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पिता ने रिश्तों को ताक पर रख किया बेटी को बेघर, पड़ोसी बने सहारा

यह दर्द भरी दास्तां कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि हकीकत में जिंदगी में जूझते हुए रिश्तों को ताक में रखने वाले एक पिता की बेटी की सच्चाई है.

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Published : Aug 21, 2019, 2:17 PM IST

चूरू. एक ओर जहां पिता और बेटी का रिश्ता मौन भावनाओं से सराबोर माना जाता है. वहीं दूसरी ओर एक पिता ऐसा भी है, जिसने अपनी ही विकलांग बेटी को बेघर कर दिया. जेहरा खातून के पिता ने उसकी सौतेली मां के साथ मिलकर उसकी दुर्दशा कर रखी है. खातून शहर के वार्ड 12 के चमन बास में रहने वाली एक विकलांग युवती हैं. जो अब पड़ोसियों के घर में शरण लेने को मजबूर हैं. जेहरा का कहना है कि उसकी इस दुर्दशा के जिम्मेदार उसके जन्म देने वाले पिता और सौतेली मां है.

पिता ने रिश्तों को ताक पर रख किया बेटी को बेघर

जेहरा के अनुसार उनकी मां का निधन 30 साल पहले ही हो गया था. उस समय उनकी उम्र करीब 7 साल थी. दोनों पैरों से विकलांग होने की वजह से उसकी शादी भी नहीं हो सकी. पिता अब्दुल रहमान कुवैत में रहते थे. इसके बाद में चूरू लौटने पर उनके पिता ने रहीसा नाम की एक महिला से निकाह कर लिया. उसके बाद उस महिला से साहिल, समरीन और सरीना तीन संतानें भी पैदा हुई. इस बीच उसके पिता और सौतेली मां ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया.

यह भी पढ़ें- किसानों पर 'आसमानी' मार की ग्राउंड जीरो रिपोर्ट....बूंदी में खरीफ की फसल पूरी तरह से चौपट

अब हालात यह हो गए हैं कि पिछले दो महीने से उसे मारपीट करके घर से बाहर निकाल दिया है. इसे लेकर पुलिस में मुकदमा भी दर्ज कराया गया. लेकिन अभी तक वह पड़ोसियों के घर में रहने को मजबूर है, क्योंकि उसके पिता उसे घर में घुसने नहीं दे रहे हैं.

पड़ोसी बने परिवार...

बाप के मुंह फेर लेने के बाद अब जेहरा का ठिकाना उसके पड़ोसी बन गए हैं. जेहरा को पिछले दो महीने से पड़ोसियों ने शरण दे रखी है. यही लोग इसको सुबह शाम का खाना देते हैं और रहने को ठिकाना. जेहरा का कहना है कि उसके पिता सुबह ही घर के ताला लगा कर चले जाते है. उनका शहर में ही एक दूसरी जगह भी मकान है. ऐसे में उसके रहने का ठिकाना नहीं है. घर में घुसने पर पिता मारपीट पर उतारू हो जाते हैं.

संपत्ति से कर रहे बेदखल...

जेहरा का कहना है कि उसके पिता और सौतेली मां उसे संपत्ति से बेदखल करने की कोशिश कर रहे है. शहर की ही उस्मानाबाद कॉलोनी में एक प्लॉट उसके नाम से खरीदा गया था. उसे भी उसके पिता ने बगैर उसकी इजाजत के बेच दिया है. जेहरा खातून का कहती हैं कि वे लोग उसकी संपत्ति को हड़पना चाहते हैं. अपना घर होने के बावजूद भी पड़ोसियों की शरण में रहने को मजबूर हो गई है.

यह भी पढ़ें- जयपुर में धारा 144 की अवधि को बढ़ाया गया...

पड़ोसी और रिश्तेदार हमीदा का कहना है कि लंबे समय तक उसी ने जेहरा खातून को अपने घर पर रखा है. अब उनके परिवार के लोग भी इसका विरोध कर रहे है. पिछले दो महीने से वह घर से बाहर रहने को मजबूर है. पड़ोसी मदद करते हैं तो जेहरा के पिता उनके साथ भी बदसलूकी और मारपीट करने की कोशिश करते है. पुलिस को कई बार कहा लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है. कोतवाली थाना प्रभारी नरेश गेरा ने इस मामले को लेकर कहा कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. अभी इसकी तफ्तीश की जा रही है. परिवार के बीच संपत्ति को लेकर कोई विवाद है.

चूरू. एक ओर जहां पिता और बेटी का रिश्ता मौन भावनाओं से सराबोर माना जाता है. वहीं दूसरी ओर एक पिता ऐसा भी है, जिसने अपनी ही विकलांग बेटी को बेघर कर दिया. जेहरा खातून के पिता ने उसकी सौतेली मां के साथ मिलकर उसकी दुर्दशा कर रखी है. खातून शहर के वार्ड 12 के चमन बास में रहने वाली एक विकलांग युवती हैं. जो अब पड़ोसियों के घर में शरण लेने को मजबूर हैं. जेहरा का कहना है कि उसकी इस दुर्दशा के जिम्मेदार उसके जन्म देने वाले पिता और सौतेली मां है.

पिता ने रिश्तों को ताक पर रख किया बेटी को बेघर

जेहरा के अनुसार उनकी मां का निधन 30 साल पहले ही हो गया था. उस समय उनकी उम्र करीब 7 साल थी. दोनों पैरों से विकलांग होने की वजह से उसकी शादी भी नहीं हो सकी. पिता अब्दुल रहमान कुवैत में रहते थे. इसके बाद में चूरू लौटने पर उनके पिता ने रहीसा नाम की एक महिला से निकाह कर लिया. उसके बाद उस महिला से साहिल, समरीन और सरीना तीन संतानें भी पैदा हुई. इस बीच उसके पिता और सौतेली मां ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया.

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अब हालात यह हो गए हैं कि पिछले दो महीने से उसे मारपीट करके घर से बाहर निकाल दिया है. इसे लेकर पुलिस में मुकदमा भी दर्ज कराया गया. लेकिन अभी तक वह पड़ोसियों के घर में रहने को मजबूर है, क्योंकि उसके पिता उसे घर में घुसने नहीं दे रहे हैं.

पड़ोसी बने परिवार...

बाप के मुंह फेर लेने के बाद अब जेहरा का ठिकाना उसके पड़ोसी बन गए हैं. जेहरा को पिछले दो महीने से पड़ोसियों ने शरण दे रखी है. यही लोग इसको सुबह शाम का खाना देते हैं और रहने को ठिकाना. जेहरा का कहना है कि उसके पिता सुबह ही घर के ताला लगा कर चले जाते है. उनका शहर में ही एक दूसरी जगह भी मकान है. ऐसे में उसके रहने का ठिकाना नहीं है. घर में घुसने पर पिता मारपीट पर उतारू हो जाते हैं.

संपत्ति से कर रहे बेदखल...

जेहरा का कहना है कि उसके पिता और सौतेली मां उसे संपत्ति से बेदखल करने की कोशिश कर रहे है. शहर की ही उस्मानाबाद कॉलोनी में एक प्लॉट उसके नाम से खरीदा गया था. उसे भी उसके पिता ने बगैर उसकी इजाजत के बेच दिया है. जेहरा खातून का कहती हैं कि वे लोग उसकी संपत्ति को हड़पना चाहते हैं. अपना घर होने के बावजूद भी पड़ोसियों की शरण में रहने को मजबूर हो गई है.

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पड़ोसी और रिश्तेदार हमीदा का कहना है कि लंबे समय तक उसी ने जेहरा खातून को अपने घर पर रखा है. अब उनके परिवार के लोग भी इसका विरोध कर रहे है. पिछले दो महीने से वह घर से बाहर रहने को मजबूर है. पड़ोसी मदद करते हैं तो जेहरा के पिता उनके साथ भी बदसलूकी और मारपीट करने की कोशिश करते है. पुलिस को कई बार कहा लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है. कोतवाली थाना प्रभारी नरेश गेरा ने इस मामले को लेकर कहा कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. अभी इसकी तफ्तीश की जा रही है. परिवार के बीच संपत्ति को लेकर कोई विवाद है.

Intro:चूरू। यह दर्द भरी कोई काल्पनिक कहानी नहीं हकीकत में जिंदगी से परेशान जेहरा खातून के साथ बीत रही सच्चाई है। दोनों पैरों से विकलांग जेहरा खातून शहर के वार्ड 12 के चमन बास में इन दिनों पड़ोसियों के घर में शरण लेने को मजबूर है। जेहरा का कहना है कि उसकी इस दुर्दशा के जिम्मेदार हैं उसके जन्म देने वाले पिता और सौतेली मां।
जेहरा का कहना है कि उनकी मां का निधन 30 साल पहले ही हो गया था। उस समय उनकी उम्र करीब 7 वर्ष थी। दोनों पैरों से विकलांग होने की वजह से उसकी शादी भी नहीं हो सकी। पिता अब्दुल रहमान कुवैत में रहते थे। इसके बाद में चूरू लौटने पर उनके पिता ने रहीसा नाम की एक महिला से विवाह कर लिया। उसके बाद में उस महिला से साहिल, समरीन और सरीना तीन संतानें भी पैदा हुई। इसी बीच उसके पिता और सौतेली मां ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया। अब हालात यह हो गए हैं कि पिछले दो महीने से उसे मारपीट करके घर से बाहर निकाल दिया है।इसको लेकर पुलिस में मुकदमा भी दर्ज कराया गया, लेकिन अभी तक वह पड़ोसियों के घर में रहने को मजबूर है क्योंकि उसके पिता उसे घर में घुसने नहीं दे रहे है।


Body:पिछले दो महीने से पड़ोसियों ने दे रखी है शरण
जेहरा को पिछले दो महीने से पड़ोसियों ने शरण दे रखी है। यही लोग इसको सुबह शाम का खाना देते हैं और रहने को ठिकाना। जेहरा का कहना है कि उसके पिता सुबह ही घर के ताला लगा कर चले जाते है। उनका शहर में ही एक दूसरी जगह भी मकान है। ऐसे में उसके रहने का ठिकाना नहीं है। घर में घुसने पर पिता मारपीट पर उतारू हो जाते है।
संपत्ति से बेदखल करने का कर रहे हैं प्रयास
जेहरा का कहना है कि उसके पिता और सौतेली मां उसे संपत्ति से बेदखल करने की कोशिश कर रहे है। शहर की ही उस्मानाबाद कॉलोनी में एक प्लॉट उसके नाम से खरीदा गया था, उसे भी उसके पिता ने बगैर उसकी इजाजत के बेच दिया है।


Conclusion:बाइट: एक- जेहरा खातून, पीड़िता।
जेहरा खातून का कहना है कि उसे उसके पिता और सौतेली मां ने घर से निकाल दिया है। वे लोग उसकी संपत्ति को हड़पना चाहते हैं। अपना घर होने के बावजूद भी पड़ोसियों की शरण में रहने को मजबूर हो गई है।
बाइट: दो- हमीदा, पड़ौसी।
पड़ोसी व रिश्तेदार हमीदा का कहना है कि लंबे समय तक उसी ने जेहरा खातून को अपने घर पर रखा है। अब परिवार के लोग भी इसका विरोध कर रहे है।पिछले दो महीने से वह घर से बाहर रहने को मजबूर है। पड़ोसी मदद करते हैं तो जेहरा के पिता उनके साथ भी बदसलूकी और मारपीट करने की कोशिश करते है। पुलिस को कई बार कहा लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है।
बाइट: तीन- नरेश गैरा, सीआई, थाना कोतवाली।
कोतवाली थाना प्रभारी नरेश गेरा का कहना है कि इस मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। अभी इसकी तफ्तीश की जा जा रही है। परिवार के बीच संपत्ति को लेकर कोई विवाद है।
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