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चूरूः RJS में सफल होने वाले युवाओं ने दिया सफलता का मंत्र, कहा- सेल्फ स्टडी के साथ गाइडेंस जरूरी - Rajasthan Judicial Service Recruitment Examination

राजस्थान न्यायिक सेवा भर्ती परीक्षा 2019 का परिणाम मंगलवार देर रात को राजस्थान हाई कोर्ट की ओर से जारी कर दिया गया. यह परिणाम चूरू के युवाओं के लिए बेहद खास रहा. न्यायिक सेवा भर्ती परीक्षा में जिले के पांच युवाओं का चयन हुआ है.

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Published : Nov 20, 2019, 4:51 PM IST

चूरू. राजस्थान न्यायिक सेवा भर्ती परीक्षा 2019 का परिणाम मंगलवार देर रात को राजस्थान हाई कोर्ट की ओर से जारी कर दिया गया. बता दें कि की जिले के पांच युवाओं का इसमें चयन हुआ है. खास बात यह रही कि पांचों ने एक साथ रहकर तैयारी की. वहीं एक साथ ही जज बनने से चूरू में यह चर्चा का विषय बन गया है.

चूरू के पांच युवा बने आरजेएस

पढ़ेंः सीएचओ के 2500 पदों पर निरस्त हुई भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू करने की मांग को लेकर नर्सिंग छात्रों का प्रदर्शन

बताया सफलता का राज

आरजेएस बने इन युवाओं ने अपनी सक्सेस के राज भी बताए है. इनका कहना है कि किसी भी कंपटीशन के लिए नियमित और लंबी तैयारी जरूरी है. वहीं परिवार के लोगों का सहयोग भी. सेल्फ स्टडी के साथ कोचिंग नहीं लेकिन गाइडेंस जरूरी है. इनका कहना है कि सोशल मीडिया किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में आपका सहयोगी भी हो सकता है, लेकिन ज्यादा इस्तेमाल करना नुकसानदायक भी हो सकता है. ऐसे में सोशल मीडिया पर वही पढे, वही देखें जो आपके कॅरियर के लिए जरूरी है.

इनका हुआ चयन

  • 1. नेहा कुमावत: नेहा चूरू शहर में सफेद घंटाघर के पास रहती है. इन्हें 41वीं रैंक मिली है और उनके पिता डीईओ कार्यालय में सहायक प्रशासनिक अधिकारी है.
  • 2. जया सैनी: चूरू में ही नई सड़क पर रहती हैं. इनकी रैंक 53वीं है. इनके पिता की दवाइयों की दुकान है.
  • 3. अविनाश चांगल: अविनाश चूरू के अग्रसेन नगर में रहते हैं. इन्होंने 109वीं रैंक प्राप्त की है. वर्तमान में चित्तौड़गढ़ में सहायक अभियोजन अधिकारी है.
  • 4. सना खान: सना के पिता एडवोकेट है. सना ने दूसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की है. सना ने 130वीं रैंक हासिल की है.
  • 5. महेंद्र मीणा: महेंद्र ने 192 रैंक हासिल की है. चूरू के पास रामसरा गांव के रहने वाले है. इनका तीसरा प्रयास था.

वहीं जया सैनी का कहना है कि किसी भी कंपटीशन में सक्सेस होने के लिए नियमित और लंबे समय तक तैयारी करने की जरूरत है. इसमें परिवार के सदस्यों का सहयोग जरूरी है. सोशल मीडिया को भी आप कंपटीशन की तैयारी के तौर पर ही इस्तेमाल करें. महेंद्र का कहना है कि आरजेएस परीक्षा की तैयारी के लिए सेल्फ स्टडी के साथ मार्गदर्शन की जरूरी है. परिवार के लोगों का सहयोग भी जरूरी है.

चूरू. राजस्थान न्यायिक सेवा भर्ती परीक्षा 2019 का परिणाम मंगलवार देर रात को राजस्थान हाई कोर्ट की ओर से जारी कर दिया गया. बता दें कि की जिले के पांच युवाओं का इसमें चयन हुआ है. खास बात यह रही कि पांचों ने एक साथ रहकर तैयारी की. वहीं एक साथ ही जज बनने से चूरू में यह चर्चा का विषय बन गया है.

चूरू के पांच युवा बने आरजेएस

पढ़ेंः सीएचओ के 2500 पदों पर निरस्त हुई भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू करने की मांग को लेकर नर्सिंग छात्रों का प्रदर्शन

बताया सफलता का राज

आरजेएस बने इन युवाओं ने अपनी सक्सेस के राज भी बताए है. इनका कहना है कि किसी भी कंपटीशन के लिए नियमित और लंबी तैयारी जरूरी है. वहीं परिवार के लोगों का सहयोग भी. सेल्फ स्टडी के साथ कोचिंग नहीं लेकिन गाइडेंस जरूरी है. इनका कहना है कि सोशल मीडिया किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में आपका सहयोगी भी हो सकता है, लेकिन ज्यादा इस्तेमाल करना नुकसानदायक भी हो सकता है. ऐसे में सोशल मीडिया पर वही पढे, वही देखें जो आपके कॅरियर के लिए जरूरी है.

इनका हुआ चयन

  • 1. नेहा कुमावत: नेहा चूरू शहर में सफेद घंटाघर के पास रहती है. इन्हें 41वीं रैंक मिली है और उनके पिता डीईओ कार्यालय में सहायक प्रशासनिक अधिकारी है.
  • 2. जया सैनी: चूरू में ही नई सड़क पर रहती हैं. इनकी रैंक 53वीं है. इनके पिता की दवाइयों की दुकान है.
  • 3. अविनाश चांगल: अविनाश चूरू के अग्रसेन नगर में रहते हैं. इन्होंने 109वीं रैंक प्राप्त की है. वर्तमान में चित्तौड़गढ़ में सहायक अभियोजन अधिकारी है.
  • 4. सना खान: सना के पिता एडवोकेट है. सना ने दूसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की है. सना ने 130वीं रैंक हासिल की है.
  • 5. महेंद्र मीणा: महेंद्र ने 192 रैंक हासिल की है. चूरू के पास रामसरा गांव के रहने वाले है. इनका तीसरा प्रयास था.

वहीं जया सैनी का कहना है कि किसी भी कंपटीशन में सक्सेस होने के लिए नियमित और लंबे समय तक तैयारी करने की जरूरत है. इसमें परिवार के सदस्यों का सहयोग जरूरी है. सोशल मीडिया को भी आप कंपटीशन की तैयारी के तौर पर ही इस्तेमाल करें. महेंद्र का कहना है कि आरजेएस परीक्षा की तैयारी के लिए सेल्फ स्टडी के साथ मार्गदर्शन की जरूरी है. परिवार के लोगों का सहयोग भी जरूरी है.

Intro:चूरू। राजस्थान न्यायिक सेवा भर्ती परीक्षा 2019 का परिणाम मंगलवार देर रात को राजस्थान हाई कोर्ट की ओर से जारी कर दिया गया। यह परिणाम चूरू के युवाओं के लिए बेहद खास रहा। चुरू जिले के पांच युवाओं का चयन हुआ है।
खास बात यह रही कि पांचों ने एक साथ रहकर तैयारी की। वही एक साथ ही जज बनने से चूरू में यह चर्चा का विषय बन गया है। युवाओं का बुधवार को जनसंपर्क कार्यालय में स्वागत भी किया गया।
यह बताए सफलता के राज
आरजेएस बने इन युवाओं ने अपनी सक्सेस के राज भी बताए है। इनका कहना है कि किसी भी कंपटीशन के लिए नियमित और लंबी तैयारी जरूरी है तो वहीं परिवार के लोगों का सहयोग भी। सेल्फ स्टडी के साथ कोचिंग नहीं लेकिन गाइडेंस जरूरी है।
इनका कहना है कि सोशल मीडिया किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में आपका सहयोगी भी हो सकता है। लेकिन ज्यादा इस्तेमाल करना नुकसानदायक भी हो सकता है। ऐसे में सोशल मीडिया पर वही पढे, वही देखें जो आपके कॅरियर के लिए जरूरी है।


Body:इनका हुआ चाहिए
1. नेहा कुमावत: नेहा चूरू शहर में सफेद घंटाघर के पास रहती है। इन्हें 41वीं रैंक मिली है और उनके पिता डीईओ कार्यालय में सहायक प्रशासनिक अधिकारी है।
2. जया सैनी: चूरू में ही नई सड़क पर रहती हैं। इनकी रैंक 53 वी है। इनके पिता की दवाइयों की दुकान है।
3. अविनाश चांगल: अविनाश चूरू के अग्रसेन नगर में रहते हैं। इन्होंने 109 वीं रैंक प्राप्त की है। वर्तमान में चित्तौड़गढ़ में सहायक अभियोजन अधिकारी है।
4. सना खान: सना के पिता एडवोकेट है। सना ने दूसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की है। सना ने 130वीं रैंक हासिल की है।
5. महेंद्र मीणा: महेंद्र ने 192 रैंक हासिल की है। चूरू के पास रामसरा गांव के रहने वाले है। इनका तीसरा प्रयास था।


Conclusion:बाइट: जया सैनी, आरजेएस चयनित
जया सैनी का कहना है कि किसी भी कंपटीशन में सक्सेस होने के लिए नियमित और लंबे समय तक तैयारी करने की जरूरत है। इसमें परिवार के सदस्यों का सहयोग जरूरी है। सोशल मीडिया को भी आप कंपटीशन की तैयारी के तौर पर ही इस्तेमाल करें।
बाइट: महेंद्र मीणा, आरजेएस चयनित
महेंद्र का कहना है कि आरजेएस परीक्षा की तैयारी के लिए सेल्फ स्टडी के साथ मार्गदर्शन की जरूरी है। परिवार के लोगों का सहयोग भी जरूरी है।
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