजीत निवासी ग्राम छाजूसर थाना रतननगर जनपद चूरू) से गिरफ्तार किया है.

QUICK SUPPORT एप डाउनलोड करा लाखों की ठगी: गिरफ्तार साइबर क्रिमिनल प्रभु राम ने देहरादून के पूर्व आईएफएस अधिकारी रविकांत उपाध्याय से बिजली के बकाया बिल जमा न करने की चेतावनी देते हुए ठगी की थी. देहरादून साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के अनुसार, पिछले दिनों शिकायतकर्ता रविकांत उपाध्याय के साथ अज्ञात अभियुक्तों ने खुद को बिजली विभाग से बताते हुए अलग-अलग फोन नम्बरों से सम्पर्क कर बिजली का बिल जमा न होने की बात कही. फिर शिकायतकर्ता को मैसेज के जरिये QUICK SUPPORT एप डाउनलोड करवाकर लिंक भेजा गया और उनके बैंक की जानकारी प्राप्त की गई. फिर मात्र 10 रुपये ट्रांसफर कराने के नाम पर बैंक खाते से 9,93,994 रुपये की धनराशि को धोखाधड़ी से उड़ा लिया.

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मामले की गंभीरता को देखते हुए शिकायतकर्ता की तहरीर पर देहरादून साइबर क्राइम पुलिस ने धारा 420 आईपीसी और 66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर धरपकड़ की कार्रवाई शुरू की.

साइबर क्राइम पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किये गए गिरोह के सरगना से पूछताछ से जानकारी सामने आई है कि अभियुक्त अलग-अलग नम्बरों से कॉल कर खुद को बिजली विभाग का अधिकारी बताता था. फिर बिजली का बिल भुगतान न होने पर कनेक्शन कटने की बात कहते हुए मोबाइल पर लिंक भेजकर QUICK SUPPORT एप डाउनलोड कराया जाता है. इसके बाद मात्र 10 रुपये का पेमेंट रिचार्ज कराकर फोन का एक्सेस प्राप्त कर बैंक खाते को खाली किया जाता है.

ऐसे गिरोह के सदस्यों पर गैंगस्टर लगाई जाएगी: एसटीएफ SSP आयुष अग्रवाल के अनुसार, राजस्थान चूरू से गिरफ्तार किये गए इस साइबर अपराधी ने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से धोखाधड़ी की है. पूछताछ में गैंग के ठगी करने के तरीके का पर्दाफाश हुआ है. भविष्य में ऐसे गिरोह पर गैंगस्टर की कार्रवाई भी अमल में लायी जा सकती है.

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