चूरू. राजगढ़ थाना प्रभारी विष्णुदत्त विश्नोई आत्महत्या प्रकरण में सीबीआई से जांच की मांग हर दिन तेज हो रही है. पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में कहा कि जनमानस की भावना है कि इस प्रकरण की जांच सीबीआई ही करे. राजस्थान सरकार की जांच एजेंसी इस मामले में राज्य सरकार के दवाब में है और न्याय नहीं कर सकेगी.
कस्वां ने उदाहरण देते हुए कहा कि सीआई विष्णुदत्त के सुसाइड प्रकरण के बाद थाने के पूरे स्टाफ ने तबादला करने की अर्जी दी थी, अब उन्हें भी दबाने की कोशिश की जा रही है. कस्वां ने कहा कि आने वाले समय मे विष्णुदत्त विश्नोई आत्महत्या प्रकरण बड़ा मुद्दा बनेगा और राज्य सरकार को खामियाजा भुगतना होगा. कस्वां ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित भाजपा नेताओं पर लॉकडाउन का उल्लंघन करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने के नाम पर दर्ज किए गए मुकदमों को भी राज्य सरकार की साजिश बताया. कस्वां ने कहा इस तरह के मुकदमों से भाजपा के कार्यकर्ता डरने वाले नहीं है.
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पूर्व सांसद ने कहा कि विष्णुदत्त आत्महत्या प्रकरण में वे न्याय की मांग को लेकर थाने के सामने पंहुचे. वहां बड़ी संख्या में लोग भी मौजूद थे. न्याय के मांग की शुरुआत मैंने की और सांसद राहुल कस्वां भी मौजूद थे. जबकि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करने का मुकदमा राजेंद्र राठौड़ और अन्य नेताओं के खिलाफ दर्ज किया गया. यह कांग्रेस की बांटने की साजिश है जिसमें वे सफल नहीं होंगे. पूर्व सांसद ने कहा कि राजगढ़ थाना भवन के निर्माण के लिए सीआई की ओर से पांच करोड़ का चंदा इक्कठा करने की कहानी उनको बदनाम करने की साजिश है. सीआई विश्नोई ईमानदार अधिकारी थे.
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स्थानीय विधायक उनका तबादला करवाना चाहती थी. सीएमओ तक शिकायत की गई. थाना भवन निर्माण कमेटी के तीन प्रमुख सदस्य विधायक कृष्णा पूनिया के नजदीकी लोग ही हैं. पूर्व सांसद कस्वां ने कहा कि सीआई विष्णुदत्त ने रोजनामचे में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं की ओर से राजनीतिक दवाब और अन्य कई रपटें डाली गई हैं. रोजनामचे में रपट बड़ी बात है. इसको भी जांच का आधार बनाना चाहिए.