चूरू. जिले के सिद्धमुख थाना क्षेत्र के गांव हंसीयावास की बुजुर्ग महिला को अपनों ने ही जख्म दिया है. घरेलू हिंसा की शिकार बुजुर्ग महिला दर-दर भटकने को मजबूर है. लेकिन कोई भी उसकी सुनवाई नहीं कर रहा है. पुलिस भी नहीं सुन रही है. अपने पति और बेटे की हिंसा की शिकार हुई घायल महिला 3 दिन सरकारी अस्पताल में उपचार करवाने के बाद अब रैन बसेरे में रहने को मजबूर है.
बुजुर्ग महिला अब खाने-पीने के लिए भी मोहताज है. महिला ने पुलिस के बड़े अधिकारियों से मिलकर कई बार न्याय की गुहार लगाई, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद अब मीडिया के सामने बुजुर्ग महिला ने अपनी पीड़ा बताई. महिला ने बताया, कि उसके पास आईडी प्रूफ नहीं होने के चलते अब रैन बसेरे वाले भी उसे कहीं और जाने के लिए कह रहे हैं.
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कलेक्ट्रेट परिसर में बदहवास घूमती बुजुर्ग महिला अपना नाम बाला देवी बता रही है, जो सादुलपुर तहसील के सिद्धमुख थाना क्षेत्र के हासियावास गांव की है. बाला देवी ने बताया, कि उसके परिजनों ने 10 जनवरी को उसके साथ मारपीट कर घर से निकाल दिया. जिसके बाद से ही वह इधर-उधर भटक रही है.
बुजुर्ग महिला ने बताया कि उसने सिद्धमुख पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. लेकिन वहां उसकी कोई सुनवाई नहीं की गई. जिसके बाद उसने चूरू में बड़े पुलिस अधिकारियों से भी मदद की गुहार लगाई. लेकिन वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई.