चूरू. एक बार फिर Etv भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. जिला अस्पताल के एमसीएच विंग में ऑक्सीजन की कमी को लेकर ईटीवी भारत ने खबर प्रसारित की थी. इसके बाद शनिवार को चाइल्ड हैल्प लाइन की टीम ने मामले में सज्ञान लेते हुए अस्पताल पहुंचकर एसएनसीयू वार्ड का दौरा किया. साथ ही अस्पताल अधीक्षक और एसएनसीयू वार्ड प्रभारी से जवाब तलब किया. लापरवाही के इस पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन की ओर से भी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है.
गौरतलब है शुक्रवार को 'एमसीएच विंग के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती आठ मासूम तड़पे प्राणवायु के लिए' और 'अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट भगवान भरोसे' की हेडलाइन से ईटीवी भारत ने खबर प्रसारित की थी. जिसके बाद जिला समन्वयक रुकैया पठान के नेतृत्व में चाइल्ड हैल्प लाइन की एक टीम जिला अस्पताल पहुंची और निरीक्षण कर अस्पताल अधीक्षक और एसएनसीयू वार्ड प्रभारी से वार्ता कर बाल कल्याण समिति के समक्ष एक रिपोर्ट पेश की.
पूरे मामले में हैरानी की बात ये है कि ईटीवी भारत ने इतनी बड़ी लापरवाही को उजागर किया, फिर भी अस्पताल प्रशासन गड़बड़ी मानने को तैयार नहीं है. अपनी गलती को छुपाने में लगा हुआ है. हालांकि खबर प्रसारित होने के बाद अस्पताल प्रशासन ने एक जांच कमेटी गठित जरूर गठित कर दी है.
दरअसल राजकीय भर्तिया अस्पताल परिसर में स्थित एमसीएच विंग के ऑक्सीजन प्लांट में लगे ऑक्सीजन सिलेंडर खाली होने के बाद भी यहां खाली होने वाले सिलेंडरों को बदलने वाला कोई नहीं था. जिस कंपनी से यह अनुबंध था, उसका अनुबंध 2 जुलाई को ही खत्म हो गया था. गुरुवार को अचानक से जो कर्मचारी यहां कार्यरत थे, उन्हें यहां से हटा दिया गया और यहां प्लांट में कर्मचारियों की कोई व्यवस्था नहीं की गई. प्लांट में सिलेंडर खाली होने पर सायरन बजने लगा. तब भी किसी की आंख नहीं खुली और एसएनसीयू वार्ड में भर्ती आठ मासूमों में से एक मासूम की तबियत बिगड़ गयी. मासूम का सैचुरेशन 70 तक पहुँच गया. तब आनन-फानन में एसएनसीयू वार्ड में भर्ती मासूमों के लिए ऑक्सीजन कन्सनट्रेंटर लगाए गए.